10 साल से कम उम्र की बच्चियों में पीरियड्स आना कितना सही? जान लें इसका कारण
एक लड़की की पहली पीरियड्स की औसत आयु लगभग 12 साल की उम्र होती है. 10 से 16 साल की उम्र के बीच पीरियड्स होना शुरू होना एक नॉर्मल बात है.

एक लड़की की पहली पीरियड्स की औसत आयु लगभग 12 साल की उम्र होती है. 10 से 16 साल की उम्र के बीच पीरियड्स होना शुरू होना एक नॉर्मल बात है. पीरियड्स शुरू होना एक खास बात की सूचक है कि आपके अंदर कई सारे हार्मोनल चेंजेज होते हैं. जब महिला के यौवन के हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन काम करना शुरू करते हैं. और शरीर प्रजनन के लिए तैयार होता है.
एक लड़की के पीरियड्स शुरू होने का सही उम्र क्या होता है?
पीरियड्स आमतौर पर 10 से 16 साल की उम्र के बीच होता है. जिसकी औसत आयु लगभग 12.4 साल होती है. यंग एज के दौरान पीरियड्स शुरू होता है. जब महिला के शरीर के अंदर जरूरी हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन काम करना शुरू करते हैं. एक महिला का पीरियड्स तब शुरू होता है जब शरीर में प्रजनन के लिए तैयार होता है. जो आमतौर पर 8 से 17 साल की आयु के बीच होता है. या यौवन के पहले लक्षणों के 2 साल के बाद होता है.
क्या है और क्या यह सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि बच्चों को 6 से 9 साल की उम्र में ही क्यों पीरियड्स हो रहे हैं और इसके कारण क्या हो सकते हैं.
क्या होता है प्यूबर्टी
प्यूबर्टी एक ऐसी प्रोसेस है जिसमें लड़के और लड़कियों के शरीर में बदलाव आने लगते हैं, उनके प्राइवेट पार्ट्स का डेवलपमेंट होने लगता है. लड़कियों में प्यूबर्टी की एज 8 से 13 साल और लड़कों में 9 से 14 साल के बीच में शुरू होती है. लड़कियों में आजकल समय से पहले प्यूबर्टी आने के मामले बढ़ रहे हैं, इसमें बच्चों में शारीरिक और भावनात्मक बदलाव होता है. बच्चियां अपनी उम्र से ज्यादा बड़ी दिखने लगती हैं और शरीर में बदलाव के कारण तनाव भी बढ़ने लगता है.
बच्चियों को कम उम्र में क्यों हो रही प्यूबर्टी
जब एक्सपर्ट से बच्चियों में जल्दी प्यूबर्टी होने के कारण के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पहले लड़कियों में शारीरिक बदलाव के पहले संकेत दिखने के 18 से 3 साल के बाद पीरियड्स आते थे, लेकिन अब लड़कियों को तीन से चार महीने के अंदर ही पीरियड शुरू हो रहे हैं.
इसके पीछे का कारण नाक और मुंह के जरिए कीटनाशकों का शरीर में जाना, मोटापा, मोबाइल, टीवी का ज्यादा इस्तेमाल और जेनेटिक डिसऑर्डर हो सकता है. इतना ही नहीं आजकल बच्चों के खाने में प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड, और कोल्ड ड्रिंक्स ज्यादा होता है, इनमें कुछ ऐसे केमिकल और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, जो हार्मोनल को इंबैलेंस कर सकते हैं.
कम उम्र में पीरियड्स आने के कारण
हार्मोनल बदलाव: बच्चों के शरीर में हार्मोनल बदलाव जल्दी हो रहे हैं, जिससे पीरियड्स जल्दी शुरू हो जाते हैं.
खानपान: आजकल के खाने में कई तरह के केमिकल्स और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, जो हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं.
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पर्यावरण: प्रदूषण और बदलती लाइफस्टाइल भी इस स्थिति का एक बड़ा कारण हैं.
वजन बढ़ना: बच्चों का वजन तेजी से बढ़ने से भी हार्मोनल बदलाव जल्दी हो सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Source: IOCL






















