चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश मिलकर कर दें भारत पर हमला तो क्या होगा? एक साथ कितने मोर्चे पर जंग लड़ सकती है इंडियन आर्मी?
China Pakistan And Bangladesh Attack India: भारत के दुश्मन कम नहीं हैं. चीन और पाकिस्तान तो थे ही, अब ये दोनों मिलकर बांग्लादेश को भी अपनी तरफ कर रहे हैं. थ्री-फ्रंटवॉर के लिए भारत कितना मजबूत.

भारत को काउंटर करने के लिए चीन, पाकिस्तान के साथ मिलकर एक नया क्षेत्रीय संगठन बनाने की प्लानिंग कर रहा है. चीन के कुनमिंग ने चीन-पाकिस्तान-बांग्लादेश के त्रिपक्षीय बैठक के बाद ‘साका’ (South Asia-China Alliance) नाम से एक क्षेत्रीय गठबंधन की नींव रखने का मन बना लिया है. यह सार्क का चीनी संगठन कहा जा रहा है. इसका मकसद भारत को दक्षिण एशिया में अलग-थलग करना है. खबर है कि इसकी पहली बैठक पाकिस्तान के इस्लामाबाद में अगस्त में आयोजित की जाएगी और इसमें मालदीव, श्रीलंका और अफगानिस्तान जैसे देश भी शामिल हो सकते हैं. ऐसे में क्या ये तीनों देश मिलकर भारत पर हमला भी कर सकते हैं? अगर ऐसा हुआ तो इंडियन आर्मी कितने मोर्चों पर एक साथ युद्ध लड़ सकती है.
भारत-पाकिस्तान की जंग में कूद सकता है चीन
क्या होगा अगर आज के दौर में भारत को चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश से तीन तरफ की जंग लड़नी पड़ जाए तो? अगर पाकिस्तान से जंग हुई तो चीन बीच में कूद सकता है. वहीं अगर इनका नया संगठन साका बन गया तो बांग्लादेश भी चीन-पाकिस्तान के साथ में आ जाएगा. अगर ऐसा हुआ तो भारत को एक नहीं बल्कि तीन दुश्मनों के साथ युद्ध करना पड़ जाएगा. चीन और पाकिस्तान तो पहले ही देश के दुश्मन हैं, वहीं अगर बांग्लादेश ने भी इनका साथ दिया तो वो भी दुश्मन बन जाएगा. सैन्य मामलों के जानकार अक्सर यही बात करते हैं कि अगर युद्ध हुआ तो भारत को चीन-पाकिस्तान के साथ लड़ना पड़ेगा.
क्या होगा अगर एकसाथ हो जाए हमला
आजादी के बाद भारत ने पांच जंग लड़ी हैं. 1962 में चीन के साथ और 1947, 1965, 1971 और 1999 में पाकिस्तान के साथ. हर जंग में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है. वहीं चीन ने एक तरफा युद्ध विराम कर दिया था. पाकिस्तान को आतंकवाद और घुसपैठ विरासत में मिली है. पाकिस्तान के साथ तो सीमा युद्ध लड़ना भारत के लिए आसान है, लेकिन चीन के साथ थोड़ा मुश्किल है क्योंकि चीन के साथ हिमालय के ऊंचे पहाड़ लगते हैं. चीन के साथ भारत का अन-डिमार्केटेड बॉर्डर करीब 4057 किलोमीटर लंबा है, लेकिन चीन मानता है कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है, इसीलिए वो सिर्फ 2000 किलोमीटर का बॉर्डर ही मानता है.
पाकिस्तान की आतंकी घुसपैठ और कब्जे की पुरानी कोशिश
चीन ने म्यामांर-श्रीलंका-पाकिस्तान और जिबौती में भी अपने पोर्ट बना रखे हैं और समुद्री रास्ते से भी भारत को घेर रहा है. वो भूटान और नेपाल पर भी दबाव बनाता रहता है. अगर भारत-पाकिस्तान के साथ सीधा युद्ध हो तो चीन सीधे हस्तक्षेप न करके उत्तरी और पूर्वी सेक्टर्स में अपने सैनिकों को झड़प के लिए व्यस्त रखेगा, ताकि भारत-पाकिस्तान की ओर पूरा ध्यान न दे पाए. लेकिन अगर चीन-भारत के साथ युद्ध छेड़ता है तो पाकिस्तान अपनी फितरत के आगे मजबूत होकर आतंकी घुसपैठ, कश्मीर पर कब्जा जमाने की कोशिश करेगा.
बड़ी कठिन है डगर थ्री-फ्रंट वॉर की
वहीं अगर तीसरे मोर्चे पर बांग्लादेश भी हथियार तानकर खड़ा हो जाता है तो भारत के लिए थ्री-फ्रंट वॉर में काफी मुश्किलें आ सकती हैं, क्योंकि तीनों को एकसाथ जमीन पर संभालना थोड़ा मुश्किल होगा. ऐसी परिस्थिति में भारत को अपनी CRPF का इस्तेमाल करना पड़ेगा. इतने बड़े इलाके में यानि पश्चिम से उत्तर और उत्तर से पूर्व तक अलग-अलग सेक्टर्स में सेना का मूवमेंट इतनी जल्दी संभव नहीं हो सकेगा. यह समस्या एयरफोर्स और नौसेना के साथ भी देखने को मिल सकती है.
भारत को लेने होंगे रणनीतिक फैसले
तीनों मोर्चों पर युद्ध लड़ने के लिए भारत को नौसेना को भी दो तरफ से तैयार करना होगा. एक हिस्सा अरब सागर में कराची के सामने की ओर होगा, तो वहीं दूसरा हिस्सा बंगाल की खाड़ी में तैनात होगा, जो कि चीन और बांग्लादेश का मुकाबला करेगा. ऐसी परिस्थिति में हथियारों की खपत बढ़ेगी. भारत को ऐसी परिस्थिति से लड़ने के लिए हमेशा उपकरणों और यंत्रों का भंडार करना होगा. इसके अलावा पूरी दुनिया यह बात जानती है कि चीन और पाकिस्तान दोस्त हैं, ऐसे में बांग्लादेश के मिल जाने से ताकत और बढ़ जाएगी. अगर थ्री-फ्रंटवॉर हुआ तो भारत को लड़ने के लिए बहुत ज्यादा चुनौती होगी और बहुत रणनीतिक फैसले लेने पड़ेंगे.
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Source: IOCL





















