जब नीरज ने मंगलवार के दिन अपनी आदतों को सुधारा और शराब-मांस से परहेज किया, तब उसे ऑफिस में जिम्मेदारी मिलने लगी।
मंगलवार के उपाय: नीरज की ज़िंदगी बदली, जब उसने मंगल दोष को समझा! जानें कैसे करें सुधार, ज्योतिषीय सलाह
Mangalwar Upay: नीरज अपने जीवन में गलत आदतों में फंस चुका था. थक हारकर उसने ज्योतिषाचार्य से मिलने का निर्णय लिया. एस्ट्रोलॉजर ने नीरज को मंगलवार से जुड़े दो उपाय बताए जिसने उसकी जिंदगी बदल दी.

Mangalwar Upay: नीरज (काल्पनिक नाम) अपनी जिंदगी से काफी ऊब चुका था. उसे लगता था कि जीवन उसके हिसाब से नहीं चल रहा है. नौकरी में मन न लगना, घर में छोटी-छोटी बातों को लेकर सब पर गुस्सा करना. उसे मालूम नहीं था कि, उसकी सबसे बड़ी समस्या उसके जीवन का हिस्सा बन चुकी है.
एक मंगलवार, बिना सोचे-समझे वह अपने दोस्तों के साथ शराब पीने चला गया. किसी बात को लेकर नीरज और उसके दोस्तों में बहस हो गई. बात इतनी ज्यादा बढ़ गई कि मामला थाने तक पहुंच गया. उसी शाम, मजबूरी में वह एक पुराने ज्योतिषाचार्य के पास पहुंचा. इसकी वजह आस्था नहीं, बल्कि डर था.
ज्योतिषाचार्य ने जब नीरज की कुंडली देखी तो उन्होंने कोई हैरानी नहीं हुई, सिर्फ एक सवाल पूछा?
'मंगलवार के दिन तुम क्या खाते-पीते हो और किस हाल में रहते हो?'
ज्योतिषाचार्य के इस सवाल पर नीरज शांत हो गया.
ज्योतिषाचार्य ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि, 'मंगल तुम पर हावी है. मंगलवार के दिन तुम वही करते हो जो तुम्हारे स्वभाव को भड़काने का काम करता है. तुम्हारी यही सबसे बड़ी गलती है.'
इसके अलावा ज्योतिषाचार्य ने नीरज को कोई टोटका नहीं, बल्कि एक उपाय बताया-
- प्रत्येक मंगलवार शराब और मांस का सेवन करने से बचों.
- सूर्योदय से पहले उठकर हनुमान जी के 11 नामों का जाप करें.
नीरज को यह सुनकर मन में हंसी आई. उसे लहा इतने छोटे उपाय से क्या ही हो जाएगा?
घर जाते समय उसने इन उपायों को 5 मंगलवार तक करने का वादा किया. पहला मंगलवार बीता कोई चमत्कार नहीं हुआ.
दूसरा मंगलवार भी यूं हीं बीत गया, लेकिन तीसरे मंगलवार को उसने महसूस किया कि, वह कुछ भी जवाब देने से पहले सोचने लगा है.
पांचवां मंगलवार आते-आते उसने महसूस किया कि, उसी ऑफिस में, वही हालात, वही लोग थे लेकन उसका रिएक्शन बदल चुका था.
तीन महीने बाद उसी ऑफिस में, जहां वह विवाद में फंसा रहता था, उसे जिम्मेदारी दी जाने लगी.
नीरज को ज्योतिषाचार्य की बात तब समझ में आई कि, मंगल को कभी दबाया नहीं जाता, दिशा दी जाती है. गलती उसमें नहीं, बल्कि उसकी आदतों में थी और मंगलवार ने उसे जीवन जीने का सही आईना दिखा दिया.
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Frequently Asked Questions
नीरज की जीवनशैली में किस बदलाव के बाद उसे जिम्मेदारी मिलने लगी?
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