आखिर पीला ही क्यों होता है जेसीबी के बुलडोजर का रंग, पहली बार इसे किस रंग में रंगा गया था?
जेसीबी के बुलडोजर सोशल मीडिया पर मीम्स से लेकर चुनाव प्रचार तक में दिखाई देती है.आज जेसीबी सिर्फ एक मशीन नहीं, बल्कि लोगों की लोकप्रियता का प्रतीक बन चुकी है.

भारत में अगर कहीं जेसीबी मशीन से खुदाई चल रही हो, तो वहां भीड़ लगना आम बात है, चाहे गांव हो या शहर, जेसीबी मशीन को देखने के लिए लोग रुक जाते हैं. जेसीबी के बुलडोजर सोशल मीडिया पर मीम्स से लेकर चुनाव प्रचार तक में दिखाई देती है.आज जेसीबी सिर्फ एक मशीन नहीं, बल्कि लोगों की लोकप्रियता का प्रतीक बन चुकी है. लेकिन अक्सर यह सवाल उठता है कि जेसीबी मशीन हमेशा पीले रंग में ही क्यों दिखाई देती है, क्या शुरुआत से ही यह मशीन पीली थी या फिर इसके रंग में बदलाव किया गया. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर क्यों जेसीबी का रंग पीला रखा गया, पहली बार इसे किस रंग में रंगा गया था और इसके पीछे क्या कारण हैं.
जेसीबी मशीन क्या होती है और कहां यूज होती है?
जेसीबी (JCB) एक ब्रिटिश कंपनी है, जिसकी फुलफॉर्म Joseph Cyril Bamford है. यह कंपनी 1945 में शुरू हुई थी और अब दुनियाभर में कंस्ट्रक्शन, खुदाई, खेती और कचरा प्रबंधन जैसी जगहों पर यूज होने वाली मशीनें बनाती है. भारत में जेसीबी मशीन का मतलब अक्सर Backhoe Loader से होता है. एक ऐसी मशीन जो आगे से लोडिंग करती है और पीछे से खुदाई. इसे दोनों ओर से चलाया जा सकता है और इसका यूज सड़क बनाने, इमारत गिराने, मिट्टी उठाने या खुदाई जैसे तमाम काम में होता है.
क्यों जेसीबी का रंग पीला रखा गया?
पीला रंग नेचुरल रूप से ब्राइट होता है और यह दिन में भी और कम रोशनी में भी आसानी से दिख जाता है. कंस्ट्रक्शन साइट पर अक्सर धूल, मिट्टी और हलचल होती है. ऐसे माहौल में पीले रंग की मशीनें दूर से नजर आती हैं, जिससे लोग उन्हें देखकर अलर्ट हो सकते हैं. कई बार निर्माण स्थल पर हादसे इसलिए होते हैं क्योंकि मशीन समय पर दिखाई नहीं देती. लेकिन पीले रंग की वजह से जेसीबी मशीनें और बुलडोजर दूसरे वाहनों और श्रमिकों को पहले ही नजर आ जाते हैं, जिससे टकराव और दुर्घटनाओं की संभावना कम हो जाती है. पीला रंग पूरी दुनिया में निर्माण कार्यों का प्रतीक बन चुका है. हेलमेट से लेकर चेतावनी बोर्ड तक, कई चीजें पीले रंग में होती हैं. इससे यह रंग जेसीबी जैसी मशीनों के लिए एक व्यावसायिक चुनाव बन गया. ऐसे में समय के साथ जेसीबी ने अपने ब्रांड को पीले रंग से इस तरह जोड़ दिया कि आज जब भी हम पीली खुदाई मशीन देखते हैं, दिमाग में जेसीबी नाम आ जाता है, चाहे वो किसी और कंपनी की हो.
पहली बार इसे किस रंग में रंगा गया था?
जब पहली बार जेसीबी की मशीनें बनाई गई थी, तब उनका रंग लाल और सफेद हुआ करता था. 1950 के दशक में जब जेसीबी की बैकहो लोडर मशीन लॉन्च हुई थी, तब वह लाल और नीले रंग में आती थी. लेकिन जल्द ही सामने आया कि ये रंग निर्माण स्थलों पर काम करते समय दूर से नजर नहीं आते थे, जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता था. ऐसे में कंपनी को सोचना पड़ा कि कौन-सा रंग ऐसा हो सकता है जो दूर से भी दिखे, सुरक्षा बढ़ाए और मशीन को अलग पहचान दे. इसलिए पीले रंग को चुना गया क्योंकि पीला रंग नेचुरल रूप से ब्राइट होता है और यह दिन में भी और कम रोशनी में भी आसानी से दिख जाता है.
यह भी पढ़ें : काफी सस्ते हैं ये मेट्रो शहर! केवल इतनी सैलरी में आराम से हो जाएगा गुजारा
Source: IOCL






















