क्या राजनीतिक पार्टियों को भी देना पड़ता है टैक्स, जानें किस हिसाब से जोड़ी जाती है इनकी इनकम?
Political Parties Tax: क्या पॉलिटिकल पार्टियों को भी देना होता है इनकम टैक्स किस तरह किया जाता है इसका कैलकुलेशन.चलिए जानते क्या कहते हैं पॉलिटिकल पार्टियों को लेकर इनकम टैक्स विभाग के नियम.
Political Parties Tax: देश में चुनावों की तारीखों के ऐलान हो चुके हैं. सभी पॉलिटिकल पार्टियों चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूचियां घोषित कर दी हैं. सात चरणों में 18वीं लोकसभा के चुनाव होने हैं. इसी बीच पॉलिटिकल पार्टियों और उनको मिले चंदे को लेकर के भी काफी सारी बातें आ रही है. कांग्रेस पार्टी ने इनकम टैक्स विभाग पर गलत कारणों से उनके अकाउंट फ्रीज करने का आरोप लगाया है. चलिए आज हम जानते हैं. क्या पॉलिटिकल पार्टियों को भी देना होता है टैक्स किस तरह किया जाता है इसका कैलकुलेशन.
क्या राजनीतिक पार्टियों को देना होता है इनकम टैक्स?
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 13ए के तहत राजनीतिक पार्टियों को इनकम पर 100% छूट दी गई है. लेकिन उसके लिए कुछ महत्वपूर्ण मापदंड पूरे करने होते हैं. राजनीतिक पार्टियों को इनकम टैक्स को लेकर अगर एक शब्द में कहा जाए तो वह ना है. लेकिन अगर उन्होंने इनकम टैक्स के कानून में दी गई शर्तें पूरी नहीं की तो फिर उन्हें टैक्स चुकाना पड़ता है. राजनीतिक पार्टियों को इनकम टैक्स में छूट दी गई है.
राजनीतिक पार्टियां किसी भी प्रकार की कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं कर सकती. और ना ही ऐसे आयोजनों से वह मुनाफा कमा सकती हैं. अगर किसी राजनीतिक दल की कोई इनकम नहीं होती तो उसे टैक्स नहीं देना होता. राजनीतिक दल को जो चंदा मिलता है उसे उसी काम के लिए खर्च किया जाता है. चंदा यानी डोनेशन के तौर पर मिली राशि को राजनीतिक पार्टियां बैंक में जमा कर सकती हैं. उस प्रॉपर्टी खरीद सकती है. या फिर उससे पार्टी से जुड़ा अन्य कोई कार्य कर सकती हैं.
13ए के तहत जरूरी हैं यह काम
सभी राजनीतिक पार्टियों को रिकॉग्नाइज प्रोविडेंट फंड के सेक्शन 29A के तहत रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. इसके साथ ही राजनीतिक पार्टियों को बुक्स का अकाउंट भी मेंटेन करनी होती है. जिसमें वह किए गए सभी ट्रांजैक्शन का हिसाब किताब रखती हैं. इसके साथ ही राजनीतिक पार्टियों को 200,00 से ज्यादा का जो अमाउंट डोनेशन के रूप में मिलता है.
उसका पूरा हिसाब रखना होता है. किसने दिया उसका नाम लिखना होता है और पता भी दर्ज करना होता है. चुनाव के वक्त पार्टी को पूरी रिपोर्ट इलेक्शन कमीशन और टैक्स डिपार्टमेंट को देनी होती है. जिसमें 20,000 से ऊपर के सभी डोनेशन के बारे में जिक्र करना होता है. अगर राजनीतिक पार्टियां यह रिपोर्ट देने में नाकाम होती हैं. तो फिर उन्हें इनकम टैक्स के सेक्शन 13A के तहत मिलने वाली छूट नहीं मिलती और पॉलिटिकल पार्टियों को ऐसे मौंको पर टैक्स भरना पड़ता है .
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