दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइल किस देश के पास, जानें कितनी खतरनाक है इसकी तकनीक?
आज जब हर तरफ युद्ध की स्थिति बनी हुई है तो हर देश के पास बेहतर हथियार होना बेहद जरूरी है. ऐसे में आइए आज आपको बताते हैं कि दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइल किस देश के पास है और कितनी खतरनाक है इसकी तकनीक?

इस समय दुनिया में अधिकतर जगह युद्ध और तबाही मची हुई है फिर चाहे बात यूक्रेन-रूस युद्ध की करे या फिर इजरायल-पलेस्टाइन की. ऐसे में युद्ध के दौरान ये बात बेहद मायने रखती हैं कि किस देश के पास ज्यादा, बेहतरीन, और आधुनिक हथियार मौजूद हैं. इन्हीं हथियारों में से एक बेहद जरूरी हथियार है मॉडर्न टेक्नोलॉजी से बनी मिसाइलें. ये मिसाइलें कई मील दूर बने टारगेट को कुछ ही पलों में पूरी तरह बर्बाद करने की क्षमता रखती हैं. आज दुनिया में अधिकतर देशों के पास इस तरह की मिसाइलें मौजूद हैं जो बेहद खतरनाक और तबाही मचाने वाली हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइल किस देश के पास है और कितनी खतरनाक है इसकी तकनीक? तो आइए आज आपको बताते है इस बारे में.
किस देश में है सबसे खतरनाक मिसाइल?
दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइल का नाम RS-28 Sarmat है और ये रूस के पास है. ये मिसाइल दुनिया की सबसे घातक इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल है. इसे NATO ने SATAN II (ICBM) नाम दिया है. ये मिसाइल 1945 हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए न्यूक्लियर बॉम्ब की तुलना में 2000 गुना ज्यादा ताकतवर है. उतना ही नहीं ये एक हाइपरसोनिक मिसाइल है.
ये मिसाइल क्यों है खास?
RS-28 मिसाइल अपने आप में एक अजूबा है. दुनिया में सबसे खतरनाक माने जाने वाली इस मिसाइल की कुल लंबाई 35.5 और चौड़ाई 3 मीटर है. इस बेहद ताकतवर एंटी बैलिस्टिक मिसाइल का कुल वजन 200 टन से भी ज्यादा है, जो इसे अब तक बनाई गई सबसे भरी ICBM में से एक बनाता है. रिपोर्ट्स की माने तो ये मिसाइल एक बार में 10 टन से अधिक वारहेड्स कैरी कर सकती है. अपने टारगेट को झट से तबाह कर देने वाली इस मिसाइल की रेंज 18000 किमी है और ये 1000 किमी की ऊंचाई तक जा सकती है. ये मिसाइल 25,500 kph की रफ्तार से टारगेट तक पहुंचती है और उसे खत्म कर देती है.
RS-28 की स्पेशल तकनीक
मिसाइल फ्रेक्शनल ऑर्बिटल बॉम्बार्डमेंट करने में सक्षम है. इसमें मिसाइल को लो अर्थ ऑर्बिट में लॉन्च किया जाता है. इससे मिसाइल आसानी से अपने टारगेट तक पहुंच पाती है और इसके रास्ते में कम बाधाएं आती हैं. साथ ही, हर वारहेड का अपना गाइडेंस सिस्टम होता है जो इनर्शियल नेविगेशन पर आधारित होता है, जैसे ग्लोनास और एस्ट्रो इनर्शियल टेक्नोलॉजी.
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Source: IOCL























