Employee Bonus: क्या भारत में दिवाली की तरह पाकिस्तान में कर्मचारियों को मिलता है ईद का बोनस? जान लें नियम
Employee Bonus: भारत में दिवाली का त्योहार आते ही लाखों कर्मचारियों में बोनस की उम्मीद जाग जाती है. आइए जानते हैं क्या पाकिस्तान में भी ईद जैसे त्योहार पर बोनस दिया जाता है या नहीं.

Employee Bonus: भारत में दिवाली का त्यौहार लगभग आने ही वाला है. दिवाली आते ही लाखों कर्मचारी बेसब्री से अपने फेस्टिवल बोनस का इंतजार करने लगते हैं. यह अब एक ऐसी परंपरा है जो कॉर्पोरेट कल्चर का एक हिस्सा ही बन गई है. लेकिन पाकिस्तान में जहां ईद मुख्य त्यौहार है क्या वहां पर भी कर्मचारियों को बोनस दिया जाता है? आइए जानते हैं क्या है वहां के तरीके और नियम.
पाकिस्तान में बोनस के नियम
दरअसल पाकिस्तान में कर्मचारियों को कानूनी तौर पर ईद या फिर किसी भी दूसरे त्योहार पर बोनस नहीं दिया जाता. यहां पर प्रॉफिट बेस्ड बोनस सिस्टम चलता है. यानी कि जब कंपनियां मुनाफा कमाती हैं तो उन्हें अपने कर्मचारियों को बोनस के रूप में उस मुनाफे का एक हिस्सा बांटना होता है. यह राशि कंपनी की आर्थिक स्थिति पर आधारित होती है. जैसे या तो कंपनी मुनाफे का 30% दे सकती है या 1 महीने की सैलरी. इससे यह पक्का होता है कि कर्मचारियों को कंपनी की सफलता से फायदा जरूर हो.
कंपनियों के लिए कानून
पाकिस्तान में मुनाफा बोनस कानून के तहत अगर कंपनी को मुनाफा हो रहा है तो उसे कर्मचारियों के साथ मुनाफा बांटना होगा. यानी की मुनाफे वाले सालों में कर्मचारियों को आर्थिक रूप से इनाम मिलता रहता है और कम मुनाफे वाले सालों में कोई अनिवार्य बोनस नहीं दिया जाता.
भारत में फेस्टिवल बोनस
भारत में पेमेंट ऑफ बोनस एक्ट 1965 के तहत कर्मचारियों को बोनस दिया जाता है. इस एक्ट के तहत कंपनियों को कर्मचारियों को मुनाफे का कम से कम 8.33% और ज्यादा से ज्यादा 20% देना होता है. यह बोनस अक्सर दिवाली जैसे बड़े त्योहारों के साथ दिए जाते हैं. इससे कानूनी अधिकार और सांस्कृतिक परंपरा दोनों ही बनी रहती है.
भारत और पाकिस्तान के बीच मुख्य अंतर
भारत में फेस्टिवल बोनस संस्कृत त्योहार से जुड़ा हुआ है लेकिन पाकिस्तान में बोनस मुनाफे से जुड़ा हुआ होता है. भारत में कर्मचारी दिवाली बोनस मिलने की उम्मीद करते हैं वहीं पाकिस्तान में कर्मचारियों को बोनस के लिए कंपनी के मुनाफे पर ही आधारित होना पड़ता है.
भारत की प्रणाली वित्तीय प्रोत्साहन को सांस्कृतिक परंपरा के साथ जोड़ रही है. लेकिन पाकिस्तान में कर्मचारी कंपनी की वित्तीय सफलता में भागीदार बनता है. हालांकि दोनों ही तरीकों में कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जा रहा है.
कर्मचारी मनोबल पर प्रभाव
भारत में त्योहारों के वक्त कर्मचारियों को बोनस देना उनका मनोबल बढ़ता है और साथ ही सांस्कृतिक उत्सव में शामिल होने का एक एहसास भी दिलाता है. लेकिन पाकिस्तान में बोनस सीधा प्रदर्शन और कंपनी के लाभ से जुड़ा हुआ है और एक वित्तीय प्रोत्साहन है. हालांकि दोनों ही तरीके से कर्मचारियों को प्रोत्साहन मिल रहा है लेकिन भारत में इस संस्कृति और भावना के साथ जोड़ा गया है.
यह भी पढ़ें: चीन के मुकाबले 1962 में कितनी मजबूत थी भारत की वायु सेना, क्या सच में आज ड्रैगन पर होता अपना कब्जा
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























