Promise Day: ऐसी 5 प्रेम कहानियां जो जीत लेंगी आपका दिल, ये हैं इनके यूनिक प्रॉमिस
यूं तो 14 फरवरी को वैलेनटाइन्स डे है लेकिन हम इस बार लोगों से उनका वैलेंटाइन्स प्लान नहीं बल्कि आपको बता रहे हैं उनके कुछ खास वादे जो अपने प्रेमी या लाइफ पार्टनर से करना चाहते हैं.

नई दिल्ली: यूं तो प्यार करने वालों के लिए हर दिन ही बेहद खास होता है लेकिन फरवरी आते ही हवाओं में रूमानियत पहले से कुछ ज्यादा घुल जाती है, हवाएं पहले के मुकाबले कुछ ज्यादा सुहानी लगने लगती हैं, चांद की चांदनी अचानक आसमान में पहले से कुछ ज्यादा रौशनी बिखेरनी लगती है और हवाओं में मदहोश करने वाली खूशबू बिखरी होती है... अब भला ऐसा हो भी क्यों न फरवरी में प्रेमी जोड़े वैलेंनटाइन्स डे की तैयारियों में लग जाते हैं. बाजारों से लेकर मॉल और रेस्टोरेंट तक आपको प्यार बिखरा नजर आएगा. ये एक ऐसा मौसम है जिसमें उम्र चाहे जो भी हो लेकिन प्रेमियों की उत्सुकता और एक दूसरे के लिए समर्पण का भाव पहले से जरा ज्यादा बढ़ जाता है. इसी खास मौके को और भी खास बनाने के लिए हम ऐसे ही कुछ प्रेमी जोड़ों की बेहद खास स्टोरी लेकर आए हैं.
ये सभी कहानियां किन्हीं नामी चेहरों की नहीं बल्कि ये प्रेम कहानियां हैं हमारे और आपके जैसे आम लोगों की. यूं तो 14 फरवरी को वैलेनटाइन्स डे है लेकिन हम इस बार लोगों से उनका वैलेंटाइन्स प्लान नहीं बल्कि आपको बता रहे हैं उनके कुछ खास वादे जो अपने प्रेमी या लाइफ पार्टनर से करना चाहते हैं.
1. जसवीर कौर और गुरबाज
पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखने वाली जसवीर और गुरबाज की कहानी भी कुछ कम दिलचस्प नहीं हैं. दिल्ली के रहने वाले इस कपल की यूं तो अरेंज मैरेज होने वाली थी लेकिन कहते हैं न जोड़ियां ऊपर वाला बनाता है और कब कहां कैसे आपको आपका जीवन साथी मिल जाए कह नहीं सकते. बकौल जसवीर, 'मेरे घर पर रिश्ता तो गुरबाज के बड़े भाई के लिए आया था लेकिन कुछ बात नहीं बनी और शादी टल गई. लेकिन इस बीच कब और कैसे मेरी और गुरबाज की आंखों ने एक दूसरे को पसंद किया पता ही नहीं चला. बात शादी तक पहुंची.... लेकिन उस बार मुश्किल ये थी कि एक बार ये रिश्ता टूट चुका था तो दोबारा बात कैसे शुरू हो. खैर, काफी मेहनत के बाद हम अपने-अपने परिवार वालों को मनाने में कामयाब रहे. इस 27 जनवरी को हमारी शादी को 7 साल हो जाएंगे और हमें अभी भी यकीन नहीं होता कि हमारी शादी को इतना वक्त गुजर गया.'
जसवीर: इस वैलेंटाइन्स डे मैं अपने पति गुरबाज से प्रॉमिस चाहती हूं कि वो मुझे सिर्फ इंडिया ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया घुमाए और हम साथ मं तब तक घूमें जब तक कि हम बूढ़े न हो जाएं. मुझे डांस का बहुत शौक है मैं चाहती हूं कि हम अपने बच्चों की ही नहीं, अपने पोता-पोती की शादी में भी स्टेज पर साथ में डांस करें. मैं उन्हें फिल्मी डायलॉग डेडिकेट करूंगी, ''इतनी शिद्दत से मैंने तुम्हें पाने की कोशिश की है कि जर्रे-जर्रे ने मुझे तुमसे मिलाने की साजिश की है.''
