Chhath Puja 2025: नई बहू कैसे करें पहला छठ? इन बातों का ध्यान रखें परिवार
जब किसी घर में नई बहू आती है तो उसका पहला छठ व्रत पूरे परिवार के लिए खास मौका बन जाता है. यह व्रत केवल पूजा नहीं बल्कि परंपरा को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी भी मानी जाती है.

Chhath Puja 2025: आस्था का महापर्व छठ पूजा कल यानी 25 अक्टूबर को मनाई जाएगी. चार दिनों तक चलने वाला यह त्योहार न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि पारिवारिक परंपरा और रिश्तों के जुड़ाव का त्योहार भी माना जाता है. खास बात यह है कि जब किसी घर में नई बहू आती है तो उसका पहला छठ व्रत पूरे परिवार के लिए खास मौका बन जाता है.
यह व्रत केवल पूजा नहीं बल्कि परंपरा को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी भी मानी जाती है. ऐसे में चलिए अब आपको बताते हैं कि नई बहू अगर पहला छठ कर रही है तो परिवार किन बातों का ध्यान रखें.
परिवार के लिए खास होता है बहू का पहला छठ
माना जाता है कि छठ पूजा की परंपरा घर में एक बार शुरू हो जाए तो यह कभी खत्म नहीं होती है. हालांकि घर में अगर कोई बुरी घटना हो जाए तो व्रत एक साल के लिए रोक दिया जाता है, लेकिन अगले साल फिर से इस व्रत को शुरू किया जाता है. वहीं जब घर की बड़ी महिलाएं व्रत करने में असमर्थ हो जाती है तो वो इसे अपनी बहू को सौंप देती है. इसके बाद घर की बहुएं इस परंपरा को आगे बढ़ाती है. यहीं कारण होता है कि नई बहू का पहला छठ पूरे परिवार के लिए भावनात्मक रूप से बहुत खास होता है.
बहू के पहले छठ में परिवार की भूमिका
पहली बार छठ करने वाली बहू के लिए सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि वह व्रत कहां से करें. ऐसे में मान्यताओं के अनुसार अगर सास जीवित है तो बहू अपना पहला छठ ससुराल में सास की निगरानी में करती है. सास ही नई बहू को छठ का व्रत देती है जिसका मतलब है कि सास ही बहू को परंपरा सौंपती है. लेकिन जिसकी सास नहीं होती है वे पहली बार मायके में छठ करती है. इस दौरान दोनों परिवारों की जिम्मेदारी मानी जाती है कि वह उनकी बेटी और बहू के पहले छठ में शामिल हो. पहले छठ की तैयारी में लड़की के दोनों परिवारों की अहम भूमिका होती है. पहले छठ में आमतौर पर लड़की के मायके की तरफ से पूजा का सामान दिया जाता है, जिसमें सूप और बांस की टोकरी मुख्य रूप से शामिल होती है. इन सामानों को लाल कपड़े से सजाया जाता है और इनमें प्रसार रखा जाता है. इसके अलावा मायके से पहले ठेकुए, फल, गुड़ और पूजा में लगने वाली सारी चीजें भी भेजी जाती हैं. वहीं ससुराल की तरफ से घर की सफाई, घाट की तैयारी और व्रती की हर तरह से मदद का काम होता है.
किन बातों का परिवार को ध्यान रखना जरूरी?
- पहली बार छठ पूजा करने वाली या पहले से छठ पूजा कर चुकी दोनों व्रती का साथ देना परिवार का धर्म माना जाता है.
- ऐसे में परिवार वाले व्रती के लिए पूजा वाली जगह की सफाई और पवित्रता बनाए रखने का खास ध्यान रखते हैं.
- इसके अलावा परिवार वाले छठ के दौरान ये भी ध्यान रखते हैं कि चार दिन तक मांसाहार, प्याज और लहसुन का सेवन कोई न करें.
- वहीं पहली बार छठ करने वाली बहू के लिए परिवार वाले प्रसाद बनाने में भी मदद करते हैं और उपवास के दौरान व्रती के आराम का भी ध्यान रखते हैं
- माना जाता है कि नई बहू के पहले छठ में सास का आशीर्वाद, पति का साथ और परिवार कर सहयोग ही पहले छठ को सफल बनाते हैं.
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