रात के समय इन जानवरों की आंखें कैसे चमकती हैं? क्या है इसके पीछे की वजह
कुछ जानवर, जैसे कि बिल्ली, कुत्ता, हिरण, रैकून और मगरमच्छ, रात को ज्यादा एक्टिव रहते हैं.जैसे ही आप टॉर्च जलाते हैं या कोई गाड़ी की लाइट उन पर पड़ती है, उनकी आंखों से एक तेज चमक निकलती है.

अक्सर हम में से कई लोगों ने रात में बाहर घूमते हुए किसी न किसी जानवर की आंखों को चमकते हुए देखा है. जैसे ही आप टॉर्च जलाते हैं या कोई गाड़ी की लाइट उन पर पड़ती है, उनकी आंखों से एक तेज चमक निकलती है, कभी हरी, कभी नीली, कभी लाल या सुनहरी. यह नजारा थोड़ा डरावना जरूर लगता है, लेकिन इसके पीछे की वजह ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं. कुछ जानवर, जैसे कि बिल्ली, कुत्ता, हिरण, रैकून और मगरमच्छ, रात को ज्यादा एक्टिव भी रहते हैं. ऐसे में चलिए आज हम जानते हैं कि रात के समय जानवरों की आंखें कैसे चमकती हैं और इसके पीछे की वजह क्या है.
रात के समय जानवरों की आंखें कैसे चमकती हैं
रात के समय जानवरों की आंखें चमकना कोई जादू नहीं बल्कि नेचर और विज्ञान से जुड़ा हुआ है. कुछ खास जानवरों की आंखों में एक विशेष लेयर होती है जिसे टेपेटम ल्यूसिडम (Tapetum Lucidum) कहा जाता है. यह नाम लैटिन भाषा से आया है, जिसका मतलब चमकदार परत होता है.यह परत जानवरों की आंखों के पीछे मौजूद होती है और इसका काम लाइट को वापस आंखों के अंदर रिफ्लेक्ट करना यानी दोबारा लौटाना होता है. जब किसी जानवर की आंखों में टॉर्च या कार की हेडलाइट जैसी रोशनी पड़ती है, तो यह लेयर उस रोशनी को वापस भेज देती है. यही परावर्तन हमें जानवरों की आंखों की चमक के रूप में दिखाई देता है.
टेपेटम ल्यूसिडम कैसे काम करता है?
कोई जानवर रात में किसी जंगल में चल रहा है और वहां बहुत कम रोशनी है. उसकी आंख में जब थोड़ी-सी रोशनी जाती है, तो यह टेपेटम ल्यूसिडम उस रोशनी को रेटिना पर दो बार फेंकता है. एक बार जब रोशनी अंदर जाती है, और फिर जब वह वापस लौटती है. इससे जानवर की आंखों को बहुत थोड़ी रोशनी में भी देखने की दोगुनी क्षमता मिल जाती है. यही कारण है कि ये जानवर रात के अंधेरे में भी साफ-साफ देख सकते हैं, शिकार कर सकते हैं या खतरे से बच सकते हैं.
किन-किन जानवरों की आंखों में यह चमक होती है?
टेपेटम ल्यूसिडम उन जानवरों में पाया जाता है जो रात्रिचर यानी रात को एक्टिव रहने वाले या गोधूलि बेला यानी शाम-सुबह के समय एक्टिव रहते हैं. इन जानवरों में बिल्ली और कुत्ते, हिरण, रैकून, मगरमच्छ, भालू, लोमड़ी, चमगादड़ आदि शामिल हैं. हालांकि उल्लू रात में बेहद साफ देख सकता है, लेकिन उसकी आंखों में टेपेटम ल्यूसिडम नहीं होता है. उसकी आंखें बहुत बड़ी होती हैं और उसमें विशेष कोशिकाएं होती हैं जो बहुत कम रोशनी में भी अच्छी तरह काम करती है.
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