गुरबाज: मैं बहुत ज्यादा फिटनेस फ्रीक हूं इसलिए मैं जसवीर से प्रॉमिस चाहता हूं कि वो हमेशा खुद को फिट रखे ताकि कभी बीमारी के चलते हमें अपने घूमने के प्लान को ड्रॉप न करना पड़े. जहां तक बात फिल्मी डायलॉग की है तो मैं बस यही कहना चाहूंगा, ''प्यार ही वो जादू है जो हमेशा जवान बनाए रखता है.''
2. चंदन जयसवाल और कंचन
मैं (चंदन जयसवाल) और मेरी पत्नी 9 सालों से साथ हैं, ये नौ साल कब निकल गए हमें पता ही नहीं चला. दो साल तक एक दूसरे को डेट करने के बाद शादी का फैसला लिया और जैसा कि हमारे देश में होता है शादी के लिए घरवालों को मनाने का एक लंबा दौर चला. बिहार से उड़ीसा तक का सफर करने में हमें एक साल लग गया. मैं बिहार से हूं और मेरी पत्नी कंचन उड़ीसा से ताल्लुक रखती हैं. लंबी जद्दोजहद के बाद हम घरवालों को मनाने में कामयाब रहे और हमारी शादी हो गई. आज शादी के 7 साल बाद भी हमारा प्यार वैसा ही है जैसा 9 साल पहले था. चंदन जयसवाल: इस वैलेनटाइन को खास बनाने के लिए मैं कंचन से ये वादा करना चाहता हूं कि मैं उसे कभी बूढ़ा नहीं होने दूंगा, कितना भी जिंदगी आगे बढ़े और जिम्मेदारियों का बोझ आए मैं कभी इस सब के बीच में उन्हें उनकी निजी जिंदगी को भूलने नहीं दूंगा. मैं हमेशा उन्हें ये कहता हूं जब वो परेशान होती है तो, ''बड़े-बड़े शहरों में छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं.'' कंचन: मैं चंदन से प्रॉमिस चाहती हूं कि वो मुझे बस यूं ही प्यार करता रहे फिर चाहे उम्र का दौर कुछ भी हो.. ये चंदन के प्यार ही को वो जादू है जो हमेशा जवान बनाए रखता है. तो बस मुझे यूं ही प्यार करते रहिएगा. 3. चेतना और गौरव
कहते हैं कि जोड़ियां ऊपर वाला बनाता है लेकिन आजकल कुछ खूबसूरत जोड़ियां मेट्रीमोनियल साइट भी बनाती है. ऐसी ही जोड़ी है चेतना और गौरव की. बकौल चेतना, ''मैं मेट्रीमोनियल साइट्स के सख्त खिलाफ थी. लेकिन कभी सोचा नहीं था ये साइट ही मुझे मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत तोहफा दे जाएगी. एक दिन मेट्रीमोनियल साइट पर गौरव की रिक्वेस्ट आई और जैसे ही मुझे पता चला कि हम दोनों एक ही प्रोफेशन से हैं मैंने उन्हें रिप्लाई दे दिया. बातों के बाद मुलाकात का दौर शुरू हुआ और बिन कुछ बोले ही हमें समझ आ गया कि हम एक दूसरे के लिए परफेक्ट हैं. ऐसा नहीं है कि प्यार से शादी का सफर आसान था लेकिन हम तय कर चुके थे इसलिए परिवार वाले भी मान गए.
चेतना: मैं गौरव से प्रॉमिस चाहती हूं कि वो बस हमेशा मेरे साथ यूं ही रहे हंसता-खिलखिलाता रहे. मुझे आंसू पसंद नहीं और मैं चाहती हूं दौर अच्छा हो या बुरा बस हम एक दूसरे की मुस्कुराहट के साथ जिएं. मैं उन्हें बस यही कहना चाहूंगी कि हम एक बार जीते हैं, एक बार मरते हैं ... और प्यार भी एक बार ही होता है. वो मुझे गौरव के रूप में मिल गया है.
