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नीरज की जिंदगी में सबसे बड़ी समस्या क्या थी?
नौकरी में मन न लगना और घर में छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना, जो उसकी सबसे बड़ी समस्या नहीं थी।
दोस्तों के साथ बहस होना और थाने तक मामला पहुंचना, जो एक घटना थी, समस्या नहीं।
मंगलवार को शराब और मांस का सेवन करना और गुस्से में रहना, जो उसकी आदतों का हिस्सा बन गया था और जीवन को प्रभावित कर रहा था।
ज्योतिषाचार्य के पास जाना, जो समस्या का समाधान खोजने का एक तरीका था।
ज्योतिषाचार्य ने नीरज को क्या उपाय बताया?
सिर्फ हनुमान चालीसा का पाठ करने को कहा, जो अधूरा उपाय था।
सिर्फ मंदिर जाने और दान करने को कहा, जो इस कहानी में उल्लेखित नहीं है।
मंगलवार को शराब और मांस से परहेज और हनुमान जी के 11 नामों का जाप करने को कहा, जो मुख्य उपाय थे।
कोई उपाय नहीं बताया, बल्कि सिर्फ उसकी कुंडली देखकर भविष्यवाणी की, जो गलत है।
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नीरज ने उपाय शुरू करने के बाद तीसरे मंगलवार को क्या बदलाव महसूस किया?
उसकी नौकरी में तुरंत प्रमोशन हो गया, जो तुरंत होने वाला बदलाव नहीं था।
उसने अचानक से सब पर गुस्सा करना बंद कर दिया, जो धीरे-धीरे होने वाला बदलाव था।
वह कुछ भी जवाब देने से पहले सोचने लगा, जो उसके व्यवहार में आया एक सकारात्मक बदलाव था।
उसने पूरी तरह से शराब पीना छोड़ दिया, जो उस समय तक नहीं हुआ था।
पांचवें मंगलवार तक नीरज ने क्या महसूस किया?
उसने महसूस किया कि ऑफिस में सब कुछ बदल गया है, जो पूरी तरह से सच नहीं था।
उसने महसूस किया कि उसका रिएक्शन बदल चुका था, भले ही परिस्थितियां वही थीं, जो सही बदलाव था।
उसने हनुमान जी के जाप करना बंद कर दिया था, जो गलत है।
उसे ऑफिस से निकाल दिया गया, जो कहानी के अनुसार गलत है।
नीरज को ज्योतिषाचार्य की बात कब समझ में आई?
जब उसे नौकरी से निकाल दिया गया, जो नकारात्मक परिणाम था।
जब उसने हनुमान जी का जाप करना बंद कर दिया, जो समाधान नहीं था।
जब उसे ऑफिस में जिम्मेदारी दी जाने लगी, जो सकारात्मक परिणाम था और उसने अपनी आदतों को समझा।
जब उसने शराब पीना पूरी तरह से छोड़ दिया, जो उस समय तक नहीं हुआ था।
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