Waqf Amendment Bill: वक्फ की जमीनों की तरह किन चीजों को कोर्ट में नहीं किया जा सकता है चैलेंज? जान लीजिए जवाब
Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन बिल लाने के पीछे सरकार की सही और सटीक मंशा है, लेकिन विपक्ष को यह ठीक नहीं लग रहा है. वक्फ की संपत्ति की तरह एक चीज और है जिसे कोर्ट में चैलेंज नहीं कर सकते हैं.

Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन बिल को लेकर सड़क से संसद तक माहौल गर्म है. एक तरफ जहां सत्तारूढ़ पार्टी कह रही है कि इसके जरिए वक्फ की संपत्ति का प्रबंधन सुव्यवस्थित तरीके से होगा, तो वहीं विपक्ष और मुसलमानों का कहना है कि इससे उनको नुकसान होगा और यह मुसलमानों के पक्ष में नहीं है. बीते दिन जब यह बिल लोकसभा में पास हुआ तो इसके पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट डाले गए. वक्फ में संशोधन किए जाने के पीछे कई वजहें हैं, लेकिन इसको लेकर हिंदुस्तान की सियासत में जोरदार जुबानी जंग देखने को मिल रही है.
विपक्ष ने सरकार पर मढ़े ढेर आरोप
इस बिल को लेकर विपक्षी राजनीतिक दल मोदी सरकार पर तमाम तरह के आरोप मढ़ रहे हैं. उनका कहना है कि यह कानून वक्फ बोर्ड और मुसलमानों के अधिकार छीनने के लिए लाया जा रहा है. लगातार चल रही बहस के बीच एक बात तो सभी जान गए हैं कि आखिर वक्फ क्या है और एक बार कोई संपत्ति वक्फ को दे दी गई तो फिर उस पर से मालिकाना हक हट जाता है. यहां तक कि वक्फ की जमीन को लेकर कोर्ट में चैलेंज भी नहीं किया जा सकता है.
अदालत में चुनौती योग्य नहीं वक्फ की संपत्ति
दरअसल सरकार का कहना है कि 1995 के एक्ट में वक्फ की संपत्तियों के रेग्युलेशन के संबंध में गलतियां हैं. इनमें स्वामित्व को लेकर भी विवाद है और वक्फ भूमि पर अवैध कब्जे के कई मामले शामिल हैं. यही वजह है कि केंद्र सरकार नया कानून लेकर आ रही है. वक्फ की संपत्तियों को लेकर सभी मामलों की सुनवाई वक्फ ट्रिब्युनल बोर्ड करता है और इसके फैसले को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है. वक्फ की संपत्ति की तरह से कुछ और भी है जिसको अदालत में चुनौती नहीं दी सकती है.
किस चीज को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती
वक्फ की जमीन की तरह राज्य नीति के निर्देश सिद्धांतों को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है. राज्य नीतियों के निर्देशन सिद्धांत कानून की अदालत में लागू करने योग्य और बहस योग्य नहीं हैं, क्योंकि वे राज्य के नैतिक कर्तव्य हैं कि एक राज्य को अपने नागरिकों के लाभ के लिए पालन करना चाहिए. इसलिए इनको कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती है.
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