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सक्सेस मंत्र: डटकर करें मुकाबला, समस्या से भागने वाले जीवन में कभी नहीं पाते हैं सम्मान
गीता का सार: ज्ञान प्राप्त करने के लिए कठिन से कठिन परीक्षा देने के लिए रहना चाहिए तैयार.ज्ञानी व्यक्ति अपने ज्ञान से बन जाता है संसार की संपति, ज्ञान लेने में नहीं करना चाहिए भेद.
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नई दिल्ली: श्रीमद्भागवत गीता (Shrimad Bhagwat Geeta) की महिमा से सभी परिचित हैं. गीता का एक-एक श्लोक जीवन को पूर्ण बना देता है. भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश तब दिया था जब कुरूक्षेत्र में अर्जुन धर्म संकट में फंस गए थे. तब अर्जुन के सारथी बने भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें युद्ध के मैदान में ही जीवन का सार बताया. जो गीता का उपदेश कहलाया. गीता हमारे दैनिक जीवन में बहुत उपयोगी है. गीता के उपदेश व्यक्ति को जीने की कला सिखाते हैं और उसे एक जिम्मेदार व्यक्ति बनने के लिए प्रेरित करते हैं. आइए जानते हैं आज का सक्सेस मंत्र (Success Mantra) -
समस्या का हल बनें: समस्या आने पर घबराना नहीं चाहिए बल्कि उसके हल को तलाश करना चाहिए. जो समस्या आने पर घबरा जाते हैं या फिर हर कार्य को एक समस्या की तरह देखते हैं. हर कार्य में कमियां निकालते हैं ऐसे लोग कार्य को लेकर गंभीर नहीं होते हैं. उनमें नकारात्मक सोच होती है जो उन्हें कार्य को समस्या बना कर प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित करती है. ऐसे व्यक्ति हर जगह पाए जाते हैं. जो व्यक्ति स्वस्थ्य मानसिकता का मालिक होता है वह किसी भी कार्य में समस्या नहीं देखता है बल्कि उसे पूरा करने के लिए पूरे उत्साह के साथ जुट जाता है.
जिसे अपने कार्य से प्रेम होता है वह कभी कार्य में समस्या नहीं देखेगा, बल्कि समस्या आने पर उसे दूर करने की भी कोशिश करेगा. जबकि प्रतिभाहीन व्यक्ति उस समस्या को लेकर प्रचार करेगा. सम्मान वही व्यक्ति पाता है जो कार्य करने में रूचि लेता है. परिणाम कुछ भी हो लेकिन किए गए प्रयासों से भी व्यक्ति सम्मान प्राप्त करता है.
ज्ञान प्राप्त करने के लिए न करें शर्म: ज्ञान हासिल करने में किसी तरह की कोई शर्म नहीं करनी चाहिए. ज्ञान जहां से और जैसे भी मिले ले लेना चाहिए. जो व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करने के लिए हमेशा तैयार रहता है वह कीर्तिमान स्थापित करते हैं. ज्ञान किसी भी प्राप्त किया जा सकता है. जो लोग छोटा बड़ा का ध्यान रखते हैं वे हमेशा ही उच्च कोटि के ज्ञान से वंचित रहते हैं. ज्ञान को हासिल करने के लिए अगर कठिन से कठिन कार्य भी करना पड़े तो उसके लिए भी तैयार रहना चाहिए.
ज्ञानी बनने का रास्ता सफल होने से भी कठिन है. ज्ञान के महत्व को जिसने समझ लिया वह सात संमदर पार भी ज्ञान की पाने के लिए जा सकता है. जिस व्यक्ति में ज्ञान प्राप्त करने की ललक होती है उसे ज्ञान प्राप्ति के माध्यम भी मिल जाते हैं. ज्ञानी व्यक्ति कभी अपने लिया नहीं जीता है वह तो पूरे संसार की संपति है. उसके ज्ञान का लाभ पूरा संसार उठाता है. इसलिए ज्ञानी और जिज्ञासू बनो.
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