टेक-ऑफ या लैंडिंग...कब होता है विमान हादसे का सबसे ज्यादा खतरा, जान लीजिए
1 लाख घंटे की उड़ान में 6.84 घंटे एक्सिडेंट का डर रहता है, वहीं एक लाख उड़ानों में 1.19 हादसे जानलेवा साबित होते हैं. चलिए जानते हैं कि विमान में हादसे का सबसे ज्यादा खतरा कब होता है.

Ahmedabad Air India Plane Crash: अहमदाबाद में बड़ा विमान हादसा हुआ है. यहां के मेघानीनगर इलाके में एयर इंडिया का यात्री विमान हादसे का शिकार हो गया है. इस विमान में 242 लोगों के सवार होने की सूचना है, आशंका जताई जा रही है कि विमान हादसे में कोई जीवित नहीं बचा है. यह विमान अहमदाबाद से लंदन जा रहा था, टेक-ऑफ के तुरंत बाद यह हादसे का शिकार हो गया.
अहमदाबाद में यात्री विमान का क्रैश होना नया हादसा नहीं है. दुनिया के कई देशों में ऐसे कई विमान हादसे हो चुके हैं. आंकड़ों को देखें तो एविएशन सेफ्टी नेटवर्क और अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड के अनुसार, हर 1 लाख घंटे की उड़ान में 6.84 घंटे एक्सिडेंट का डर रहता है, वहीं एक लाख उड़ानों में 1.19 हादसे जानलेवा साबित होते हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि कोई भी विमान हादसे का शिकार कैसे होता है. टेक-ऑफ या लैंडिंग में ज्यादा खतरनाक क्या होता है और सबसे ज्यादा हादसे किस वक्त होते हैं. इसको लेकर आंकड़े क्या कहते हैं, चलिए जानते हैं...
इस दौरान होता है सबसे ज्यादा हादसे का डर
अगर विमान की लैंडिंग या फिर टेकऑफ की बात करें तो इसे मेनुवरिंग फेज करते हैं. यह वह समय है जब पायलट को सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है, क्योंकि विमान इस समय सबसे ज्यादा पैंतरेबाजी कर रहा होता है. जब कोई विमान किसी जगह के लिए टेकऑफ कर रहा होता है तो यह उसकी पूरी जर्नी का केवल 2% हिस्सा होता है. वहीं, लैंडिंग में इससे ज्यादा समय लगता है और यह टेक-ऑफ से ज्यादा खतरनाक होती है, जिसमे पायलट का अनुभव काफी काम आता है. यही कारण है कि ज्यादातर हादसे लैंडिंग के समय होते हैं.
क्या कहते हैं आंकड़े?
विमान हादसों के आंकड़ों को देखें तो टेकऑफ के दौरान 14 फीसदी विमान हादसे होते हैं. इस दौरान इंजन फेल होने, लैंडिंग गेयर हाम होने के कारण ज्यादा हादसे होते हैं. क्योंकि इस दौरान विमान 100 mph की गति से रनवे पर दौड़ रहा होता है और पायलट के पास सोचने के लिए काफी कम वक्त होता है. वहीं, लैंडिंग काफी खतरनाक होती हैं, यह 64 फीसदी हादसों का कारण बनती है. इस दौरान हवा की गति काफी मायने रखती है. कई बार पायलट की गलती की वजह से लैंडिंग के दौरान हादसे होते हैं. दरअसल, पायलट लैंडिंग गेयर पूरी तरह खुलने से पहले ही विमान को लैंड करा देते हैं, जो हादसे का कारण बन जाता है. इस दौरान फ्लाइट में आग लगने या फिसलकर दुर्घटना का शिकार होने के चांसेस होते हैं.
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Source: IOCL























