Vrat Niyam: व्रत के दौरान ये 5 गलतियां भूलकर भी नहीं करें, वरना नहीं मिलेगा फल! जानें शास्त्रीय नियम क्या कहता है?
Rules for fasting: हिंदू धर्म में व्रत का काफी महत्व होता है. इसे नियमपूर्वक न करने से व्रत खंडित हो जाता है और इसका फल भी प्राप्त नहीं होता है. जानिए व्रत से जुड़े पांच नियम कौन-कौन से हैं?

Vrat ke Niyam: हिंदू धर्म में व्रत मात्र आस्था का ही नहीं बल्कि अनुशासन और आत्मिक शुद्धता का भी प्रतीक है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक व्रत के दौरान की गई छोटी-छोटी भूल भी इसे खंडित कर देती है, जिससे व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है.
व्रत रखते समय खान-पान, आचरण और नियमों का विशेष ध्यान रखा जाता है. सही विधि-विधान और सावधानियों के साथ किया गय व्रत न केवल आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है, बल्कि मन को शांत और सकारात्मक ऊर्जा से भी भर देता है. आज हम जानेंगे व्रत से जुडे़ पांच जरूरी नियमों के बारे में.
व्रत के पांच जरूरी नियम
ज्यादातर लोगों को व्रत से जुड़े नियमों की जानकारी न होने के कारण जानें अनजाने वो अपना व्रत खंडित यानी तोड़ लेते हैं. यदि आप किसी भी तरह का व्रत रखते हैं, चाहे वो जन्माष्टमी, नवरात्रि, एकादशी, महाशिवरात्रि, राधाष्टमी या आम दिनों के व्रत क्यों न हो इन 5 नियमों का जरूर पालन करना चाहिए.
व्रत में बार-बार मुंह जूठा करने से बचें
किसी भी तरह के व्रत में बार-बार मुंह जूठा करना या अन्न ग्रहण करना गलता माना जाता है. ऐसा करने से आपका व्रत खंडित हो सकता है. अगर आपको ज्यादा भूख लग रही है तो पूरे दिन में एक बार फलाहार करें. एक या दो बार से ज्यादा फलाहार करने से भी व्रत टूट जाता है.
व्रत के दौरान सोने से बचें
व्रत रखने के दौरान दिन में सोने से बचना चाहिए. जो लोग व्रत रखकर दिन में सो जाते हैं, उनका व्रत खंडित हो जाता है. साथ ही उन्हें अपने व्रत का फल भी नहीं मिलता है.
चुगली या झूठ बोलने से भी बचें.
व्रत के दौरान चुगली करना या झूठ नहीं बोलना चाहिए. जो लोग भी व्रत के दौरान किसी भी तरह की चुगली या झूठ बोलते हैं, उनका व्रत खंडित हो जाता है. इसके साथ ही उन्हें व्रत का फल भी प्राप्त नहीं होता है.
व्रत का बखान करने से बचें
व्रत के दौरान कभी भी इसका बखान नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से भी व्रत खंडित हो जाता है. व्रत में पूजा-पाठ, ध्यान और साधना की जाती है, ऐसा में इसका ढिंढोरा पिटने से बचें.
व्रत के दौरान मौन रहे
व्रत के दौरान ज्यादा बात करना भी गलत होता है. ऐसा करने से भी आपका व्रत टूट सकता है. इसलिए व्रत के दौरान नाम जाप करने के साथ ज्यादा से ज्यादा समय तक मौन रहना ही सही होता है.
व्रत नियमों को लेकर शास्त्रीय उल्लेख क्या कहता है?
- धर्म सिंधु के मुताबिक व्रत के दौरान व्यक्ति को मन, वाणी और शरीर से शुद्ध रहना जरूरी है.
- गरुड़ पुराण के अनुसार व्रत के दौरान सत्य बोलना, क्रोध से बचना और किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए.
- मनुस्मृति के अध्याय 11 के मुताबिक व्रत में हिंसा, झूठ, चोरी या चुगली करने से व्रत खंडित हो जाता है.
- स्कंद पुराण के अनुसार व्रत के दौरान एक समय भोजन या फलाहार करना ही सही होता है. ऐसा करने से मन भक्ति में लगा रहता है.
- पद्म पुराण के मुताबिक व्रत के दौरान समय, पूजा-विधि और मंत्रों का जाप करना चाहिए.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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