2047 तक भारत कैसे बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा बॉक्स ऑफिस मार्केट? आंकड़े और ट्रेंड जानें
India At 2047: भारतीय फिल्म इडंस्ट्री जल्द ही ग्लोबल बॉक्स ऑफिस पर भी अपना दम दिखाने वाली है. आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि भारत अच्छे कंटेंट और बढ़ते ऑडियंस के दम पर हॉलीवुड से आगे निकल सकता है.

'हम जहां खड़े होते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है...', कभी ये सिर्फ एक फिल्मी डायलॉग था, लेकिन आज भारतीय सिनेमा की हकीकत बन चुका है. सबसे ज्यादा फिल्में बनाने वाला देश, सबसे ज्यादा टिकटें बेचने वाला बाजार और लगातार बढ़ती ऑडियंस... भारत अब ग्लोबल फिल्म इंडस्ट्री की दिशा तय करने वाली ताकत बनता जा रहा है.
यही वजह है कि जब दुनिया में सबसे ज्यादा फिल्में बनाने वाले देशों की बात होती है, तो भारत का नाम सबसे पहले आता है. आंकड़े बताते हैं कि हर साल भारत में 1,500 से 2,000 से ज्यादा फिल्में बनती हैं.
दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म मार्केट बन सकता है भारत
दिलचस्प बात ये भी है कि भारत सिर्फ ज्यादा फिल्में ही नहीं बनाता, बल्कि टिकटों की बिक्री के मामले में भी पहले स्थान पर है. थिएटर तक पहुंचने वाली ऑडियंस और बदलते व्यूअर ट्रेंड साफ संकेत देते हैं कि भारत तेजी से दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म मार्केट बनने की ओर बढ़ रहा है. वो दिन दूर नहीं जब हॉलीवुड और बाकी फिल्म इंडस्ट्री को पीछे छोड़कर भारत फिल्म मार्केट में नंबर वन बन जाएगा. आपको बताते हैं कि कैसे?
सबसे पहले जानिए- सबसे ज्यादा फिल्में बनाने वाले देश कौन कौन से हैं?

- भारत- Statista के मुताबिक प्रोडक्शन के मामले में भारत सबसे टॉप पर है. हर साल करीब 2,000 से ज्यादा फिल्में बनती हैं. पिछले साल की बात करें तो, फिक्की-ईवाई (FICCI-EY) की रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में भारत में करीब 1,823 फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज हुईं.
- नाइजीरिया- सालाना लगभग 1,000–2,000 फिल्में बनती हैं. इनका फोकस कम बजट की फिल्मों पर रहता है. डिजिटल रिलीज का ट्रेंड यहां ज्यादा है.
- चीन- चीन में सरकार से फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा फायदा मिलता है और चीन बड़े बजट की फिल्में भी खूब बनाता है. हर साल करीब यहां 800 से हजार फिल्में बनती हैं. चीन का घरेलू मार्केट बहुत मजबूत है. यहां पर रिलीज होने वाली इंडियन फिल्में भी रिकॉर्ड तोड़ कमाई कर लेती हैं. उदाहरण के रूप में आप आमिर खान की 'दंगल' की कमाई देख सकते हैं. सैकनिल्क के डेटा के मुताबिक 'दंगल' ने भारत में कुल 535 करोड़ की कमाई की, वहीं चीन में इस फिल्म ने 1305 करोड़ कमाए थे.
- अमेरिका- प्रोडक्शन के मामले में अमेरिका चौथे नंबर पर है. हॉलीवुड का पूरा फोकस क्वालिटी कंटेंट पर होता है और ग्लोबल रीच में ये सबसे आगे हैं. अमेरिका में करीब 600–800 फिल्में हर साल बनती हैं. थियेटर और ओटीटी दोनों की मार्केट में ये इनका दबदबा है.
- जापान- फिल्में बनाने के मामले में जापान पांचवें नंबर पर है जो हर साल करीब 500–600 प्रोडक्शन करता है.
बॉक्स ऑफिस पर किसका दबदबा?

ज्यादा फिल्में बनाने के बावजूद फिल्मों से कमाई के मार्केट में भारत चौथे नंबर पर है. आंकड़ों से समझते हैं कि बॉक्स ऑफिस पर किस देश का डॉमिनेंस है. दुनिया के फिल्म मार्केट में फिलहाल अमेरिका-कनाडा टॉप पर हैं. इनकी सालाना बॉक्स ऑफिस कमाई करीब 8.6 बिलियन डॉलर (71,440 करोड़ रुपये) है.
