Myths Vs Facts: गेहूं को सेहत के लिए खतरनाक क्यों मानते हैं हेल्थ एक्सपर्ट? जान लीजिए जवाब
गेहूं के आटे की रोटी लगभग हर भारतीयों के घरों में बनती है. देश के ज्यादातर घरों में गेहूं की रोटियां बनाई जाती है. लेकिन क्या आपको पता है गेहूं ग्लूटेन से भरपूर होता है. आइए जाने इससे जुड़े नुकसान.

गेहूं के आटे की रोटी लगभग हर भारतीयों के घरों में बनती है. देश के ज्यादातर घरों में गेहूं की रोटियां बनाई जाती है. लेकिन क्या आपको पता है गेहूं ग्लूटेन से भरपूर होता है. जोकि सेहत के लिए काफी ज्यादा खतरनाक होता है. गेहूं के आटे की रोटी भारत में सबसे ज्यादा खाई जाती है. इसके पीछे का एक कारण यह भी है कि यह आसानी से हर जगह मिल जाता है. गेहूं का आटा ग्लूटेन से भरपूर होता है. जिसके कारण कुछ लोगों के लिए यह बीमारियों का कारण भी है. गेहूं के आटे की रोटियां एक नॉर्मल फूड है. जो कई बार नुकसादायक भी साबित हो सकती है. आइए जानें इसके पीछे का कारण.
जिन लोगों को एलर्जी की शिकायत है उन्हें गेहूं खाने से दिक्कत हो सकती है
ज्यादातर लोगों के लिए गेहूं एकदम से सुरक्षित है लेकिन कुछ लोगों के लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक साबित हो सकता है. गेहूं में भरपूर मात्रा में फाइबर, विटामिन और कई सार पोषक तत्व होते हैं. जो ओवरऑल हेल्थ के लिए अच्छा होता है. इसे खाने से दिल की बीमारी, कैंसर,मोटापा और दूसरी गंभीर बीमारी का खतरा कम होता है. वहीं जिन लोगों को ग्लूटेन से एलर्जी होती है उसे इसे खाने से एलर्जी हो सकती है. गेहूं में ग्लूटेन होता है, एक प्रोटीन जो सीलिएक रोग, सूजन आंत्र सिंड्रोम (IBS), या ग्लूटेन एलर्जी वाले लोगों में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर कर सकता है. जिन लोगों को इससे एलर्जी है वह इसे खाने से ब्रेन फ्रॉग का शिकार हो सकते हैं.
कुछ लोगों को गेहूं से काफी ज्यादा एलर्जी भी होती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ऐसे लोगों को ग्लूटेन से एलर्जी होती है. ग्लूटेन से एलर्जी होने वाली इस बीमारी को मेडिकल टर्म में सीलिएक रोग कहते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से कि आखिर ये बीमारी होती क्यों है और इसमें और कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
क्या है सीलिएक रोग (Celiac Disease)
सीलिएक रोग एक ऑटोइम्यून स्थिति है. ग्लूटेन जब हमारी आंतों में पहुंचता है (गेहूं और राई जैसे अनाज में प्रोटीन के समूह के लिए ग्लूटेन एक सामान्य नाम है) तो ये इम्यूनिटी के खिलाफ एंटीबॉडी के उत्पादन को ट्रिगर करना शुरू कर देता है. यह एंटीबॉडी छोटी आंत की परत डैमेज करती है. जब आंत की परतों को नुकसान पहुंचता है तो इससे भोजन से पोषक तत्व का अवशोषण प्रभावित होने लगता है.
जिससे शरीर में पोषण की कमी हो जाती है. आमतौर पर यह रोग उन्हीं लोगों को होता है जिसके परिवार में कभी किसी को यह समस्या रही हो यानी कि यह व्यक्ति के जीन पर निर्भर करती है. सीलिएक रोग दुनिया भर में 100 में से लगभग एक व्यक्ति को प्रभावित करता है और कई बार तो लोगों को इस बात का पता ही नहीं होता. जब आप ग्लूटेन फ्री फूड का सेवन ज्यादा करना शुरू कर देते हैं तो इसके लक्षण विकसित होने लगते हैं यह 8 से 12 महीने की उम्र से लेकर 60 की उम्र के बीच वाले व्यक्ति में कभी भी विकसित हो सकता है.
सीलिएक बीमारी (Celiac Disease) के लक्षण
दस्त की समस्या होना
थकान हो जाना
बिना मेहनत किए वजन घटने लगना
पेट में सूजन
गैस बनना
पेट में दर्द होना
कब्ज की समस्या होना
मतली और उल्टी की समस्या होना
यह भी पढ़ें : रंगों से कैसे रखें अपनी स्किन का ख्याल? होली पर ये हैक्स आपको रखेंगे एकदम सेफ
सिर दर्द
त्वचा पर एलर्जी
सीलिएक के लिए उपचार
जब सीलिएक रोग होता है तो प्रतीक्षा प्रणाली कमजोर होने लगती है और आप कई बीमारियों से घिर सकते हैं. ऐसे में अगर आप सामान्य लक्षण में डॉक्टर की सलाह नहीं लेते तो यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है. अगर आपको भी उपरोक्त लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें. अपनी डाइट में ग्लूटेन युक्त चीजें को ना जोड़ें इसके साथ ही अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
यह भी पढ़ें: 'मुझे जीना ही नहीं है अब...' दीपिका पादुकोण ने छात्रों को सुनाई अपने डिप्रेशन की कहानी
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















