छोटे बच्चों, सूतक लगे व्यक्ति, अस्वस्थ व्यक्ति और गर्भवती महिलाओं को श्मशान घाट नहीं जाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यह उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
Hindu Funeral Rituals: किन लोगों को नहीं जाना चाहिए श्मशान घाट? इन्हें क्यों रहना चाहिए अंतिम संस्कार से दूर, जानिए कारण!
Hindu Funeral Rituals: हिंदू शास्त्र में अंतिम संस्कार को 16 संस्कारों में से एक माना गया है. मगर श्मशान में कुछ लोगों को जाना वर्जित माना गया है. आइए इसके पीछे का धार्मिक कारण जानते हैं.

Hindu Funeral Rituals: इस दुनिया में आने के बाद हर व्यक्ति की मृत्यु तो अपने-अपने समय पर निश्चित है. मृत्यु के बाद व्यक्ति के शरीर को श्मशान ले जाकर आग दी जाती है और सभी परंपराओं का पालन किया जाता है. यह हिंदू धर्म में 16 संस्कारों में से एक है.
मगर शास्त्रों के मुताबिक कुछ लोगों का श्मशान घाट जाना बिल्कुल वर्जित माना गया है. क्योंकि इससे उनके शारीरिक और मानसिक स्थिति पर असर पड़ सकता है. आइए जानते किन लोगों को अंतिम संस्कार में नहीं जाना चाहिए और क्या है इसके पीछे का धार्मिक कारण.
छोटों बच्चों को प्रकिया से रखें दूर
श्मशान घाट जैसी जगहों पर छोटे बच्चों को ले जाना चाहिए और न ही उन्हें अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में शामिल करना चाहिए. ऐसा करने से वे मानसिक रूप से प्रभावित हो सकते हैं. जिससे उनके मन में डर, असुरक्षा जैसी चीजें बैठ सकती हैं. इसलिए हिंदू शास्त्र में बच्चों को श्मशान ले जाना मना किया गया है.
सूतक लगे इंसान को नहीं जाना चाहिए श्मशान
अगर किसी के घर में हाल ही में मृत्यु हुई हो और उसका सूतक लगा हो तो, ऐसे में किसी ओर के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार मरणाशौच के समय में व्यक्ति धार्मिक रूप से अपवित्र होता है.
जिससे दोनों आत्माओं की शांति में बाधाएं आ सकती है. जिस वजह से व्यक्ति को श्मशान जाने से बचना चाहिए.
अस्वस्थ व्यक्ति ना हो शामिल
जो इंसान मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार है उसे अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होना चाहिए. क्योंकि माना जाता है कि श्मशान का माहौल भीड़-भाड़ और धुआं वाला होता है, जो बीमार व्यक्ति के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. जो उसके लिए नुकसानदेह साबित होगा.
गर्भवती महिलाएं नहीं जा सकती श्मशान
गर्भवती महिलाओं को पारंपरिक रूप से श्मशान घाट या अंतिम संस्कार में शामिल होने से रोका जाता है. मान्यता है कि ऐसे स्थानों का वातावरण नकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है, जिसका प्रभाव मां और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों पर पड़ सकता है.
कहा जाता है कि इस तरह का माहौल शिशु की मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर भी असर डाल सकता है. इसी कारण कई यह सलाह दी जाती है कि गर्भवती महिलाएं अंतिम संस्कार से दूर रहें, ताकि उनके और बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े.
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Frequently Asked Questions
किन लोगों को श्मशान घाट नहीं जाना चाहिए?
छोटे बच्चों को अंतिम संस्कार में क्यों शामिल नहीं करना चाहिए?
छोटे बच्चों को श्मशान घाट ले जाने से वे मानसिक रूप से प्रभावित हो सकते हैं। उनके मन में डर और असुरक्षा बैठ सकती है, इसलिए उन्हें इससे दूर रखना चाहिए।
सूतक लगे इंसान को श्मशान क्यों नहीं जाना चाहिए?
सूतक लगे व्यक्ति को मरणाशौच के समय धार्मिक रूप से अपवित्र माना जाता है। ऐसे में किसी और के अंतिम संस्कार में शामिल होने से दोनों आत्माओं की शांति में बाधा आ सकती है।
गर्भवती महिलाओं को श्मशान घाट जाने से क्यों रोका जाता है?
गर्भवती महिलाओं को श्मशान घाट के नकारात्मक वातावरण से बचाना चाहिए। माना जाता है कि इसका असर मां और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है।
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