एक्सप्लोरर

अमेरिकी राजनीति में क्या है टू-पार्टी सिस्टम, यहां सफल क्यों नहीं हो पाता कोई तीसरा राजनीतिक दल?

Political Scenario Of USA: अमेरिका में इस वक्त डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच घमासान देखने को मिल रहा है. इसी बीच मस्क ने अपनी नई पार्टी बना ली है. चलिए जानें कि वहां का टू-पार्टी सिस्टम क्या है.

शुक्रवार (4 जुलाई) को अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर अरबपति एलन मस्क ने अमेरिका में तीसरी पार्टी के गठन का एलान कर दिया है. मस्क ने अमेरिकन पार्टी के नाम से तीसरे दल के गठन की बात कही है. इस ऐलान के बाद से अमेरिका में राजनीतिक हालात बदलने वाले हैं. क्योंकि आम तौर पर यहां दो दलों के बीच ही सियासी घमासान देखने को मिलता है. वहीं एलन मस्क भी अपने तीखे तेवर के लिए जानें जाते हैं, ऐसे में उनकी ओर से किए गए नई पार्टी के एलान के बाद यह साफ हो गया है कि डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क की यह खुली जंग है. मस्क का कहना है कि यह पार्टी लोगों को उनकी खोई हुई आजादी को वापस दिलाएगी. चलिए जानें कि अमेरिका का टू-पार्टी सिस्टम क्या है और वहां पर कोई तीसरा राजनीतिक दल सफल क्यों हुआ. 

अमेरिका में कौन हैं थर्ड पार्टियां

अमेरिका वैसे तो बहुदलीय प्रणाली के साथ काम करता है, जिसमें शुरू से ही दो दलों का दबदबा रहा है. यहां की सियासत में कभी डेमोक्रेटिक तो कभी रिपब्लिकन पार्टी हावी रही है. इन्हीं दोनों के बीच ही हमेशा से सत्ता परिवर्तन देखने को मिला है. इन दोनों के अलावा यहां पर लिबर्टेरियन पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी, रिफॉर्म पार्टी, ग्रीन पार्टी, नेचुरल लॉ पार्टी, कॉन्स्टिट्यूशन पार्टी समेत अन्य दल भी राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेते हैं. अब एक और पार्टी आ गई है अमेरिका पार्टी. इन्हीं सब पार्टियों को यहां पर थर्ड पार्टी कहा जाता है. 

क्या है टू-पार्टी सिस्टम

यह बात तो सभी जानते हैं कि यहां करीब डेढ़ सौ साल से डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी का ही दबदबा रहता है. यहां पर राष्ट्रपति चुनाव से लेकर राज्यों की विधानसभाओं तक इन्हीं दोनों पार्टिओं का वर्चस्व कायम है. इसी टू-पार्टी सिस्टम को अमेरिकी लोकतंत्र के स्थिर रहने की वजह भी माना जाता है. डेमोक्रेटिक पार्टी साल 1828 में एंड्रू जैक्सन के दौर में बनी थी. शुरू में यह किसानों और आम जनता की पार्टी मानी जाती थी. वहीं 1854 में गुलामी के विरोध में रिपब्लिकन पार्टी बनी और अब्राहम लिंकन इसके पहले राष्ट्रपति थे. 

तीसरी पार्टी सफल क्यों नहीं

कई बार अमेरिका में तीसरी पार्टी बनाई जा चुकी है, लेकिन वो सफल नहीं हो पाई. 1912 में राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट ने बुल मूस पार्टी बनाई और 88 इलेक्टोरियल वोट हासिल किए. ये पार्टी अगले चुनाव तक भी नहीं टिकी. फंडिंग, मीडिया और संगठन में भी इन पार्टियों को जगह नहीं मिलती है. वोटर्स मानते हैं कि ये वोट काटने वाली पार्टियां हैं. लोग भी इन पार्टियों को वोट नहीं देते हैं और अमेरिका में इन पार्टियों के सफल न हो पाने की वजह इसका चुनावी सिस्टम होता है. यहां का चुनावी ढांचा भी टू-पार्टी सिस्टम के ही सपोर्ट में होता है.

यह भी पढ़ें: कितनी अभेद होती है अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा, जानिए कौन-कौन से कमांडो होते हैं तैनात

About the author निधि पाल

निधि पाल को पत्रकारिता में छह साल का तजुर्बा है. लखनऊ से जर्नलिज्म की पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत भी नवाबों के शहर से की थी. लखनऊ में करीब एक साल तक लिखने की कला सीखने के बाद ये हैदराबाद के ईटीवी भारत संस्थान में पहुंचीं, जहां पर दो साल से ज्यादा वक्त तक काम करने के बाद नोएडा के अमर उजाला संस्थान में आ गईं. यहां पर मनोरंजन बीट पर खबरों की खिलाड़ी बनीं. खुद भी फिल्मों की शौकीन होने की वजह से ये अपने पाठकों को नई कहानियों से रूबरू कराती थीं.

अमर उजाला के साथ जुड़े होने के दौरान इनको एक्सचेंज फॉर मीडिया द्वारा 40 अंडर 40 अवॉर्ड भी मिल चुका है. अमर उजाला के बाद इन्होंने ज्वाइन किया न्यूज 24. न्यूज 24 में अपना दमखम दिखाने के बाद अब ये एबीपी न्यूज से जुड़ी हुई हैं. यहां पर वे जीके के सेक्शन में नित नई और हैरान करने वाली जानकारी देते हुए खबरें लिखती हैं. इनको न्यूज, मनोरंजन और जीके की खबरें लिखने का अनुभव है. न्यूज में डेली अपडेट रहने की वजह से ये जीके के लिए अगल एंगल्स की खोज करती हैं और अपने पाठकों को उससे रूबरू कराती हैं.

