Ancient Egypt Mummification Mystery: क्या वाकई ममी के अंदर भरा होता है लाखों का सोना? ये रहा जवाब
प्राचीन मिस्र में लोगों का मानना था कि व्यक्ति के मरने के बाद उसकी आत्मा शरीर में वापस लौटती है. ऐसे में अगर शरीर को संरक्षित नहीं किया गया तो आत्मा भटकती रहेगी और दूसरों को नुकसान पहुंचाएगी.

Ancient Egypt Mummification Mystery: ममी...एक ऐसा शब्द, जिसे सुनकर आप प्राचीन मिस्र की रहस्यों से भरी दुनिया में चले जाते हैं. यह दुनिया हमेशा से पुरातत्वविदों के लिए पसंदीदा जगह रही है. दरअसल, यहां मिलने वाली ममी प्राचीन मिस्र के कई दफन हुए राजों को खोलती हैं. बता दें, प्राचीन मिस्र में ममीकरण एक ऐसा तरीका था, जिससे शवों को लंबे समय तक संरक्षित किया जाता है. कई ममी तो आज भी वैसी की वैसी हालत में मौजूद हैं.
इन ममी को लेकर कई तरह की बातें कही जाती हैं. इन्हीं में से एक है ममी के अंदर सोना भरा होना. दरअसल, प्राचीन मिस्र में ममीकरण के दौरान शव को संरक्षित रखने के लिए पेट पर चीरा लगाकर शरीर के बाकी अंगों को निकाल दिया जाता था और बाद में पेट को सिल दिया जाता था. कहा जाता है इस दौरान लोग ममी के अंदर सोना भर देते थे. आइए जानते हैं ऐसा क्यों किया जाता है...
क्यों बनाई जाती थी ममी
बता दें, प्राचीन मिस्र में लोगों का मानना था कि अगर व्यक्ति के मरने के बाद उसके शरीर को संरक्षित नहीं किया गया तो आत्मा भटकती रहेगी और दूसरों को नुकसान पहुंचाएगी. ऐसे में उनके शरीर को संरक्षित कर दिया जाता था, जिससे आत्मा उस शरीर में वापस लौट आए. इस दौरान मरे हुए व्यक्ति के शरीर को खास केमिकल में डुबो को उसे लिनेन की पट्टियों से लपेट दिया जाता था. कहा जाता है कि इससे पहले पेट चीरकर सभी अंगों को निकाल दिया जाता था.
2023 में मिली थी सोने की परत में लिपटी ममी
बता दें, जनवरी 2023 में काहिरा के पास सक्कारा में खुदाई के दौरान हेकाशेप्स नाम के एक व्यक्ति की ममी को खोजा गया था. यह ममी सोने की परत में लिपटी हुई थी, जो 2300 ईसा पूर्व की है. इस ममी के बारे में कहा गया कि अब तक खोजी गई सभी ममियों की अपेक्षा अधिक संरक्षित अवस्था में मिली है.
ममी के अंदर क्यों भरा जाता था सोना
पुरातत्वविदों को हाल ही में जो ममी मिली है, वह सोने से लिपटी हुई थी. कहा जा रहा है कि ऐसी और भी ममियां होंगी, जिनके अंदर सोना भरा होगा. दरअसल, ऐसा मिस्र की पुरानी मान्यताओं के आधार पर किया जाता था. प्राचीन मिस्र के लोगों का मानना था कि सोना देवताओं का अंग है. ऐसे में व्यक्ति के मरने के बाद उसके शरीर को सोने से इसलिए ढका जाता था कि मृत व्यक्ति को इससे दैवीय शरण मिलेगी और उसका बाद का जीवन दैवीय गुणों वाला होगा.
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Source: IOCL
























