Dev Uthani Ekadashi 2020: 25 नवंबर को है देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह पूजन, जानें विधि
Dev Uthani Ekadashi 2020: देवउठनी एकादशी व्रत 25 नवंबर को रखा जाएगा. इस दिन तुलसी पूजा भी जाएगी. देवउठनी एकादशी को सभी एकादशी में विशेष माना गया है. इस दिन भगवान विष्णु का शयनकाल समाप्त होता है.
Dev Uthani Ekadashi 2020: पंचांग के अनुसार 25 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. इस एकादशी को देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयन करते हैं, इस दिन से ही चातुर्मास आरंभ होते हैं. इस बार 1 जुलाई से चातुर्मास आरंभ हुए थे. कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन भगवान विष्णु के विश्राम करने का समय पूर्ण होता है. भगवान विष्णु के जागते ही चातुर्मास का समापन हो जाता है. चार माह का शयन काल होने के कारण इसे चातुर्मास कहा गया है. चातुर्मास में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. इसी कारण इन चार माह में शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है.देवोत्थान यानि देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु के जागने के बाद सभी प्रकार के मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं. इस दिन तुलसी पूजा भी की जाती है.
तुलसी विवाह और पूजा देवउठनी एकादशी के दिन ही तुलसी विवाह और पूजन किया जाता है. इस दिन तुलसी माता को महंदी, मौली धागा, फूल, चंदन, सिंदूर, सुहाग के सामान की वस्तुएंं, अक्षत, मिष्ठान और पूजन सामग्री आदि भेंट की जाती हैं.
देवउठनी एकादशी पूजा देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को गन्नों से बनाए गए मंडप के नीचे रखकर पूजा की जाती है. पूजा में मूली, शकरकंद, सिंघाड़ा, आंवला, बेर आदि फलों को चढाया जाता है.
देवोत्थान एकादशी व्रत देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उनका स्वागत किया जाता है. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. यह व्रत सभी प्रकार के पापों से मुक्ति दिलाता है. साथ सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करता है.
देवउठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त देवउठनी एकादशी व्रत 25 नवंबर 2020 को बुधवार के दिन पड़ रही है, एकादशी तिथि 25 नवंबर को 02:42 बजे से आरंभ होगी और 26 नवंबर, 2020 को शाम 05:10 पर समाप्त होगी.
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