हर रिश्ते में प्राइवेसी की होती है अपनी ही जगह, जानें प्यार के रिश्तों में कितनी आवश्यक है प्राइवेसी
एक दूसरे की प्राइवेसी का ध्यान रखना एक अच्छे और खुशहाल रिश्ते का आधार होता है. लेकिन हर रिश्तें में प्राइवेसी की अपनी अलग-अलग सीमाएं होती हैं, तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि प्यार के संबंधों में कितनी जरूरी है प्राइवेसी.

एक बेहतर और खुशहाल रिश्ते का आधार होता है, एक दूसरे की प्राइवेसी का ध्यान रखना. हर रिश्ते के अपने कुछ दायरे होते हैं जिससे हर रिश्तें में प्राइवेसी की सीमाएं भी अलग-अलग होती हैं. भावनात्मक जुड़ाव और एक दूसरे पर विश्वास बनाए रखना ही एक सफल और अच्छे रिश्ते की पहचान होती है. ऐसे ही आप भी एक दूसरे से अपनी सारी बातें शेयर करना पसंद करते होंगे जो आपको करनी भी चाहिए और आपके रिश्ते के लिए बेहतर भी है. लेकिन कई बार आप सोचते होंगे कि क्या आपको अपनी सारी पर्सनल बातें एक दूसरे को बतानी चाहिए? तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि प्यार के संबंधों में कितनी जरूरी है प्राइवेसी.
प्राइवेसी का अर्थ सबके लिए अलग प्राइवेसी का मतलब हर किसी इंसान के लिए अलग अलग हो सकता है. कुछ लोग अपनी हर बातें दूसरे के साथ शेयर करते हैं तो कुछ लोग अपनी बातों को शेयर करने में हिचकिचाते हैं. लेकिन अगर आप और आपके पार्टनर के लिए प्राइवेसी का अर्थ अलग है तो जैसे अगर एक अधिक बातें शेयर करता है और एक कम तो यह एक बड़ी समस्या बन सकती है. एक का कम्फरटेबल स्पेस दूसरे के लिए डिसकम्फर्टेबल साबित हो सकता है. इस बात से आपके पार्टनर को लगता है कि आप उनकी कम केयर कर रहे हैं.
सीक्रेसी और प्राइवेसी में अंतर वैसे तो सीक्रेसी और प्राइवेसी दो अलग-अलग चीजें होती हैं. जब आप प्राइवेसी बनाए रखते हैं तो इस का अर्थ है कि आप अपने पार्टनर से ऐसा कुछ नहीं छिपा रहे हैं जो आगे जाकर उन को हर्ट कर सकता है. लेकिन जब बात सीक्रेसी आती है तो इस का सीधा अर्थ है कि आप अपने पार्टनर से ऐसा कुछ छुपा रहे हैं जिससे उन्हें दुख पहुंच सकता है.
प्यार और केयर वैसे सीक्रेसी और प्राइवेसी के बीच बहुत छोटा सा ही अंतर है. सीक्रेट का मतलब हमेशा ही अपने पार्टनर को दुख पहुँचाना नहीं होता है. कई बार आप कुछ सीक्रेट्स इस लिए भी रखते हैं क्योंकि उनको बताने का कोई लाभ नहीं होता और उनसे आप के रिश्ते पर भी कोई गहरा असर भी नहीं पड़ता. इन सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण यह होता है आप दोनों का एक दूसरे के प्रति प्यार और केयर करते हैं.
एक-दूसरे को समझने की कोशिश करें आपका रिश्ता तभी बेहतर होता है जब आप दोनों एक दूसरे की प्राइवेसी का सम्मान करते हैं और एक-दूसरे को समझने की कोशिश करते हैं, न कि उस बात के लिए झगड़ा करते हैं. अगर आप अपने पार्टनर की चुप्पी से परेशान हो गए हैं और उनके मन में क्या चल रहा है यह जानना चाहते हैं, तो आप उन से सीधे पूछने की बजाए उन्हें ये महसूस कराने की कोशिश करें कि उन के चुप होने से आप पर क्या असर पड़ रहा है.
जरूरी है थोड़ा पर्सनल स्पेस भी ज्यादातर रिश्तों में पार्टनर्स झगड़े के बाद कुछ समय के लिए अपने ख्यालों के साथ अकेला रहना चाहते हैं. इस तरह से एक दूसरे के साथ बात न करना उनको दिखाएगा कि आप उन की कितनी केयर करते हैं और ऐसा करने से वो आपके साथ अपनी हर बात शेयर करते समय कम्फर्टेबल भी महसूस करेंगे. अगर आप चाहते हैं कि आपके रिश्तें में मिठास बनी रहे तो आपसी बाउंड्रीज तय कर लें और रिश्ते में दरार आने से बचे.
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Source: IOCL





















