कुत्तों का मांस खाने वाले शौकीनों के लिए अब दक्षिण कोरिया में अब लागू होगा ये कानून
दक्षिण कोरिया की संसद में कुत्तों का मांस बेचने वालों के लिए एक नया कानून पारित हुआ है. जो 2027 में लागू किया जाएगा.
दक्षिण कोरिया में पिछले कई दशकों से कुत्तों का मांस खाने की परंपरा चली आ रही है. यहां के कई लोगों को ये मांस बहुत पसंद है जिसके लिए व्यापारी कुत्तों का पालन भी करते हैं तो कई किसान भी इस व्यापार में संलिप्त हैं. हालांकि अब दक्षिण कोरिया के लोग महज तीन साल और ये मांस खा सकते हैं जिसकी वजह वहां का नया कानून है. दरअसल दक्षिण कोरिया में कुत्तों का मांस बेचने और उनके मांस के लिए कुत्तों को पालने पर प्रतिबंध लग चुका है.हाल ही में वहां की संसद में इस कानून को पास किया गया है जिसके तहत 2027 तक देश में कुत्तों के मांस पर प्रतिबंध लग जाएगा.
हालांकि दक्षिण कोरिया में कई लोग ऐसे हैं जो इस मांस को खाते नहीं है लेकिन वो इस कानून के खिलाफ हैं. देश की संसद में 208 संसदों की मंजूरी के साथ सर्वसम्मति से ये कानून पारित हुआ है. संसद में तो इस कानून का किसी ने विरोध नहीं किया लेकिन देश में कुत्तों के मांस का व्यापार करने वाले लोग इस कानून से खुश नहीं है. उनका कहना है कि इस कानून के खिलाफ वो याचिका दायर करने की योजना बना रहे हैं.
कुत्तों का मांस खाने पर नहीं लेकिन व्यापार करने पर होगी सजा
2027 से दक्षिण कोरिया में लागू होने वाले इस कानून के तहत कुत्तों के मांस के व्यापार करने पर दो से तीन साल की सजा का प्रावधान है, लेकिन कुत्तों का मांस खाने पर कोई सजा नहीं दी जाएगी. बता दें कोरिया में कई दशकों से कुत्ते का मांस खाया जाता है, लेकिन हाल ही में इसे लेकर विरोध बढ़ा है.
कुत्तों का मांस खाने पर नहीं लेकिन व्यापार करने पर होगी सजा
2027 से दक्षिण कोरिया में लागू होने वाले इस कानून के तहत कुत्तों के मांस के व्यापार करने पर दो से तीन साल की सजा का प्रावधान है, लेकिन कुत्तों का मांस खाने पर कोई सजा नहीं दी जाएगी. बता दें कोरिया में लोग सदियों से कुत्ते का मांस खाते रहे हैं, लेकिन हाल ही में इसे लेकर विरोध बढ़ा है. हालांकि देश में कई लोग ऐसे भी हैं जो कुत्तों का मांस नहीं खाते हैं.
इस कानून के मसौदे में कहा गया है कि ये कानून किसी की जान के अधिकारों के मूल्यों का समझने, जीवन का सम्मान करने और इंसान और जानवरों को साथ में सही से रहने के मकसद से लाया गया है. वहीं देश की संसद के बाहर कई लोग इस कानून के पास होने के बाद इकट्ठे हो गए थे और उन्होंने इस कानून के पक्ष में नारेबाजी भी की.
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