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PM Kusum Scheme: जानें क्या है PM कुसुम स्कीम, सोलर उपकरण से बिजली भी पाएं और कमाई भी करें
Pradhan Mantri Kusum Scheme: केंद्र सरकार की कुसुम स्कीम किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है. इस स्कीम के जरिए किसान अपने खेतों में सोलर उपकरण लगाकर सिंचाई कर सकते हैं साथ ही अतिरिक्त बिजली बनाकर ग्रिड को भेज सकते हैं और कमाई कर सकते हैं. चलिए जानते हैं क्या है कुसुम योजना और इससे क्या लाभ मिल रहे हैं.
![PM Kusum Scheme: जानें क्या है PM कुसुम स्कीम, सोलर उपकरण से बिजली भी पाएं और कमाई भी करें Know what is the PM Kusum scheme, also know how this scheme is becoming a source of income of farmers PM Kusum Scheme: जानें क्या है PM कुसुम स्कीम, सोलर उपकरण से बिजली भी पाएं और कमाई भी करें](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2021/03/18190540/kusum-scheme.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2018-19 के आम बजट के दौरान कुसुम योजना या किसान उर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान की घोषणा की थी. इस योजना की शुरुआत किसानों की आय बढ़ाने व कृषि क्षेत्रों में सिंचाई के लिए उपयोग होने वाले सभी डीजल या बिजली के पंप को सोलर उर्जा से चलाने के लिए की गई थी. इस महत्वकांक्षी योजना को मार्च 2019 में ही प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई थी जिसके बाद जुलाई 2019 में इससे संबंधित दिशानिर्देश भी तैयार किए गये थे. चलिए कुसुम योजना से जुड़ी सभी अहम बातें जानते हैं.
क्या है कुसुम योजना
गौरतलब है कि देशभर के किसानों को अक्सर खेतों में सिंचाई के दौरान काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. कभी ज्यादा बारिश तो कभी कम बारिश की वजह से किसानों की फसलों को काफी नुकसान भी होता है. किसानों की इसी समस्या को दूर करने के लिए ही केंद्र की मोदी सरकार द्वारा कुसुम योजना लाई गई जिसके जरिये किसान अपनी जमीन में सौर उर्जा उपकरण और पंप लगाकर खेतों की सिंचाई कर सकता है. इस योजना की सहायता से किसान अपनी जमीन पर सोलर पैनल लगाकर इससे बनने वाली बिजली का इस्तेमाल खेती में कर सकता है. साथ ही किसान की जमीन पर बनने वाली बिजली से देश के गांवों में भी बिजली की 24 घंटे आपूर्ति संभव हो सकती है.
पीएम कुसुम योजना के तीन घटक हैं
पीएम कुसुम योजना के तीन घटक हैं. 10,000 मेगावाट क्षमता के ग्रिड से जुड़े विकेंद्रीकृत नवीकरणीय बिजली संयंत्र. 17.50 लाख ग्रिड से पृथक सौर बिजली कृषि पंप और ग्रिड से जुड़े हुए 10 लाख सौर बिजली कृषि पंपों का सोलराइजेशन. योजना के तहत इन तीनों घटकों को मिलाकर 2022 तक कुल 25,750 मेगावाट सौर क्षमता तैयार करने की योजना है. कुसुम योजना के तहत बैंक किसानों को लोन के रूप में 30% रकम देती हैं. वहीं सरकार किसानों को सोलर पंप की कुल लागत का 60% रकम सब्सिडी के रूप में देती है.
किसानों को हो रहा कुसुम योजना से फायदा
केंद्र सरकार की कुसुम योजना से किसानों को दो तरह से फायदा हो रहा है. पहला फायदा ये है कि किसान खेतों में सिंचाई के लिए फ्री बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं. दूसरा फायदा ये है कि अगर किसान अतिरिक्त बिजली बनाकर ग्रिड को भेजते हैं तो उसके बदले में उन्हें कमाई भी होती है. यानी इस योजना के जरिए किसानों की आय भी बढ़ रही है. इतना ही नहीं बंजर जमीन वाले किसान भी सौर ऊर्जा उत्पादने के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल कर सकते हैं. यानी बंजर जमीन भी किसानों के लिए आमदनी का जरिया बन रही है. केंद्र सरकार की कुसुम योजना के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए https://mnre.gov.in/# वेबसाइट पर विजिट किया जा सकता है.
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