क्या जज के खिलाफ FIR का आदेश दे सकते हैं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़? जान लीजिए ताकत
FIR Against Judge: जज यशवंत वर्मा के घर कैश मिलने के मामले पर बीते दिन उपराष्ट्रपति ने एफआईआर दर्ज करने को लेकर सवाल किया था. चलिए जानें कि क्या उपराष्ट्रपति जज के खिलाफ FIR का आदेश दे सकते हैं.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बीते दिन सुप्रीम कोर्ट की उस सलाह पर आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति और राज्यपालों को बिल की मंजूरी के लिए समय सीमा तय की थी. उपराष्ट्रपति ने कड़े शब्दों में कहा कि अदालतें राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत कोर्ट को मिला विशेष अधिकार लोकतंत्र की शक्तियों के खिलाफ न्यूक्लियर मिसाइल बन गया है. जज सुपर पार्लियामेंट की तरह काम करने लगे हैं.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यह सवाल भी किया कि आखिर जस्टिट यशवंत वर्मा के केस में FIR दर्ज क्यों नहीं की गई. चलिए जान लेते हैं कि आखिर एक जज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश कौन दे सकता है? क्या उपराष्ट्रपति के पास यह ताकत होती है कि वह जज के खिलाफ FIR का आदेश दे सकें?
जज पर कौन दर्ज करा सकता है एफआईआर
जब जज यशवंत वर्मा का केस सामने आया था तब भी यह सवाल उठ रहा था कि आखिर जज पर एफआईआर हो सकती है क्या. अगर हो सकती है तो उसे कौन दर्ज करवा सकता है. इसको लेकर नियम कहते हैं कि अगर देश के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ये पाते हैं कि शुरुआती तौर पर आरोप सही लग रहे हैं तो वह भारत के राष्ट्रपति को पुलिस को एफआईआर दर्ज करने की अनुमति देने की सलाह दे सकते हैं. इस प्रक्रिया को उन हाउस प्रक्रिया कहा जाता है. इस जांच का प्रभार CJI के पास होता है.
क्या उपराष्ट्रपति जज पर एफआईआर का दे सकते हैं आदेश
उपराष्ट्रति के द्वारा किसी जज पर एफआईआर के आदेश को लेकर ऐसा कोई नियम स्पष्ट नहीं है. लेकिन अगर किसी जज के खिलाफ एफआईआर करना हो तो जब तक सीजेआई, राष्ट्रपति को अपना परामर्श नहीं देते तब तक जज के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई जा सकती है. यहां पर यह जानना भी जरूरी है कि राष्ट्रपति, CJI का आदेश मानने के लिए बाध्य नहीं हैं.
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