India’s Most Expensive Airports: भारत का सबसे महंगा एयरपोर्ट कौन-सा? बनाने में हुए खर्च के हिसाब से देख लें लिस्ट
India’s Most Expensive Airports: भारत में लगातार विमानन क्षेत्र का विकास किया जा रहा है. आज हम बात करने जा रहे हैं कुछ सबसे महंगे हवाई अड्डों के बारे में. आइए जानते हैं क्या है इनकी निर्माण लागत.

India'a Most Expensive Airports: भारत का विमानन क्षेत्र वक्त के साथ-साथ परिवर्तन का अनुभव कर रहा है. उत्तर प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक कई बड़े हवाई अड्डों का निर्माण और विस्तार नई वित्तीय ऊंचाइयों पर पहुंच चुका है. आज हम बात करने जा रहे हैं भारत के उन सबसे महंगें हवाई अड्डों के बारे में जिनकी निर्माण लागत आसमान छूती है. तो आइए जानते हैं.
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जेवर
उत्तर प्रदेश के जेवर में स्थित नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत का सबसे बड़ा और सबसे महंगा हवाई अड्डा है. लगभग 30000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ इस हवाई अड्डे का विकास ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी की सहायक कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कर रही है.
2040 तक पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाने के बाद इस हवाई अड्डे में लगभग 6 रनवे होंगे. यह एशिया के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक बन जाएगा. इस हवाई अड्डे का लक्ष्य दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हवाई यातायात के बोझ को कम करना है और पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए कनेक्टिविटी को बढ़ाना है.
नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
यह हवाई अड्डा महाराष्ट्र की सबसे महत्वाकांक्षी ग्रीनफील्ड परियोजनाओं में से एक है. इसके अनुमानित लागत 18000 करोड़ रुपए है. दरअसल इसे मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पूरक के रूप में डिजाइन किया गया है. इस हवाई अड्डे का उद्देश्य विश्व स्तरीय सुविधाओं और उन्नत स्थिरता सुविधाओं के साथ एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में काम करना है.
राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, हैदराबाद
फिलहाल इस हवाई अड्डे पर लगभग 14000 करोड़ की लागत से एक विशाल विस्तार परियोजना चल रही है. जीएमआर हैदराबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड द्वारा चलाई जा रही इस परियोजना का उद्देश्य यात्री क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि और परिचालक दक्षता में सुधार करना है.
चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लगभग 2800 करोड़ की लागत से एक पुनर्निर्माण परियोजना चल रही है. इस परियोजना में दो रनवे और तीन टर्मिनल शामिल हैं. इन्हें सालाना 2.3 करोड़ यात्रियों को संभालने के लिए डिजाइन किया जा रहा है.
चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, लखनऊ
लखनऊ में स्थित यह हवाई अड्डा लगभग 1383 करोड़ की एक बड़ी परियोजना के तहत अपग्रेड किया गया है. एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा प्रबंधित इस आधुनिकरण का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में यात्री सुविधाओं में सुधार, टर्मिनल क्षमता में विस्तार और हवाई संपर्क को मजबूत करना है.
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