हीरे मोती नहीं अब वाकई में सोना उगलेगी धरती, जानें जमीन से कितनी दूरी पर है ये खजाना
Gold Leaking From Earth: हमारी धरती सिर्फ सोना ही नहीं बल्कि और भी कई कीमती धातुएं उगल रही है. वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.

वो गाना तो आपने सुना ही होगा कि ‘मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती’. उस दौर में यह गाना जमीन से उगने वाली फसलों को लेकर बना था. लेकिन अब जो खबर हम आपको बताने जा रहे हैं, उसमें वैज्ञानिकों ने रिसर्च के जरिए एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. इस स्टडी में पाया गया है कि सच में धरती सोना उगल रही है. हाल ही में जर्मनी की गॉटिंगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की एक टीम अमेरिका के द्विपीय राज्य के ज्वालामुखी चट्टानों का अध्ययन करने पहुंची थी. इस दौरान उनको इस बात की जानकारी मिली और उन्होंने यह नेचर पत्रिका में पब्लिश किया है. आइए इस बारे में विस्तार से जानें.
धरती के अंदर सोना
हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाले दावे में पाया है कि धरती अपने कोर से सोना और दूसरी कीमती चीजें उगल रही है. साइंस अलर्ट की रिपोर्ट में इस अध्ययन में यह पाया गया है कि धरती अपनी कोर से सोना और अन्य कीमती धातुएं उगल रही है. साइंस अलर्ट की इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि धरती का 99.99 प्रतिशत से ज्यादा सोना और कीमती धातुएं 3000 किलोमीटर की ठोस चट्टान के नीचे दबी हुई हैं. टीम ने जब इन तत्वों का पता लगाने की कोशिश की तो इस दौरान वैज्ञानिकों ने बेशकीमती धातु आइसोटोप का स्तर काफी हाई लेवल पर पाया. यह धरती के मेंटल की तुलना में इसके कोर में ज्यादा है. इससे पता चलता है कि ज्वालामुखी का जो लावा निकल रहा है, वो असल में धरती के कोर में है.
कहां से पैदा हुआ सोना
गॉगिंटेन यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिक ने जब पहले नतीजे आए तो उनको अहसास हुआ कि उन्होंने सच में धरती से सोना खोजा है. उनका कहना है कि उनके डेटा ने पुष्टि की है कि धरती के कोर से जो भी सामग्री धरती के ऊपर मेंटल में लीक हो रही है, उसमें सोना और अन्य कीमती धातुएं शामिल हैं. स्टडी में यह भी पता चला है कि दुनिया में खोजा गया और सोना व कीमती धातुएं असल में धरती के कोर से पैदा हुई हो सकती हैं.
धरती के कितनी दूर है खजाना
अब यह भी जान लेते हैं कि धरती में जिस जगह से यह सोना व अन्य सामग्री आ रही है वो आखिर वो जगह सतह के कितनी दूरी पर है. ये सारी सामग्री धरती के कोर यानि आंतरिक भाग से आ रही है, जो कि धरती की सतह से लगभग 2900 किलोमीटर नीचे स्थित है. धरती का कोर दो हिस्सों में बंटा हुआ है पहला है बाहरी कोर जो लगभग 2900 से 5150 किलोमीटर की गहराई पर स्थित है. वहीं दूसरा है आंतरिक कोर जो कि 5150 किलोमीटर से 6371 किलोमीटर की गहराई पर स्थित है.
यह भी पढ़ें: जस्टिस यशवंत वर्मा से पहले संसद ने इन जजों के खिलाफ भी किया अपनी ताकत का इस्तेमाल, इतनी बार लाया गया महाभियोग
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























