आर्मी में कर्नल सोफिया कुरैशी या एयरफोर्स में विंग कमांडर व्योमिका सिंह, पद के हिसाब से कौन-सा अफसर ज्यादा सीनियर?
भारत समेत पूरी दुनिया में भारतीय सेना में कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स में विंग कमांडर व्योमिका सिंह की चर्चा हो रही है. चलिए आपको बताते हैं कि दोनों में किसका रैंक बड़ा है.

कभी पुरुष प्रधान कहा जाना वाला भारत आज अपनी बहादुर बेटियों की बहादुरी पर नाज कर रहा है. आर्मी में कर्नल सोफिया ने 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बारे में मीडिया ब्रीफिंग कर जानकारी दी थी, उनके साथ एयरफोर्स में विंग कमांडर व्योमिका सिंह भी मौजूद थीं. इसके बाद भारतीय सेना की दोनों ऑफिसर के बारे में लोग जानना चाहते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि आर्मी में कर्नल सोफिया कुरैशी या एयरफोर्स में विंग कमांडर व्योमिका सिंह में पद के हिसाब से कौन सा अफसर बड़ा है.
आर्मी में कर्नल
आर्मी में कर्नल का पद फील्ड मार्शल, जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल, मेजर जनरल और ब्रिगेडियर के बाद आता है. अगर भर्ती के हिसाब से देखें तो आप राष्ट्रीय रक्षा अकादमी यानी NDA की परीक्षा पास करके लेफ्टिनेंट पद के साथ भारतीय सेना में अधिकारी के पद पर भर्ती हो सकते हैं. इसके अलावा ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी के जरिए भी सेना में अधिकारी चुने जाते हैं. इसके अलावा सिपाही की भर्ती देशभर में समय-समय पर होती रहती है. लेफ्टिनेंट से कर्नल बनने तक कैप्टन, मेजर, और लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से प्रमोशन मिलता है. कर्नल की सैलरी 1,30,600 से 2,15,900 रुपये प्रति महीने तक होती है.
विंग कमांडर
अब बात करते हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह. एयरफोर्स में एनडीए, सीडीएस और एएफसीएटी से अफसर चुनकर आते हैं. वायुसेना में एयर चीफ मार्शल का पद सबसे बड़ा होता है. अगर विंग कमांडर की बात करें तो इनका पोस्ट फ्लाइंग ऑफिसर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट और स्क्वाड्रन लीडर से बड़ा होता है. विंग कमांडर को 1,21,200 से 2,12,400 रुपये प्रति महीने तक की सैलरी मिलती है.
अगर हम दोनों के रैंक की तुलना करें तो भारतीय सेना में कर्नल की रैंक एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन के बराबर होती है. यह आर्मी में छठी सबसे बड़ी रैंक होती है. वहीं, एयरफोर्स में विंग कमांडर की रैंक लेफ्टिनेंट कर्नल के बराबर होती है और यह एयरफोर्स की 7वीं सबसे बड़ी रैंक होती है. इस लिहाज से देखें तो आर्मी में कर्नल की रैंक एयरफोर्स के विंग कमांडर से बड़ी होती है. हालांकि, दोनो ही रैंक अपनी-अपनी फील्ड में काफी मायने रखती हैं.
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