(Source: ABPLIVE पत्रकारों का Exit Poll)
अपना पैसा दूसरे देशों में छपवाती हैं ये कंट्रीज, जान लें लिस्ट में कौन-कौन से देश शामिल?
Currency Printing: करेंसी छपवाना सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि रणनीतिक फैसला भी होता है. कुछ देश अपनी क्षमता की वजह से यह काम खुद करते हैं, लेकिन कुछ देश दूसरे देशों में नोट छपवाते हैं.

क्या आपने कभी सोचा है कि आपके देश के नोट आखिर कहां बनते हैं? ज्यादातर देशों में करेंसी छापने का अपना सिस्टम होता है, लेकिन दुनिया में कई ऐसे देश भी हैं जो अपनी करेंसी खुद नहीं छापते हैं, बल्कि किसी दूसरे देश से छपवाते हैं. यह सुनने में भले अजीब लगे, लेकिन यह सच है. खासतौर पर अफ्रीका और एशिया के कई देशों की करेंसी दूसरे देशों में तैयार होती है. चलिए इस बारे में और कुछ जानते हैं.
कहां छपता है इन देशों का पैसा?
चीन दुनिया के कई देशों के लिए करेंसी प्रिंटिंग का बड़ा हब बन चुका है. चीन के पास दुनिया की सबसे आधुनिक प्रिंटिंग सुविधाएं हैं. बताया जाता है कि चीन न सिर्फ अपनी करेंसी युआन छापता है, बल्कि भारत, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे दक्षिण एशियाई देशों के लिए भी नोट प्रिंट करता है. हालांकि भारत की करेंसी सुरक्षा कारणों से देश के अंदर ही छपती है, लेकिन पड़ोसी देशों की करेंसी चीन में तैयार होती है.
वहीं अफ्रीकी देशों की बात करें तो 54 देशों में से लगभग दो-तिहाई देश अपनी करेंसी विदेशों में ही छपवाते हैं. इनमें से ज्यादातर यूरोप और उत्तरी अमेरिका में नोट प्रिंट करवाते हैं. जैसे कि नाइजीरिया, केन्या, जाम्बिया और तंजानिया जैसे देश अपनी करेंसी ब्रिटेन या जर्मनी की प्रिंटिंग कंपनियों से छपवाते हैं.
आखिर क्यों विदेशों में छपवाते हैं करेंसी?
हर देश के पास नोट छापने के लिए जरूरी तकनीकी संसाधन और सुरक्षा उपकरण नहीं होते हैं. करेंसी छापने की प्रक्रिया बेहद संवेदनशील और महंगी होती है, जिसमें खास किस्म के कागज, स्याही, सुरक्षा धागे और हॉलोग्राम जैसी चीजें इस्तेमाल होती हैं. कई छोटे या डेवलपिंग कंट्रीज के लिए इन मशीनों और तकनीक में इन्वेस्टेमेंट करना मुश्किल होता है. इसलिए वे भरोसेमंद विदेशी कंपनियों या देशों से नोट छपवाने का काम कराते हैं.
चीन इस क्षेत्र में सबसे आगे है, क्योंकि उसके पास आधुनिक प्रिंटिंग सेटअप, बड़े पैमाने की क्षमता और उन्नत सुरक्षा तकनीकें हैं. इसके अलावा, चीन का कई देशों के साथ मजबूत आर्थिक रिश्ता है, जिससे यह काम उनके बीच आसानी से हो जाता है.
क्या इसमें भी खतरा है?
विदेश में करेंसी छपवाने का एक बड़ा जोखिम यह है कि उस देश को आपकी मुद्रा की सुरक्षा विशेषताओं की जानकारी हो जाती है. इससे जाली नोट बनने का खतरा बढ़ जाता है. यही वजह है कि कोई भी देश किसी दूसरे देश को यह जिम्मेदारी देने से पहले उस पर पूरा भरोसा जताता है.
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Source: IOCL

























