उड़ते विमान में सोने के लिए कहां जाते हैं पायलट? ज्यादातर लोग नहीं जानते होंगे इसका जवाब
Pilots Sleep During Flight: लंबी उड़ान के दौरान पायलट कहां सोते हैं, इसका जवाब यात्रियों की नजरों से छुपे एक गुप्त कमरे में छिपा है. आइए इसके बारे में थोड़ा विस्तार से समझ लेते हैं.

हवाई जहाज में यात्रा करते समय यात्रियों को सबसे ज्यादा भरोसा जिस बात पर होता है, वह है कॉकपिट में मौजूद पायलट की मौजूदगी और उसकी जिम्मेदारी पर. हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ते इस विशालकाय विमान को चलाना कोई आसान काम नहीं होता है, लेकिन जब उड़ान 8, 12 या 15 घंटे की हो, तब यह सवाल उठना लाजमी है कि पायलट लगातार इतनी देर तक कैसे जागे रहते होंगे? असल सच्चाई यह है कि पायलट उड़ान के दौरान सोते हैं और यह पूरी तरह से वैध और नियमों के तहत होता है.
कहां सोते हैं पायलट
ज्यादातर लोग यह समझते हैं कि पायलट पूरे टाइम कॉकपिट में बैठकर कंट्रोल संभालते हैं, जबकि हकीकत यह है कि लंबी दूरी की उड़ानों में पायलटों के लिए खास तरह के रेस्ट रूम या क्रू रेस्ट कम्पार्टमेंट बनाए जाते हैं. ये जगहें यात्रियों की नजरों से पूरी तरह छुपी होती हैं और अक्सर सिर्फ केबिन क्रू और पायलटों को ही इनके बारे में जानकारी होती है. इन कमरों में छोटे-छोटे बंक बेड, मुलायम रोशनी और शोर कम करने की व्यवस्था होती है, ताकि पायलट गहरी नींद ले सकें और दोबारा कंट्रोल संभालते समय पूरी तरह ताजगी महसूस करें.
कहां बने होते हैं बंक बेड
कुछ बड़े विमानों जैसे बोइंग 777, बोइंग 787 और एयरबस A350 में पायलटों के लिए अलग से बंक बेड मॉड्यूल बनाए जाते हैं. यह क्षेत्र आमतौर पर कॉकपिट के पीछे या फिर प्लेन के ऊपरी हिस्से में होता है, जहां एक-दो पायलट एक साथ आराम कर सकते हैं. जहां बंक मॉड्यूल नहीं होते, वहां एयरलाइन बिजनेस या फर्स्ट क्लास में 1-2 सीटें पायलटों के लिए रिजर्व रखती है, ताकि वे यात्रा के दौरान कुछ समय सो सकें.
क्या है पायलटों के सोने का नियम
अब सवाल यह है कि पायलट कब और कैसे सोते हैं? नियम बहुत स्पष्ट हैं. लंबी दूरी की उड़ानों में सामान्यतः 2 या 3 पायलट रहते हैं. एक या दो पायलट कॉकपिट संभालते हैं, जबकि तीसरा पायलट निर्धारित समय के लिए आराम करने जाता है.
वहीं छोटी उड़ानों में ऐसी सुविधा नहीं होती है, लेकिन पायलटों को कंट्रोल्ड रेस्ट की अनुमति दी जाती है. यह 10 से 40 मिनट का छोटा सा रेस्ट पीरियड होता है, जिसे पूरी प्रक्रिया के साथ कॉकपिट के अंदर ही लिया जाता है. इस दौरान पायलट अपनी सीट को थोड़ा पीछे खिसकाकर सीट बेल्ट लगाकर झपकी ले सकता है, जबकि दूसरा पायलट पूरी तरह सतर्क रहते हुए उड़ान संभालता है.
कंट्रोल्ड रेस्ट के लिए बनाए गए कुछ सख्त नियम हैं-
- एक समय में केवल एक ही पायलट सो सकता है.
- रेस्ट शुरू करने से पहले दोनों पायलट सहमति बनाते हैं.
- रेस्ट से उठने के बाद पायलट को कुछ मिनट तक कंट्रोल नहीं संभालने दिया जाता, ताकि वह पूरी तरह सतर्क हो जाए.
- रेस्ट लेने वाला पायलट कॉकपिट छोड़ नहीं सकता है.
यह नियम इसलिए बनाए गए हैं ताकि उड़ान के दौरान पायलटों की थकान कम हो और वे पूरी सतर्कता के साथ विमान को सुरक्षित लैंड करा सकें. अध्ययन बताते हैं कि नियंत्रित झपकी पायलट की प्रतिक्रिया क्षमता और ध्यान को बेहतर बनाती है.
कई यात्रियों को यह जानकर डर लग सकता है कि पायलट उड़ान के दौरान सोते हैं, लेकिन सच यही है कि यह प्रक्रिया उड़ान की सुरक्षा का हिस्सा है. अच्छी तरह आराम किया हुआ पायलट थके हुए पायलट से कहीं अधिक सुरक्षित ढंग से विमान को संभाल सकता है.
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