Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि खत्म होते दशहरा पर जीव-जंतु कम पड़ गए..., नॉनवेज खाने को लेकर इंद्रेश उपाध्याय का चौंकाने वाला संदेश!
Shardiya Navratri 2025: वृंदावन के कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु इंद्रेश उपाध्याय ने नवरात्रि को लेकर भक्तों को नॉनवेज न खाने की सलाह दी है. आइए जानते हैं प्रवचन के दौरान उन्होंने लोगों से क्या कहा?

Indresh Maharaj on Navratri 2025: नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. 22 सितंबर 2025 से शुरू होने वाली नवरात्रि का आज दूसरा दिन है. दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है. इस बार की नवरात्रि 9 की जगह 10 दिन की है.
ऐसे में वृंदावन के कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु श्री इंद्रेश उपाध्याय महाराज ने नवरात्रि को लेकर एक ऐसी बात कही है, जिसे हम चाहकर भी झुठला नहीं सकते हैं. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा?
नॉनवेज खाने को लेकर दिया संदेश
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. ये वीडियो 2-3 दिन पुराना बताया जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा कि, 'नवरात्रि शुरू होने के बाद हमारे उत्तर भारत के कुछ प्रांतों में लोग प्याज और लहसुन खाना बंद कर देते हैं. लेकिन दसवें दिन स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत होती है.'
उन्होंने आगे कहा कि, 'बीते साल मैंने एक न्यूज देखी, जिसमें बताया गया था कि, नवरात्रि के दौरान मांस खाने वाले लोगों का रेश्यो काफी कम हो गया. कहने का मतलब नवरात्रि के नौ दिनों में मांस का सेवन कम किया गया. लेकिन नवरात्रि समाप्त होते ही दशहरा जिस दिन आया, जीव जंतु कम पड़ गए.'
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हमनें चीजों को दिन और समय में बांट दिया है- इंद्रेश महाराज
इंद्रेश उपाध्याय ने आगे कहा कि, 'ऐसे धर्म का क्या लाभ? हमने चीजों को दिनों में बांट दिया है, समय में बांट दिया है. हम विशेष दिनों में शुद्धता और पवित्रता रखने पर जोर देते हैं.'
उन्होंने आगे कहा कि, 'ये तो वही बात हो गई कि आपने सुबह स्नान किया, तिलक लगाया, सुंदर नए कपड़े पहने और इतना सब करने के बाद कीचड़ में जाकर कूद गए. उनके कहने का मतलब है कि, नवरात्रि के नौ दिन ही पवित्रता और शुद्धता का ध्यान नहीं रखें, बल्कि इन आदतों को अपने जीवन में शामिल करें.
यह भी पढ़ें- Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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