वहीं चीन दूसरे नंबर पर है जिसकी कमाई 7.8 बिलियन डॉलर (64,920 करोड़ रुपये) है. 1.6 बिलियन डॉलर (13320 करोड़ रुपये) के साथ जापान तीसरे नंबर पर है. 1.4 बिलियन डॉलर यानी 11,640 करोड़ रुपये सालाना बॉक्स ऑफिस कमाई के साथ भारत चौथे नंबर पर है. पांचवे नंबर पर फ्रांस है जिसकी सालाना कमाई करीब 11,640 करोड़ है.
बॉक्स ऑफिस पर कमाई के मामले में भारत किस मुकाम पर?
- ऑरमैक्स मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने 2023 में 12,226 करोड़ कमाकर अब तक सबसे ज्यादा बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड बनाया. 2022 के मुकाबले करीब 15% ग्रोथ दर्ज हुई.
- साल 2024 में भारत का बॉक्स ऑफिस 11,833 करोड़ का रहा. ये भारत का दूसरा-सबसे ज्यादा कमाई वाला साल साबित हुआ.
- इस साल यानि 2025 की बात करें तो पहली छमाही में भारत का घरेलू बॉक्स-ऑफिस 5723 करोड़ रुपये रहा. 2024 के मुकाबले इसमें 14% बढ़त देखने को मिली है.
2030 तक भारतीय फिल्म बाजार कहां तक पहुंचेगा?
आंकड़े जारी करने वाली बहुत ही क्रेडिबल वेबसाइट Statista के मुताबिक 2025 में भारतीय बॉक्स ऑफिस करीब 2.45 बिलियन डॉलर यानि करीब 20,300 करोड़ तक पहुंचने वाला है. 2030 तक यह बढ़कर 3.06 बिलियन डॉलर यानी करीब 25,400 करोड़ होने का अनुमान है.
यह ग्रोथ सिर्फ कमाई की नहीं, बल्कि दर्शकों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी का संकेत है. अगर यही ट्रेंड जारी रहा, तो 2047 तक भारत न सिर्फ फिल्मों का सबसे बड़ा निर्माता, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा बॉक्स ऑफिस मार्केट भी बन सकता है.
फिल्म इंडस्ट्री के लिए सरकार की नीतियां
इस ग्रोथ के पीछे सिर्फ ऑडियंस ही नहीं, बल्कि सरकारी नीतियों की भी बड़ी भूमिका है. भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को ग्लोबल मार्केट में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा सके इसके लिए कई सारी योजनाएं बना चुकी है, फिल्म मेकर्स को लोन देती है, पायरेसी से लड़ने के लिए नियम लाए गए हैं और फेस्टिवल भी आयोजित करती है जिससे प्रोत्साहित किया जा सके.
- फिल्म इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा नुकसान पायरेसी की वजह से उठाना पड़ता है. इससे निपटने के लिए सिनेमाटोग्राफ अमेंडमेंट बिल जैसे कानून लगातार लाए जा रहे हैं जिससे फिल्म इंडस्ट्री को नुकसान से बचाया जा सके. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (I&B Ministry) ने कई बार इस बात के संकेत दिए हैं कि भारत 2047 तक 'जीरो टोलेरेंस टोवर्ड पायरेसी' नीति अपनाएगा. इससे 2047 तक पायरेसी का 80–90% तक सफाया हो जाएगा और रेवेन्यू बढ़ेगा. पायरेसी घटने या खत्म होने के बाद फिल्मों की कमाई बढ़नी तय है और कम बजट वाली फिल्मों का नुकसान भी कम होगा. रिपोर्ट्स की माने तो पायरेसी खत्म करने से बॉक्स ऑफिस में 10–15% की बढ़ोतरी की उम्मीद है.
- फिल्म मेकर्स के लिए लोन की सुविधा- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)के तरह निर्माताओं को लोन उपलब्ध कराती है. इस तरह सरकार ये सुनिश्चित करती है कि अगर किसी का विजन बड़ा है तो पैसे उसके आड़े ना आएं.
