Masik Shivratri 2021: 9 मई को है वैशाख मास की शिवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त और पंचांग
Masik Shivratri May 2021: 09 मई 2021 रविवार का दिन बहुत ही विशेष है. इस दिन मासिक शिवरात्रि है. शिवभक्त इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की उपासना करते हैं.
Masik Shivratri May 2021: पंचांग के अनुसार 09 मई 2021 रविवार को वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है. इस तिथि को मासिक शिवरात्रि भी कहा जाता है. इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि पर की जाने वाली पूजा का विशेष पुण्य प्राप्त होता है और जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं. मासिक शिवरात्रि के मौके पर दो विशेष योग का निर्माण हो रहा है. पंचांग के अनुसार 09 मई को प्रीति और आयुष्मान योग बन रहा है. आयुष्मान और प्रीति योग की गिनती शुभ योगों में की जाती है.
भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा
मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव के साथ माता पार्वती के अलावा संपूर्ण शिव परिवार की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है. इस दिन कुंवारी कन्या व्रत रखकर मनचाहे वर की प्रार्थना करती हैं. वहीं जिन लोगों की कुंडली में राहु, शनि और मंगल ग्रह अशुभ हैं, वे इस दिन विधि पूर्वक पूजा करते हैं तो उन्हें लाभ प्राप्त होता है.
बेलपत्र भगवान शिव को चढ़ाएं
मासिक शिवरात्रि पर प्रात: काल स्नान करने के बाद भगवान शिव को जल अर्पित करें और बेलपत्र चढ़ाएं. मान्यता है कि शिवरात्रि पर भगवान शिव की प्रिय चीजों को भोग लगाने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं.
9 मई का पंचांग (Panchang 09 May 2021)
विक्रमी संवत्: 2078
मास पूर्णिमांत: वैशाख
पक्ष: कृष्ण
दिन: रविवार
तिथि: त्रयोदशी - 19:32:57 तक
नक्षत्र: रेवती - 17:29:18 तक
करण: गर - 06:25:49 तक, वणिज - 19:32:57 तक
योग: प्रीति - 20:42:13 तक
सूर्योदय: 05:34:34 AM
सूर्यास्त: 19:00:54 PM
चन्द्रमा: मीन राशि- 17:29:18 तक
द्रिक ऋतु: ग्रीष्म
राहुकाल: 17:20:07 से 19:00:54 तक (इस काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है)
शुभ मुहूर्त का समय - अभिजीत मुहूर्त: 11:50:51 से 12:44:37 तक
दिशा शूल: पश्चिम
अशुभ मुहूर्त का समय -
दुष्टमुहूर्त: 17:13:24 से 18:07:09 तक
कुलिक: 17:13:24 से 18:07:09 तक
कालवेला / अर्द्धयाम: 11:50:51 से 12:44:37 तक
यमघण्ट: 13:38:22 से 14:32:07 तक
कंटक: 10:03:20 से 10:57:06 तक
यमगण्ड: 12:17:44 से 13:58:32 तक
गुलिक काल: 15:39:19 से 17:20:07 तक
यह भी पढ़ें: Chanakya Niti: पत्नी, मित्र और सेवक की पहचान कब होती है? जानें चाणक्य नीति