अफगानिस्तान में ये खतरनाक हथियार छोड़ गया था अमेरिका, पहलगाम हमले में भी हुए इस्तेमाल
Weapon Had Left America In Afghanistan: अमेरिकी फौज अफगानिस्तान से निकलने के बाद अपने कई खतरनाक हथियार वहीं पर छोड़ गई थी. तालिबान से लेकर पाकिस्तान तक ने इनका इस्तेमाल कर रहा है.

साल 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान ने कब्जा कर लिया था. उस दौर में यहां पर मची अफरा-तफरी के बीच अमेरिकी सेना को आनन-फानन में अफगानिस्तान छोड़कर जाना पड़ा था. लेकिन इस फैसले के बाद से अमेरिकी सेना को अपने जंग से जुड़े हथियार और बाकी बहुत सारा सामान वहां छोड़ देना पड़ा था. अमेरिका इनको वहां से नहीं ले जा पाया और इसका फायदा उठाया पाकिस्तान ने. अमेरिकी सैनिकों के इन हथियारों पर तालिबानी आतंकियों ने कब्जा कर लिया और उन्हीं के जरिए ये पाकिस्तान के पास पहुंचे. पाकिस्तान ने इनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया और आज भी कर रहा है.
पहलगाम हमले के दौरान भी पाकिस्तानी आतंकवादियों ने इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल करके 26 मासूमों को मौत के घाट उतार दिया था. कई रिपोर्ट्स की मानें तो अफगानिस्तान में अमेरिका ने करीब 7 बिलियन डॉलर से ज्यादा के हथियार छोड़ दिए थे. आइए जानें कि वो कौन से हथियार थे और इनकी कितनी कीमत थी.
कौन से हथियार छोड़ गया अमेरिका
अमेरिका ने अफगानिस्तान में जो हथियार छोड़े उनकी संख्या करीब 3.16 लाख से भी ज्यादा थी, जिसमें 26 हजार भारी हथियार भी शामिल थे. इन हथियारों में M4 कार्बाइन, M4A1 कार्बाइन, M24 स्नाइपर, AMD राइफल, M16A4 राइफल, M249 मशीन गन और M16 A2/A4 असॉल्ट राइफल समेत कई हथियार शामिल है. कई रिपोर्ट्स में तो ऐसा कहा गया है कि अमेरिकी सेना 15,37,000 जिंदा कारतूस अफगानिस्तान में छोड़ गई थी. इनकी कीमत करीब 48 मिलियन डॉलर के आसपास थी. इसके अलावा 42,000 नाइट विजन सर्विलांस, बायोमीट्रिक एंड पोजिशनिंग इक्विपमेंट्स भी शामिल थे, जिनको सेना नहीं ले पाई थी.
तालिबान ने किया हथियारों का सौदा
तालिबान ने इन हथियारों को अलग तरह से इस्तेमाल किया. उसने न सिर्फ इनका इस्तेमाल किया बल्कि उनको अच्छे खासे दामों में बेचा भी है. इन हथियारों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधि में भी हुआ है. अमेरिका की एक M4 कार्बाइन को 2400 डॉलर और एक AK-47 130 डॉलर में बेची गई थी. नाइट विजन कैमरे की डील 500 से 1000 डॉलर में की गई थी. ऐसे में जब भी आतंकी भारत में घुसते हैं तो उनके पास एके 47 और एम4 कार्बाइन होती है. सुरक्षाबलों को यह बहुत नुकसान पहुंचाती है.
कितनी खतरनाक हैं ये राइफल
कई आतंकी घटनाओं में एम4 गन का इस्तेमाल किया गया था. इन आतंकियों के पास एम4 कार्बाइन लाइटवेट, गैस ऑपरेटेड राइफल होती है. इसमें एक मिनट में 700 से 800 तक फायर किए जा सकते हैं. इनकी रेंज 500 से 600 मीटर होती है. इनकी बुलेट 3 किलोमीटर तक जा सकती है. इसीलिए ये सुरक्षाबलों के लिए खतरनाक होती है.
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