जस्टिस यशवंत वर्मा से पहले संसद ने इन जजों के खिलाफ भी किया अपनी ताकत का इस्तेमाल, इतनी बार लाया गया महाभियोग
Justice Yashwant Varma Impeachment: जस्टिस यशवंत वर्मा से पहले भी कई जज महाभियोग का सामना कर चुके हैं. हालांकि किसी भी जज को इसके तहत हटाया नहीं गया.

Justice Yashwant Varma Impeachment: दिल्ली हाईकोर्ट में बतौर जज तैनात जस्टिस यशवंत वर्मा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद अब जस्टिस वर्मा के खिलाफ संसद अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर सकती है. बताया जा रहा है कि मोदी सरकार जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी कर रही है. अगले संसद सत्र में ये महाभियोग लाया जा सकता है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि महाभियोग क्या होता है और अब तक किन जजों ने इसका सामना किया है.
क्या होता है महाभियोग?
संविधान के अनुच्छेद 124(4) के तहत महाभियोग की कार्रवाई की जाती है. आमतौर पर इसका इस्तेमाल संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति को हटाने के लिए किया जाता है. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों पर भी ये लागू होता है. संसद में प्रस्ताव रखे जाने के बाद इसके लिए वोटिंग होती है और पास होने से पहले स्पीकर खुद से इसकी जांच करवाते हैं. दो तिहाई समर्थन मिलने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है. राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद जज को पद से हटाया जाता है.
जजों के मामले में काम नहीं आया महाभियोग
जस्टिस यशवंत वर्मा से पहले भी कई जज महाभियोग का सामना कर चुके हैं. हालांकि किसी भी जज को इसके तहत हटाया नहीं गया, क्योंकि इसकी लंबी कार्यवाही पूरी होने से पहले ही कुछ जजों ने इस्तीफा दे दिया, वहीं कुछ मामलों में ये प्रस्ताव पास नहीं हो पाया. इनमें से ज्यादातर जजों पर पैसों के लेनदेन और वित्तीय अनियमितता जैसे आरोप लगाए गए थे.
इन जजों ने किया है सामना
महाभियोग का सामना करने वाले जजों में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस वी रामास्वामी, कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस सौमित्र सेन, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस एसके गंगेले, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेबी पारदीवाला, तेलंगाना हाईकोर्ट के जस्टिस सीवी नागार्जुन, पूर्व सीजेआई जस्टिस दीपक मिश्रा और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर यादव जैसे नाम शामिल हैं. इनमें से कुछ जजों पर महाभियोग स्पीकर ने ही खारिज कर दिया था, वहीं कुछ प्रस्ताव पारित ही नहीं हो पाए.
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