पानी और भाप से बनेगी बिजली, सूरज की रोशनी की नहीं होगी जरूरत
आईआईटी इंदौर ने पानी और वाष्पी से बिजली बनाने वाली तकनीक विकसित की है. इसमें ग्राफीन ऑक्साइड और जिंक इमिडाजोल मेंब्रेन का उपयोग होता है. यह छोटे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और मोबाइल चार्ज कर सकती है.

आईआईटी इंदौर के वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है, जो केवल पानी और प्राकृतिक वाष्पीकरण के जरिए बिजली उत्पन्न कर सकती है. इस तकनीक के लिए सूरज की रोशनी, बैटरी या अन्य मशीनों की जरूरत नहीं होगी. अधिकारियों के अनुसार, यह उपकरण छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को लगातार बिजली देने में सक्षम होगा.
वाष्पीकरण से बिजली उत्पादन का तरीका
इस उपकरण का मुख्य हिस्सा है एक विशेष मेंब्रेन, जिसे ग्राफीन ऑक्साइड और जिंक इमिडाजोल से तैयार किया गया है. जब इसे पानी में डुबाया जाता है तो पानी सूक्ष्म चैनलों से ऊपर की ओर बढ़ता है और वाष्प में बदलने लगता है. इस प्रक्रिया में पॉजिटिव और निगेटिव आयन अलग हो जाते हैं, जिससे स्थिर वोल्टेज पैदा होता है. एक छोटे से मेंब्रेन से लगभग 0.75 वोल्ट तक बिजली उत्पन्न की जा सकती है. कई मेंब्रेन जोड़कर विद्युत उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है. यह उपकरण साफ पानी के साथ-साथ खारे या गंदे पानी में भी काम कर सकता है और महीनों तक स्थिर रह सकता है. इसे उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त माना जा रहा है जहां बिजली का भरोसा नहीं है या बिजली पहुंचाना मुश्किल है.
इन सेक्टर्स में हो सकता है इस्तेमाल
इस तकनीक के संभावित उपयोग भी काफी व्यापक माने जा रहे हैं. इसे जंगलों और खेतों में एलईडी लाइट या पर्यावरणीय सेंसर चलाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा ब्लैकआउट या किसी आपातकालीन स्थिति में यह लाइटिंग का काम भी करेगा. दूरदराज के क्लिनिकों में कम ऊर्जा वाले मेडिकल उपकरणों को संचालित करने में भी यह मददगार साबित हो सकता है. इस तरह शरीर में लगाए जाने वाले पेसमेकर, हियरिंग डिवाइस और वियरेबल ग्लूकोस पैच को चार्ज करने में भी इस तकनीक का उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा इससे डिजिटल गाड़ियों और मोबाइल डिवाइस को चार्ज करना भी संभव होगा.
रात और घर के अंदर भी काम करेगा
सोलर पैनलों से अलग यह तकनीक रात में, घर के अंदर या बादलों के बीच भी काम कर सकती है. यह हल्का, पोर्टेबल और बिना फिल्टर किए पानी के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है. आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर के अनुसार, यह उपकरण अपने आप चार्जिंग पावर की तरह काम करता है. जब तक पानी वाष्पित होता रहेगा यह लगातार बिजली देगा.
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Source: IOCL
























