मकर संक्रांति के दिन घर में कराएं सत्यनारायण की कथा, मिट जाएंगे सब कष्ट
मकर संक्रांति के दिन सत्यनारायण की कथा सुनने से कई तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है. सत्यनारायण कथा की महिमा के बारे में पुराणों में बताया गया है. इस कथा को सुनने से हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है. घर में सुख,समृद्धि और धन का आगमन होता है.

नई दिल्ली: मकर संक्रांति का पर्व पुण्य कमाने का पर्व है. इस दिन पूजा, स्नान और दान करने से व्यक्ति के पाप मिट जाते हैं. इस दिन को मोक्ष प्राप्ति का दिन भी कहा जाता है. मकर संक्रांति के दिन सत्यनारायण की कथा सुनने से भी कई तरह के संकट और कष्ट मिट जाते हैं. इसलिए जिन घरों में क्लेश, रोग, धनहानि और कर्ज जैसी समस्याएं है वहां मकर संक्रांति के मौके पर सत्यनरायण की कथा का आयोजन करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. आइए जानते हैं कि सत्यनारायण की कथा के बारे में-
मकर संक्रांति के पर्व पर सत्यनारायण की कथा सुनने से विशेष फल प्राप्त होते हैं क्योंकि इस दिन सत्यनारायण कथा सुनने वालों को अन्य दिनों की अपेक्षा 100 गुना अधिक लाभ प्राप्त होता है. मान्यता है कि इस कथा को सुनने का फल हजारों यज्ञ के बराबर होता है. इसलिए हिंदू धर्म में इस कथा से सभी लोग परिचित हैं. वैसे तो किसी भी शुभ दिन में सत्यनारायण की कथा को सुना जा सकता है लेकिन पूर्णिमा और संक्रांति के दिन इसे सुनना सर्वोत्तम माना गया है. स्कन्द पुराण में भगवान सत्यनारायण श्री हरि विष्णु का दूसरा रूप कहा गया है. कलयुग में इस कथा को सुनना बहुत शुभ माना गया है.
पुराणों के मुताबिक जहां पर श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा होती है वहां पर गौरी-गणेश, नवग्रह और सभी देवी देवताओं का आर्शीवाद प्राप्त होता है. कथा में भगवान को पंजीरी, पंचामृत, केला और तुलसी दल आदि का भोग कराया जाता है. इसके बाद इसी का प्रसाद वितरित करना चाहिए.
मकर संक्रांति के दिन कथा समापन के बाद साधू,संतों और जरूरत मंदों को खिचड़ी, वस्त्र का दान करना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में चल रही सभी प्रकार की समस्याओं का अंत होना शुरू हो जाता है. घर में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जिससे घर में खुशहाली और समृद्धि आना शुरू हो जाती हैं. बुरी और नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है जिससे मानसिक तनाव खत्म होता है.
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