Health Tips: अगर आप त्वचा के इलाज से हो गए हैं परेशान, तो चंद बातें जानना है फायदेमंद
दाग-धब्बों और कील-मुहांसें रहित त्वचा होने की चाहत सभी की होती है.मगर त्वचा से संबंधित समस्याओं को जानकर ही इलाज किया जा सकता है.
हर किसी की इच्छा होती है कि दाग-धब्बों और कील-मुहांसों से छुटकारा पाया जाए. अगर आप डॉक्टरों के इलाज से थक गए हैं तो घरेलू नुस्खे भी आजमाए जा सकते हैं. मगर त्वचा से संबंधित होनेवाली समस्याओं को जानने से पहले त्वचा के बारे में जानना जरूरी है.
शुष्क त्वचा के मुकाबले चिकनी त्वचा की समस्या ज्यादा होती है. त्वचा विशेषज्ञों के मुताबिक चिकनी त्वचा पर दाने, कील-मुहांसों का होना आम बात है. उसकी वजह से पड़नेवाले दाग-धब्बे चेहरे को बदनुमा बनाते हैं. चिकनी त्वचा पर हर चीज का इस्तेमाल फायदेमंद साबित नहीं होता है. इसलिए घर में त्वचा संबंधित समस्या का इलाज करते हुए ये बात जरूर याद रखें.
चिकनी त्वचा पर मलाई के इस्तेमाल से बचें
विशेषज्ञों का कहना है कि त्वचा के रोग के इलाज के दौरान अपने खान-पान पर भरपूर ध्यान दें. अगर आपकी त्वचा चिकनी है और कील-मुंहासों की भी शिकायत है तो मसालेदार भोजन, दूध और उससे बनी सामग्री, मीठे पेय का इस्तेमाल छोड़ दें. इसके अलावा आप अपने चेहरे के लिए उपयुक्त फेस मास्क के इस्तेमाल के बारे में भी जरूर जानें. मलाई के इस्तेमाल से त्वचा चमकदार, नरम और मुलायम होती है मगर ये तैलीय त्वचा वालों के लिए मुफीद नहीं है. दूध और उससे बने उत्पाद का इस्तेमाल बंद कर दें.
बेसन का इस्तेमाल कर सकता है इंफेक्शन
बेसन सिर्फ साफ-सुथरी त्वचा के लिए सुझाया जाता है और इसका इस्तमेाल करीब हर मास्क में होता है. मगर तैलीय त्वचा में बेसन के इस्तेमाल से परहेज करना ही बेहतर है. बेसन का किसी भी तरह से इस्तेमाल त्वचा पर इंफेक्शन या रिएक्शन कर सकता है. बादाम का तेल शुष्क और चिकनी त्वचा के लिए बेहतरीन मोस्चुराइजर समझा जाता है मगर इसके इस्तेमाल से पहले उसका अपनी त्वचा पर टेस्ट जरूर कर लें. अगर आपकी त्वचा तैलीय है और बादाम के तेल से कोई रिएक्शन नहीं हो रहा है तो इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
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