खराब बुध देते हैं व्यक्ति को स्किन प्रॉब्लम, बुध को मजबूत करने के ये हैं उपाय
Janam Kundli: त्वाचा संबंधी रोग व्यक्ति को परेशान कर देते हैं. कभी कभी ये रोग भयंकर बीमारी का रूप ले लेते हैं. त्वचा रोग का संबंध जन्म कुंडली के ग्रहों से भी है.

जन्म कुंडली: त्वचा संबंधी दिक्कतों से अधिकतर लोग परेशान रहते हैं. खास तौर से महिलाएं इस समस्या से अधिक जूझती हैं क्योंकि उनकी त्वचा अधिक संवेदनशील होती है. त्वचा संबंधी दिक्कत ग्रहों के अशुभ होने से भी होती है. जन्म कुंडली में बैठे ग्रह इस समस्या को बढ़ाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं.
त्वचा संबंधी रोग देने वाले ग्रह
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह का संबंध त्वचा से है. लेकिन त्वचा के रोग सिर्फ बुध के कारण ही होते हैं ऐसा नहीं है. इसके लिए कुंडली के अन्य ग्रह भी जिम्मेदार माने गए हैं. एस्ट्रोलॉजर शिल्पा राना के मुताबिक बुध के साथ शनि, राहु और मंगल भी त्वचा संबंधी रोगों में बढ़ोत्तरी करते हैं. वहीं जब इन ग्रहों के साथ जब सूर्य और चंद्रमा आ जाते हैं तो ये रोग को गंभीरता प्रदान कर देते हैं. जिससे स्थिति कभी कभी नियंत्रण से बाहर भी हो जाती है. इसलिए त्वचा रोग से बचने के लिए ग्रहों की शांति कराना बहुत ही जरूरी है.
बुध कमजोर हों तो ढ़लने लगती है उम्र
जन्म कुंडली में जब बुध कमजोर स्थिति में हो तो व्यक्ति बहुत जल्दी ही अपनी सुंदरता खो देता है. ऐसे लोगों के चेहरे पर झुर्रियां दिखाई देने लगती हैं. सर्दी जुकाम,नजला या फिर एलर्जी की भी परेशानी देने लगता है. कमजोर बुध व्यक्ति की याद्दाश्त को भी प्रभावित करता है. जल्दी भूलने लगते हैं. बुध अशुभ होने पर व्यक्ति लोगों का धोखा देने लगता है.
मजबूत बुध के लक्षण
बुध जब कुंडली में मजबूत स्थिति में विराजमान हो तो व्यक्ति हमेशा जवान और तरोताजा दिखाई देता है. ऐसे लोग बहुत ही हाजिर जवाब होते हैं. मजाक करने की इनकी आदत होती है. इनकी स्मरण शक्ति तेज होती है. लंबे समय तक इन्हें चीजें याद रहती हैं. वहीं जिनका बुध अच्छा होता है वे भगवान राम, कृष्ण या विष्णु के उपासक होते हैं.
बुध को मजबूत करने का मंत्र - 'ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:'
हनुमान चालीसा का पाठ नित्य करने से दूर होंगे जीवन में आने वाले संकटSource: IOCL























