IPL में नहीं बिकने पर क्या ICC से शिकायत कर सकते हैं अनसोल्ड प्लेयर्स? जानें नियम
IPL Auction 2026: आईपीएल ऑक्शन में नाम पुकारा गया, हथौड़ा चला और खिलाड़ी अनसोल्ड रह गया. यहीं से सवाल उठता है कि क्या खिलाड़ी ICC तक जा सकता है या यह दरवाजा वहीं बंद हो जाता है.

आईपीएल की नीलामी हर खिलाड़ी के लिए सिर्फ सौदा नहीं, बल्कि करियर का टर्निंग पॉइंट होती है. करोड़ों की बोली के बीच जब कोई नाम अनसोल्ड रह जाता है, तो चर्चा मैदान से निकलकर नियमों तक पहुंच जाती है. कई बार सोशल मीडिया पर यह सवाल उठता है कि क्या ऐसे खिलाड़ी ICC से शिकायत कर सकते हैं. क्या न बिकना किसी के साथ अन्याय है या यह खेल की व्यावसायिक सच्चाई? नियम क्या कहते हैं, आइए जानते हैं.
आईपीएल ऑक्शन, भावना नहीं बिजनेस
आईपीएल एक पेशेवर टी20 लीग है, जहां भावनाओं से ज्यादा रणनीति काम करती है. हर फ्रेंचाइजी अपने बजट, टीम संतुलन और भविष्य की योजना को ध्यान में रखकर खिलाड़ियों पर बोली लगाती है. किसी खिलाड़ी का न बिकना उसकी प्रतिभा पर सवाल नहीं होता, बल्कि उस समय टीमों की जरूरत और कॉम्बिनेशन का नतीजा होता है. यही वजह है कि बड़े नाम भी कई बार अनसोल्ड रह जाते हैं.
ICC का रोल कहां से कहां तक
यहां सबसे अहम बात समझना जरूरी है कि ICC का काम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के नियम तय करना और सदस्य बोर्ड्स के बीच संतुलन बनाए रखना है. आईपीएल जैसी लीग ICC के सीधे नियंत्रण में नहीं आती है. यह पूरी तरह BCCI द्वारा संचालित टूर्नामेंट है, इसलिए कोई भी खिलाड़ी सिर्फ इस आधार पर ICC से शिकायत नहीं कर सकता कि वह नीलामी में नहीं बिका.
शिकायत क्यों नहीं बनती मामला
नीलामी एक खुला बाजार है, जहां खरीदना या न खरीदना टीमों का अधिकार है. इसमें कोई चयन समिति नहीं बैठती और न ही प्रदर्शन की आधिकारिक रैंकिंग के आधार पर फैसला होता है. जब तक नीलामी प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन, धोखाधड़ी या अनुचित व्यवहार साबित न हो, तब तक शिकायत का आधार ही नहीं बनता है और चूंकि यहां कोई नियम तोड़ा नहीं जाता, इसलिए ICC का दखल भी नहीं होता है.
BCCI के दायरे में आता है फैसला
आईपीएल के सभी नियम, ऑक्शन का फॉर्मेट और टीमों के अधिकार BCCI तय करता है. खिलाड़ी जब नीलामी में अपना नाम दर्ज कराता है, तो वह इन नियमों को पहले ही स्वीकार कर लेता है. यही कारण है कि अनसोल्ड रहने पर कोई कानूनी या अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपील का रास्ता नहीं खुलता.
अनसोल्ड का मतलब बाहर नहीं
नीलामी में न बिकना कहानी का अंत नहीं होता है. आईपीएल के दौरान कई बार टीमें चोट, उपलब्धता या फॉर्म के कारण रिप्लेसमेंट ढूंढती हैं. ऐसे में अनसोल्ड खिलाड़ी बेस प्राइस पर टीम से जुड़ सकता है. इसके अलावा मिनी ऑक्शन और अगले सीजन की नीलामी में फिर मौका मिलता है. कई खिलाड़ी ऐसे रहे हैं जो पहले अनसोल्ड रहे, लेकिन बाद में लीग के स्टार बने.
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Source: IOCL























