Apara Ekadashi: 5 या 6 जून, कब है अपरा एकादशी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, व्रतकथा और पारण का समय
Apara Ekadashi 2021: इस बार अपरा एकादशी दो दिन है. ऐसे में अपरा एकादशी व्रत 5 को या 6 जून को रखा जाए, इसमें संशय बना हुआ है. आइये जानें अपरा एकादशी व्रत का सही दिन, पूजा विधि और महत्त्व
Apara Ekadashi 2021 Date Time: पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी कहते हैं. इसे अचला एकादशी, भद्रकाली एकादशी एवं जलक्रीड़ा एकादशी के नाम से भी जाना जता है. पंचांग के अनुसार, इस बार एकादशी दो दिन- 5 और 6 जून को पड़ रही है. एकादशी तिथि 5 जून 2021 दिन शनिवार को सुबह 04 बजकर 07 मिनट से प्रारम्भ होकर अगले दिन यानी 06 जून 2021 दिन रविवार को सुबह 06 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी. साथ ही अपरा एकादशी व्रत के पारण का समय 07 जून 2021 दिन सोमवार को सुबह 06 बजे से प्रारम्भ होकर 08 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगा.
ऐसे में अपरा एकादशी का व्रत 6 जून को रखा जाएगा. एकादशी तिथि ठीक भगवान विष्णु को उसी तरह बेहद प्रिय है जैसे भगवान शिव को प्रदोष व्रत. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि अपरा एकादशी का व्रत करने से भगवान श्रीहरि विष्णु मनुष्य के जीवन से सभी प्रकार के दुख और परेशानियों को दूर कर देते हैं.
अपरा एकादशी व्रत 2021: शुभ मुहूर्त, व्रत का दिन एवं पारण का समय
- अपरा एकादशी व्रत- 6 जून 2021, दिन रविवार, सुबह 06 बजकर 19 मिनट तक
- पारण का समय: 7 जून दिन सोमवार को सुबह 06 बजे से 08 बजकर 39 मिनट तक
व्रत कथा एवं महत्त्व
अपरा एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए तथा एकादशी व्रत कथा का पाठ करना या सुनना चाहिए. एकादशी का व्रत फलाहारी रखा जाता है. व्रत के अगले दिन पारण के समय शुभ मुहूर्त में किसी जरूरत मंद ब्राह्मण को भोजन कराकर स्वयं भी व्रत का पारण करते हुए भोजन करना चाहिए.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अपरा एकादशी का अर्थ अपार पुण्य होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से मनुष्य को अपार पुण्य मिलता है. ऐसा कहा जाता है कि अपरा एकादशी के दिन पूजा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में मान-सम्मान, धन, वैभव और निरोगी काया मिलती है.
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