Bahraich: बहराइच जिले का प्रसिद्ध मंदिर, महाभारत काल से जुड़ा है इसका इतिहास
Bahraich Temple : उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक ऐसा भी मंदिर है, जिसका संबंध महाभारत काल से है. मंदिर की मान्यताओं के बारे में जानकार आपके भी होश उड़ जाएंगे.
Bahraich Temple: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में स्थित सिद्धनाथ मंदिर पूरे भारतवर्ष में काफी लोकप्रिय है. बहराइच जिले का ये मंदिर कोई 100-200 साल पुराना नहीं है. बल्कि 5 हजार साल पुराना है. मंदिर के संदर्भ में कहा जाता है कि इस मंदिर में पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान शिव जी की पूजा अर्चना की थी. ये मंदिर न केवल ऐतिहासिक रूप से विशेष है, बल्कि धार्मिक मान्यताओं से भी ये मंदिर भरा पड़ा है.
बहराइच जिले (Bahraich) का ये मंदिर पांडवों द्वारा बनाए गए मंदिरों की श्रृंखला का ही हिस्सा है. जिसमें सिद्धनाथ पीठ के साथ जंगली नाथ और गुल्लाबीर मंदिर भी शामिल है. मान्यताओं के मुताबिक पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इस स्थान पर शिवलिंग की स्थापना की थी. मंदिर के पुजारी स्वामी रवि गिरी महाराज के मुताबिक इस मंदिर में बने शिवलिंग की स्थापना धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने हाथों से की थी.
सिद्धनाथ जी का मंदिर बहराइच जिले के ब्राह्मणीपुरा मोहल्ले में बना हुआ है. बस स्टेशन से इस मंदिर की दूरी 1 किलोमीटर है जबकि रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर है. इस मंदिर का प्रबंधन और देख-रेख का काम जूना अखाड़ा, काशी के द्वारा किया जाता है.
मंदिर से जुड़ी मान्यताएं
इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति 21, 51 या 101 दिनों तक रोजाना शिवलिंग पर जल चढ़ाता है, तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. जो भी भक्त सच्चे दिल से भगवान शिव की पूजा अर्चना करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है.
सिद्धनाथ का मंदिर धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से काफी महत्व है. जो भी भक्त रोजाना इस मंदिर में शिव जी की पूजा आराधना करता है, भगवान भोलेनाथ उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इस मंदिर में दूर-दराज से लोग भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं. सिद्धनाथ का मंदिर भक्तों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है.
यह भी पढ़ें- दुनिया के दो ऐसे देश जहां एक भी मंदिर और मस्जिद नहीं है?
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.