प्रधान से ब्लॉक प्रमुख तक, उत्तराखंड पंचायत चुनाव के बीच जानें किसके पास क्या होती है पावर
Uttarakhand Panchayat Elections: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की तारीखें आ चुकी हैं और इसके लिए नामांकन भी शुरू हो गया है. चलिए इसी बीच जान लेते हैं प्रधान से ब्लॉक प्रमुख तक किसके पास कितनी पावर है.

उत्तराखंड में हरिद्वार को छोड़कर 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का संशोधित कार्यक्रम जारी हो चुका है. प्रदेश में दो चरणों में चुनाव होने हैं. पहले चरण में 24 जुलाई और दूसरे चरण में 28 जुलाई को मतदान होगा, जबकि 31 जुलाई को मतगणना के साथ परिणामों की घोषणा हो जाएगी. वहीं इसके लिए नामांकन 2 से 5 जुलाई तक सुबह आठ से शाम 4 बजे तक किया जाना है. वहीं 7 से 9 जुलाई तक सुबह 8 बजे से रात काम खत्म होने तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. इससे पहले उत्तराखंड में पंचायत चुनाव 10 और 15 जुलाई को होमा था, लेकिन बाद में तारीखें बदल दी गईं. चलिए जानें कि पंचायत में कौन-कौन से पद होते हैं और किनके पास कितनी पावर होती है.
- प्रधान, जिला पंचायत या क्षेत्र पंचायत का प्रमुख होता है. ये जिला पंचायत या क्षेत्र पंचायत के सदस्यों के द्वारा चुना जाता है. इसका काम जिला या क्षेत्र स्तर पर विकास योजनाओं और नीतियों को लागू करना होता है. इसे गांव के लोग चुनते हैं और इसका कार्यकाल पांच साल के लिए होता है. ग्राम पंचायत में सभी कार्य करने के अधिकार ग्राम प्रधान के पास होते हैं.
- सरपंच, जो कि ग्राम पंचायत का मुखिया होता है और इसे ग्राम सभा के द्वारा चुना जाता है. ये गांव स्तर पर काम करता है. गांव के विकास और समस्या के समाधान में इसकी अहम भूमिका होती है. इसका कार्यकाल भी पांच साल होता है और इसे गांव के लोग चुनते हैं.
- सचिव ग्राम पंचायत का प्रशासनिक प्रमुख होता है और पंचायत के कामों को व्यवस्थित करने में मदद करता है. इसे ग्राम विकास अधिकारी भी कहा जाता है. इसका काम वित्तीय प्रबंधन, सरकारी योजनाओं को लागू करवाना, बैठकें आयोजित करना जैसे काम होते हैं. ये ग्राम पंचायत और सरकार के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी होता है.
- ब्लॉक प्रमुख, ब्लॉक पंचायत का निर्वाचित प्रमुख होता है. ये ब्लॉक पंचायत का अध्यक्ष होता है और पंचायत समिति के कामकाज की देखरेख करता है. ब्लॉक प्रमुख का चुनाव ब्लॉक के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा किया जाता है.
- त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में जिला पंचायत अध्यक्ष का पद सबसे बड़ा होता है. जिला पंचायत अध्यक्ष जिले भर की ग्राम पंचायतों का सर्वेसर्वा होता है. जिलाधिकारी भी विकास कार्यों को जिला पंचायत अध्यक्ष की अनुमति से ही कराते हैं. इसको डेवलपमेंट के लिए केंद्र और राज्य सरकार से बजट मिलता है.
- जिला पंचायत का प्रशासनिक प्रमुख मुख्य कार्यकारी अधिकारी होता है. इसे राज्य सरकार के द्वारा नियुक्त किया जाता है. इसे जिला पंचायत का प्रशासन चलाने के लिए नियुक्त करते हैं.
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