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यहां लगा है Zero Mile का पत्थर, संयुक्त भारत का केंद्र है ये शहर

जीरो माइल या माइलस्‍टोन भारत की एक ऐतिहासिक स्‍मारक है. इसे साल 1907 में जीटीएस (ग्रेट ट्र‍िग्‍नोमेट्री सर्वे) के दौरान बनाया गया था.

Zero Mile Centre Of India: हर चीज का कोई न कोई केंद्र जरूर होता है. हर देश का एक भौगोलिक केंद्र होता है. उसी तरह भारत का भी है. इसे अंग्रेजों ने बनाया था. ये जगह भारत के एक शहर में पड़ती है, जहां पर Zero Mile का भी लगाया गया. खास बात यह भी है कि इस शहर से भारत चारों बड़े महानगर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता लगभग बराबर दूरी पर हैं. 

यहां लगा है जीरो माइल

दरअसल, जब अंग्रेजों ने भारत को विभाजित किया, तो विभाजन के बाद नागपुर को पूरे देश का केंद्र माना गया और यहां एक पत्‍थर स्‍थापित किया गया, जिसे ‘जीरो माइल’ का नाम दिया गया. पुरातत्‍वि‍क भाषा में कहें तो नागपुर में जिस जगह 'जीरो माइल' लगाया गया है, वह भारत का भौगोलिक केंद्र है. 

देश के बाकी राज्यों की दूरी नापने में होता है इस्तेमाल

इस सेंटर का इस्तेमाल नागपुर से देश के बाकी राज्‍यों की दूरी को नापने के लिए भी किया जाता था. खास बात यह है कि यहां से भारत के चारों बड़े महानगर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई तकरीबन बराबर दूरी पर हैं, इन सभी महानगरों की दूरी यहां से लगभग 1000 किलोमीटर के आसपास आती है. 

हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि भारत का विभाजन होने और पाकिस्‍तान बनने के बाद अब यह भारत का केंद्र नहीं रहा. उन रिपोर्ट्स के मुताबि‍क भारत के केंद्र अब मध्‍यप्रदेश के एक छोटे से गांव में स्थानांतरित हो गया है.

संयुक्त भारत का केंद्र है जीरो माइल

जीरो माइल या माइलस्‍टोन भारत की एक ऐतिहासिक स्‍मारक है. इसे साल 1907 में जीटीएस (ग्रेट ट्र‍िग्‍नोमेट्री सर्वे) के दौरान बनाया गया था. इस सर्वे के पीछे का मकसद था पूरे भारत के सब कॉन्‍ट‍िनल को मापना. इसी सर्वे के दौरान नागपुर को पूरे भारत का केंद्र माना गया. हालांकि नागपुर वर्तमान भारत का नहीं, बल्‍कि‍ संयुक्‍त भारत का केंद्र माना जाता रहा है. जब पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश भी भारत का ही हिस्सा हुआ करते थे.

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