2025 में दुनिया की सबसे कमजोर करेंसी, लेबनान से इंडोनेशिया तक किन देशों का पैसा डॉलर के आगे बेबस?
साल 2025 में दुनिया की कई करेंसी डॉलर के मुकाबले बेहद कमजोर साबित हुई हैं. लेबनान, ईरान, वियतनाम, सिएरा लियोन, लाओस और इंडोनेशिया जैसे देशों की मुद्रा तेजी से गिर गई है.

दुनिया की आर्थिक व्यवस्था में डॉलर, यूरो और पाउंड जैसी करेंसी सबसे मजबूत मानी जाती है. लेकिन हर देश की हालत एक जैसी नहीं होती. कई देश ऐसे भी हैं जहां की करेंसी डॉलर के मुकाबले लगभग बेदम हो चुकी है. इसके पीछे की वजह अलग-अलग दिखती है. कहीं राजनीतिक अस्थिरता है, कहीं महंगाई बेकाबू है तो कहीं जानबूझकर अपनी करेंसी को कमजोर रखा जा रहा है. साल 2025 तक कम से कम 6 करेंसी ऐसी है जो दुनिया की सबसे कमजोर मुद्राओं में गिनी जा रही है. ऐसे में चलिए आज जानते हैं कि कौन सी करेंसी इस लिस्ट में है और क्यों उनकी कीमत गिर रही है.
लेबनानी पाउंड
लेबनान की अर्थव्यवस्था पिछले कई सालों से लगातार संकट में है. बैंकिंग व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और राजनीतिक गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा.नतीजा यह है कि लेबनानी पाउंड की हालत सबसे खराब है. अगस्त 2025 में एक अमेरिकी डॉलर के बदले करीब 90 हजार लेबनानी पाउंड मिल रहे हैं. यह स्थिति स्पष्ट रूप से हाइपरइन्फ्लेशन का उदाहरण है जिसमें लोगों की बचत और खरीद क्षमता लगभग खत्म हो चुकी है.
ईरानी रियाल
ईरान की करेंसी भी पतन की राह पर है. आज एक अमेरिकी डॉलर लगभग 42 हजार ईरानी रियाल के बराबर है. लगातार अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों ने ईरान को वैश्विक बाजारों में अलग-थलग कर दिया. आयातित सामानों की कीमत इतनी ज्यादा है कि आम लोगों के लिए रोजमर्रा की जरूरत भी महंगी हो चुकी है. निवेशकों का भरोसा टूट चुका है और यही वजह है की रियाल दुनिया की सबसे कमजोर करेंसी में शुमार है.
वियतनामी डोंग
वियतनाम पर्यटन के लिहाज से जितना लोकप्रिय है, उसकी करेंसी की स्थिति उतनी ही कमजोर मानी जाती है. वर्तमान में 1 डॉलर के बदले करीब 25 हजार से ज्यादा डोंग मिलते हैं. हालांकि इसका कारण महंगाई या राजनीतिक संकट नहीं है. असल में वियतनाम ने अपनी करेंसी को जानबूझकर कमजोर रखा ताकि उसके उत्पाद सस्ते होकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सके. यह रणनीति निर्यात बढ़ाने में मदद करती है लेकिन करेंसी को कागज पर कमजोर दिखाती है.
सिएरा लियोन का लियोन
पश्चिमी अफ्रीका का छोटा सा देश सिएरा लियोन आज भी अपनी करेंसी को मजबूती नहीं दे पाया. 1 डॉलर लगभग 22 हजार से ज्यादा लियोन के बराबर हैं. खनिज निर्यात पर निर्भर यह देश राजनीतिक अस्थिरता कमजोर बुनियादी ढांचे और लगातार महंगाई की वजह से जूझ रहा है. यही कारण है कि उसकी करेंसी अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन में कोई दम नहीं रखती.
लाओस का किप
एशिया की सबसे कमजोर करेंसी में लाओस का किप भी शामिल है इस समय एक डॉलर के बदले 21 हजार से ज्यादा किप मिल रहे हैं. लाओस की अर्थव्यवस्था, प्राकृतिक संसाधनों पर टिकी है लेकिन भारी कर्ज और सीमित उद्योग की वजह से उसकी आर्थिक क्षमता कमजोर बनी हुई है. महंगाई और विदेशी कर्ज ने किप को और नीचे धकेल दिया है.
इंडोनेशिया रुपैया
इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था बाकी देशों की तुलना में काफी बेहतर है. फिर भी उसकी करेंसी कमजोर बनी हुई है. एक डॉलर के बदले करीब 16 हजार से ज्यादा रुपैयामिलते हैं. 1990 के दशक में एशियाई वित्तीय संकट का असर आज भी रुपैया पर देखा जा सकता है. हालांकि यह देश अन्य मामलों में स्थिर है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रुपैया की कीमत सस्ती करेंसी की छवि बनाती है.
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Source: IOCL






















