निया शर्मा ने पहली बार किया 'धुनाची' डांस, वीडियो शेयर कर दिखाई झलक
Nia Sharma Dhunachi Dance: निया शर्मा ने दुर्गा पूजा पर पहली बार पारंपरिक धुनाची डांस किया. एक्ट्रेस ने डांस करते हुए वीडियो शेयर किया है और एक कैप्शन भी लिखा है.

एक्ट्रेस निया शर्मा अपने बेबाक अंदाज के लिए हमेशा चर्चा में रहती हैं. लेकिन इस बार उन्होंने कुछ अनोखा कर दिखाया. निया ने हाल ही में सोशल मीडिया के जरिए बताया कि उन्होंने इस बार दुर्गा पूजा के दौरान पहली बार धुनाची नृत्य की वाइब्रेट एनर्जी को महसूस किया. एक्ट्रेस ने बताया कि यह उनके लिए एक नया और एक्साइटिन एक्सपीरियंस था, जिसे उन्होंने अपने फैंस के साथ साझा किया.
निया शर्मा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वो पारंपरिक धुनाची डांस करती नजर आ रही हैं. वीडियो में वो कभी धुनाची को हाथ में पकड़कर घूमती हैं तो कभी इसे मुंह में दबाकर बंगाली संस्कृति के इस खास डांस को एक्साइटमेंट के साथ पेश करती हैं. बता दें कि धुनाची डांस मां दुर्गा की आराधना का एक खास हिस्सा है, निया के प्रदर्शन में जीवंत हो उठा.
निया का सांस्कृतिक जश्न
निया ने अपने वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा- 'पहली बार धुनाची नृत्य की एनर्जी और उत्साह भरे माहौल को महसूस करने का एक्सपीरियंस अविस्मरणीय रहा. इस पवित्र और जीवंत पल ने मुझे बहुत खुशी दी. दशहरे के इस पावन मौके पर आप सभी को मेरी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं!' उन्होंने आगे ज्योति मुखर्जी और तनीषा मुखर्जी का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उन्हें इस खूबसूरत अनुभव का हिस्सा बनाया. साथ ही, उर्वशी कार्डोज को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने उन्हें धुनाची नृत्य की बारीकियां समझाईं.निया का यह प्रशंसकों को काफी पसंद आ रहा है. वे उनकी सादगी और संस्कृति के प्रति सम्मान की तारीफ कर रहे हैं.
View this post on Instagram
पश्चिम बंगाल का पारंपरिक धुनाची नृत्य
धुनाची डांस, जिसे धुनुची नाच भी कहा जाता है, पश्चिम बंगाल का एक पारंपरिक नृत्य है जो दुर्गा पूजा के दौरान किया जाता है, खासकर संध्या आरती और महानवमी के समय. इस नृत्य में भक्त ढाक नामक ढोल की थाप पर नारियल की जटा, धूप और कोयला जली हुई धुनुची (एक प्रकार की मिट्टी की धूपदानी) हाथ में या मुंह में दबाकर नृत्य करते हैं. यह देवी दुर्गा को प्रसन्न करने, नकारात्मक शक्तियों को दूर करने और देवी के प्रति पूर्ण समर्पण व्यक्त करने का एक तरीका है.
Source: IOCL






















