पहाड़ों में जो बर्फ गिरती है, वह मौसम के हिसाब से अलग-अलग होती है क्या?
बर्फ हर मौसम में एक जैसी नहीं गिरती. आपने देखा होगा कि बेहद ठंडी जगहों पर या सर्दी में गिरने वाली बर्फ अक्सर सूखी होती है. ये अगर आप पर गिर जाए तो आप गीले नहीं होंगे

उत्तर भारत इस वक्त गर्मी से बेहाल है. यहां तापमान इतना ज्यादा बढ़ा हुआ है कि अगर आप धूप में निकल जाएं तो झुलस जाएंगे. हालांकि, इसी गर्मी के दौरान दुनिया में कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहां बर्फबारी हो रही है. चलिए आज आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि कैसे गर्मी और सर्दी में गिरने वाली बर्फ में अंतर होता है. इसके साथ ही आपको ये भी बताते हैं कि आसमान में बर्फ बनती कैसे है.
आसमान में बर्फ बनती कैसे है
दरअसल, जब आसमान में ठंडी हवाएं चलती हैं तो वहां का तापमान गिर जाता है. ये तापमान इतना ज्यादा गिर जाता है कि हवा में मौजूद नमी बर्फ में तब्दील हो जाती हैं. अधिक भार की वजह से यही बर्फ जमीन पर गिरने लगती है. ज्यादातर समय ये बर्फ हल्की होती है. लेकिन जब तापमान शून्य से नीचे चला जाता है तो बर्फ ठोस होकर आपस में चिपकने लगती है. इस क्रिया की वजह से बड़े-बड़े गोले बन जाते हैं और आसमान से यही गोले ओले के रूप में गिरते हैं.
मौसम के हिसाब से अलग-अलग बर्फ
बर्फ हर मौसम में एक जैसी नहीं गिरती. आपने देखा होगा कि बेहद ठंडी जगहों पर या सर्दी में गिरने वाली बर्फ अक्सर सूखी होती है. ये अगर आप पर गिर जाए तो आप गीले नहीं होंगे और ना ही इससे मिट्टी गीली होती है. जबकि, गर्मी में जब बर्फ गिरती है तो वह गीली हो जाती है. दरअसल, आसमान में जब तापमान कम होता है तो हवा में मौजूद नमी बर्फ बन जाती है. लेकिन जब ये बर्फ गर्मी के मौसम में नीचे जमीन की ओर गिरती है तो धरती पर आते-आते ये पिघलने लगती है और फिर ये बर्फ गीली हो जाती है. ओलों के साथ ऐसा ही होता है. आपने देखा होगा कि ओले जब भी पड़ते हैं तो साथ में बारिश भी होती है. इस तरह की बर्फ अक्सर सर्दी का मौसम शुरू होने के पहले गिरती है.
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Source: IOCL





