- भारत सरकार प्रमुख फिल्म फेस्टिवल्स जैसे कि IFFI, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, और अन्य आयोजनों के माध्यम से भारतीय फिल्मों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करती है.
- सरकार ने मॉडल स्टेट सिनेमा रेगुलेशन रूल्स की अनाउंसमेंट की है जिससे किसी भी राज्य में फिल्मों की शूटिंग आसानी से हो सकेगी. इसका मकसद ये भी है कि इससे इन्वेस्टमेंट और रोजगार को बढावा भी मिलेगा.
- सरकार ने फिल्म प्रोडक्शन से जुड़े क्लियरेंस, फ़ाइनेंस जैसे काम आसानी से हो जाए इसके लिए ‘सिंगल-विंडो’ पोर्टल बनाया है. इ
- सरकार फिल्म प्रमोशन फंड भी देती है जिसके माध्यम से भारतीय फिल्मों को ऑस्कर, बर्लिन, कान्स जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट किया जाएगा. सरकार का लक्ष्य है कि भारतीय सिनेमा की वैश्विक पहुंच बढ़े और ग्लोबल ऑडियंस तक भारतीय फिल्में पहुंचे.
कैसे नंबर वन बनेगा भारत?
- टिकटी बिक्री के मामले में पहले से है नंबर वन- वर्ल्ड फिल्म मार्केट ट्रेंड की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 2018 से 2022 के बीच टिकट बिक्री के मामले में भारत दुनिया का सबसे बड़ा बॉक्स ऑफिस मार्केट बना रहा. 2022 में भारत में कुल 89.2 करोड़ टिकट बिके, जो 2021 की तुलना में 108.9% की सालाना ग्रोथ है. अमेरिका और कनाडा दूसरे नंबर पर रहे जबकि चीन 71.2 करोड़ टिकट बिक्री के साथ तीसरे नंबर पर रहा. ये आंकड़े दिखाते हैं कि भारत के लिए दुनिया में नंबर वन बनने की तरफ कितनी तेजी से बढ़ रहा है.
- व्यूअर ट्रेंड में बाकी देशों से मजबूत है भारत- फिल्म मार्केट में वही देश राज करता है जिसकी ऑडियंस सबसे ज्यादा हो. इस मामले में भारत के लिए ट्रेंड बेहद पॉजिटिव हैं. Statista के मुताबिक, 2017 से 2019 तक बॉक्स ऑफिस ग्रोथ स्थिर रही, कोविड के दौरान 2020 में गिरावट आई, लेकिन 2021 से 2023 के बीच तेज उछाल देखने को मिला. 2024 के बाद ग्रोथ स्थिर जरूर है, लेकिन ऑडियंस लगातार बढ़ रही है.
आसान भाषा में कहें तो दर्शक एक बार फिर थिएटर की ओर लौट रहे हैं. अगर 2024 से 2030 तक यही पैटर्न बना रहा, तो 2047 तक भारत का दर्शक आधार दुनिया में सबसे बड़ा हो सकता है. यही आंकड़े बताते हैं कि आने वाले समय में सिनेमा के मार्केट में भारत का दबदबा और मजबूत होगा.
भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को क्या फायदा होगा
अगर दर्शक वर्ग बढ़ेगा तो टिकटें ज्यादा बिकेंगी और टिकट का प्राइस भी बढ़ेंगा. इस तरह रेवेन्यू बढ़ेगा और सिनेमा की दुनिया में भारत अपनी ताकत दिखा पाएगा.
'पिक्चर अभी बाकी है, मेरे दोस्त....'
क्योंकि सबसे ज्यादा फिल्में, सबसे बड़ी ऑडियंस और टिकट खिड़की पर लगातार बढ़ती भीड़, ये सब मिलकर इशारा कर रहे हैं कि इंडियन सिनेमा का असली क्लाइमैक्स अभी आना बाकी है. ये आंकड़े यही ट्रेंड बयां कर रहे हैं कि आने वाले समय में भारत सिर्फ फिल्मों का सबसे बड़ा निर्माता ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा बॉक्स ऑफिस मार्केट भी बन जाएगा.
(Note- आर्टिकल में दिए गए आंकड़े Statista, Ormax Media, OBS, Omdia और कई अन्य क्रेडिबल सोर्स से लिए गए हैं)
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Source: IOCL
























