Digital Payments: अमेरिका में कैसे ट्रांसफर करते हैं डिजिटल मनी, जानें भारत से कैसे अलग है वहां का तरीका?
Digital Payments: भारत में यूपीआई का बोलबाला है. यहां पैसों को आसानी से ट्रांसफर करने के लिए इसी का ही इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है. आइए जानते हैं अमेरिका में डिजिटल लेनदेन कैसे किया जाता है?

Digital Payments: भारत में यूपीआई ने डिजिटल लेनदेन में एक बड़ी क्रांति लाई है. इससे सिर्फ एक मोबाइल नंबर या फिर यूपीआई आईडी का इस्तेमाल करके ही बैंक से बैंक तुरंत पैसे ट्रांसफर करना काफी ज्यादा आसान हो गया है. लेकिन इसी बीच सवाल यह उठता है कि टेक्नोलॉजी में काफी आगे संयुक्त राज्य अमेरिका डिजिटल मनी ट्रांसफर कैसे करता है? आइए जानते हैं अमेरिका में मनी ट्रांसफर करने का तरीका.
कैसे हुई डिजिटल भुगतान की शुरुआत?
पूरी दुनिया में जैसे-जैसे ज्यादा लोग मोबाइल आधारित भुगतान अपना रहे हैं, नकदी धीरे-धीरे गायब हो रही है. भारत में यूपीआई ने किराने के समान के भुगतान से लेकर परिवार और दोस्तों को पैसे ट्रांसफर करने तक इस लेनदेन की प्रक्रिया को काफी आसान बना दिया है. यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कतर जैसे देश तत्काल भुगतान के लिए यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन इन सबसे अलग अमेरिका ने कई तरह की डिजिटल भुगतान प्रणालियों को अपनाया है. लेकिन उनमें से कोई भी यूपीआई जैसी सरकार समर्थित और बाकी सहूलियत प्रदान नहीं करता.
वॉलेट आधारित ट्रांसफर
अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में डिजिटल भुगतान अक्सर ऐप्पल पे, गूगल पे और सैमसंग पे जैसी वॉलेट सेवाओं के जरिए से किया जाता है. यह सभी प्लेटफार्म तत्काल धन का ट्रांसफर कर देते हैं लेकिन यह वॉलेट से वॉलेट भुगतान के रूप में काम करते हैं. यूपीआई के विपरीत यह सभी प्रणालियां वास्तविक समय में बैंक खातों के बीच सीधे धन ट्रांसफर नहीं करती.
यूपीआई का सबसे करीबी विकल्प
हालांकि वॉलेट सेवाओं का बोलबाला है और अमेरिका में कुछ बैंक से बैंक ट्रांसफर प्रणाली अभी है जो यूपीआई जैसी हैं. अमेरिकी बैंकों द्वारा बनाया गया एक भुगतान प्लेटफार्म zelle, एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में सीधे धन भेजने की अनुमति देता है. ठीक इसी तरह कैश ऐप और वेनमो जैसे ऐप भी बैंक से बैंक ट्रांसफर की सुविधा प्रदान करते हैं.
भारत जैसी टेक्नोलॉजी नहीं
तकनीकी क्षेत्र में काफी आगे होने के बावजूद भी अमेरिकी बाजार में एक भी मानकीकृत प्रणाली नहीं है. यहां पर यूपीआई की तरह सभी बैंकों को तत्काल भुगतान के लिए एकीकृत कर सकने वाले कोई भी सुविधा नहीं है. इसका मतलब यह है कि यहां पर उपयोगकर्ताओं को सुविधा, बैंक या फिर लेनदेन की सीमा के आधार पर कई सेवाओं में से चुनना होगा जबकि भारत में यूपीआई लगभग सभी बैंकों और ऐप्स में बिना किसी बाधा के काम करता है. यूरोप में भी ठीक यही स्थिति है. हालांकि यहां पर मोबाइल वॉलेट और तत्काल भुगतान ऐप्स मौजूद है लेकिन वे बैंक से बैंक ट्रांसफर प्रणाली को प्रदान नहीं करते.
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Source: IOCL