गौरव: मैं तो बस यही चाहता हूं कि वो मुझे हमेशा यूं ही प्यार करती रहे और हमारी उम्र की तरह हमारा प्यार बढ़ता जाए और हर बार पहले से ज्यादा गहरा होता जाए.
04. दीपिका और अनशुल
जीवनसाथी डॉट कॉम पर दीपिका और अनशुल कब एक दूसरे के जीवनसाथी बन गए ये तो उन्हें भी पता चला. मेट्रीमोनियल साइट पर एक दूसरे संग बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ. दीपिका बताती हैं, ''एक साल तक फोन पर चली लंबी बातों के दौर के बाद हमने कब एक दूसरे के साथ रहने का मन बना लिया ये तो हमें भी नहीं पता. लेकिन जब हमें ये एहसास हुआ कि हम एक दूसरे के बिना नहीं रह पाएंगे, तभी हमने बिना देर किए अपने परिवार को अपने इस रिश्ते के बारे में बताया और वो भी प्यार से मान गए. आज हमारी शादी को एक साल हो चुके हैं.''
दीपिका: मैं अनशुल से प्रॉमिस चाहती हूं, कि वो मेरे साथ प्रैंक्स करना कम कर दे नहीं तो इस बार उन्हें मेरी ओर से कांटे की टक्कर मिलने वाली है. मैं उन्हें बॉलीवुड डायलॉग डैडिकेट करना चाहूंगी, ''जब से मैंने प्यार को समझा है, प्यार को जाना है .. सिर्फ तुमसे ही प्यार किया है.''
अनशुल: मैं बस यही प्रॉमिस चाहता हूं कि जैसी वो हैं वैसी ही रहें. कभी किसी के भी लिए खुद को बदलें नहीं. मैं उन्हें फिल्म 'लगे रहो मुन्नाभाई' का डायलॉग कहना चाहूंगा, ''जब-जब तुम मुस्कुराती हो तो लगता है कि जिंदगी कितनी खूबसूरत है.''
5. डॉ. विदूषि जैन और डॉ. आशीष जयसवाल
कहते हैं कि कॉलेज में ज्यादातर लोगों को प्यार होता है लेकिन वो कम ही होते हैं जिनका प्यार मंजिल तक पहुंच पाता है. ऐसी ही एक जोड़ी है डॉ. विदूषि जैन और डॉ. आशीष जायसवाल की. इन दोनों का प्यार शुरू तो कॉलेज में हुआ लेकिन पढ़ाई खत्म होने के साथ उनका प्यार खत्म नहीं हुआ. विदूषि बताती हैं, ''हम जब मिले तो मैं MBBS के थर्ड ईयर में थीं और आशीष मेरे सीनियर थे. वो अक्सर मुझे पढ़ाते थे और अपनी इंटेलिजेंस से मुझे इंप्रेस करने की कोशिश करते थे. धीरे-धीरे हमारी दोस्ती हुई, दोस्ती गहरी दोस्ती में बदली और फिर प्यार तक पहुंची. कुछ वक्त बाद हम एक दूसरे से अलग हो गए क्योंकि आशीष का कोर्स खत्म हो गया था और वो वापस दिल्ली चले गए. लेकिन हमारी बातों का सिलसिला जारी था. हम करीब एक साल दूर रहे . इसके बाद हमने हिम्मत करके अपने रिश्ते के बारे में अपने घरवालों से बात की और वो हमारी शादी के लिए मान गए. इस 6 फरवरी को हमारी शादी को 5 साल हो गए.''
विदूषि: मैं आशीष से प्रॉमिस चाहती हूं कि वो कभी मुझसे दूर नहीं होंगे. उनको मैं ये फिल्मी डायलॉग डेडिकेट करना चाहूंगी, ''जब से मैंने प्यार को समझा है, जाना है सिर्फ तुमसे प्यार किया है और करती रहूंगी.''
आशीष: मैं प्रॉमिस करना चाहता हूं कि मैं हमेशा कोशिश करूंगा कि तुम्हारे बिन कहे तुम्हारे दिल की बात समझ सकूं. 'मुझे यकीन है कि मैं सिर्फ इसलिए जन्मा हूं कि तुमसे प्यार कर सकूं तुम सिर्फ इसलिए कि एक दिन मेरी बन जाओ'
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