खबरों में रंग भरने के साथ-साथ निधि को किताबें पढ़ना, घूमना, पेंटिंग और अलग-अलग तरह का खाना बनाना बहुत पसंद है. जब ये कीबोर्ड पर उंगलियां नहीं चला रही होती हैं, तब ज्यादातर समय अपने शौक पूरे करने में ही बिताती हैं. निधि सोशल मीडिया पर भी अपडेट रहती हैं और हर दिन कुछ नया सीखने, जानने की कोशिश में लगी रहती हैं.

Read
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

Rahul Gandhi-Prashant Kishor Meeting: क्या कांग्रेस में शामिल होंगे प्रशांत किशोर? राहुल गांधी के साथ दिल्ली में हुई मीटिंग, प्रियंका भी थीं मौजूद
क्या कांग्रेस में शामिल होंगे प्रशांत किशोर? राहुल गांधी के साथ दिल्ली में हुई मीटिंग, प्रियंका भी थीं मौजूद
नितिन नबीन का पार्टी में कद बढ़ा, क्या BJP के बड़े कायस्थ नेता रविशंकर प्रसाद की उड़ान पर ब्रेक है? समझें
नितिन नबीन का पार्टी में कद बढ़ा, क्या BJP के बड़े कायस्थ नेता रविशंकर प्रसाद की उड़ान पर ब्रेक है? समझें
Shashi Tharoor on MNREGA: 'महात्मा की विरासत का अपमान न करें', मनरेगा का नाम बदलने पर शशि थरूर का पहला रिएक्शन
'महात्मा की विरासत का अपमान न करें', मनरेगा का नाम बदलने पर शशि थरूर का पहला रिएक्शन
Year Ender 2025: इस साल सबसे ज्यादा सर्च किए गए ये 7 शोज, लिस्ट में सलमान खान का रिएलिटी शो भी शामिल
इस साल सबसे ज्यादा सर्च किए गए ये 7 शोज, लिस्ट में सलमान खान का शो भी शामिल

वीडियोज

Sandeep Chaudhary: नाम में विकास और रोजगार...कैसे होगा बेड़ा पार? |Seedha Sawal | MGNREGA | BJP
Gold Investors Alert! अब पुराने Gold से भी कमाएं Passive Income | Gold Leasing Explained
Gold Investors Alert! अब पुराने Gold से भी कमाएं Passive Income | Gold Leasing Explained
Gold Investors Alert! अब पुराने Gold से भी कमाएं Passive Income | Gold Leasing Explained
Winter Weather Update: Delhi NCR में दिखा कोहरे का कोहराम! | Road Accident | ABP Report

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Rahul Gandhi-Prashant Kishor Meeting: क्या कांग्रेस में शामिल होंगे प्रशांत किशोर? राहुल गांधी के साथ दिल्ली में हुई मीटिंग, प्रियंका भी थीं मौजूद
क्या कांग्रेस में शामिल होंगे प्रशांत किशोर? राहुल गांधी के साथ दिल्ली में हुई मीटिंग, प्रियंका भी थीं मौजूद
नितिन नबीन का पार्टी में कद बढ़ा, क्या BJP के बड़े कायस्थ नेता रविशंकर प्रसाद की उड़ान पर ब्रेक है? समझें
नितिन नबीन का पार्टी में कद बढ़ा, क्या BJP के बड़े कायस्थ नेता रविशंकर प्रसाद की उड़ान पर ब्रेक है? समझें
Shashi Tharoor on MNREGA: 'महात्मा की विरासत का अपमान न करें', मनरेगा का नाम बदलने पर शशि थरूर का पहला रिएक्शन
'महात्मा की विरासत का अपमान न करें', मनरेगा का नाम बदलने पर शशि थरूर का पहला रिएक्शन
Year Ender 2025: इस साल सबसे ज्यादा सर्च किए गए ये 7 शोज, लिस्ट में सलमान खान का रिएलिटी शो भी शामिल
इस साल सबसे ज्यादा सर्च किए गए ये 7 शोज, लिस्ट में सलमान खान का शो भी शामिल
चेन्नई-कोलकाता को हर हाल में चाहिए ये खिलाड़ी! 30 करोड़ भी पड़ जाएंगे कम; ऑक्शन में मच सकता है बवाल
चेन्नई-कोलकाता को हर हाल में चाहिए ये खिलाड़ी! 30 करोड़ भी पड़ जाएंगे कम; ऑक्शन में मच सकता है बवाल
BJP के नए कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन ने संभाला कार्यभार, दिल्ली हेडक्वार्टर में अमित शाह और जेपी नड्डा मौजूद
BJP के नए कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन ने संभाला कार्यभार, दिल्ली HQ में शाह-नड्डा मौजूद
कितनी मजबूत है जॉर्डन की करेंसी, जहां के लिए रवाना हुए PM Modi; भारत के 1000 रुपये यहां कितने?
कितनी मजबूत है जॉर्डन की करेंसी, जहां के लिए रवाना हुए PM Modi; भारत के 1000 रुपये यहां कितने?
मनरेगा का नाम होगा 'जी राम जी', जानें इस योजना में क्या-क्या बदलेगा?
मनरेगा का नाम होगा 'जी राम जी', जानें इस योजना में क्या-क्या बदलेगा?
Embed widget