एक्सप्लोरर

Madam Chief Minister Review: माया मिली न राम, फिल्म देखकर आपको होगा यही महसूस

यह पूरी तरह से राजनीतिक फिल्म नहीं है. राजनीति की पृष्ठभूमि के बावजूद यह बदले के बॉलीवुड सिनेमा जैसा रूप धरती है, जिससे इसका प्रभाव कम हो जाता है. ऋचा चड्ढा के लिए राहत यह है कि उन्हें गैर पारंपरिक ढंग की मुख्य भूमिकाएं मिल रही हैं. मगर यह फिल्म उनके करिअर में बहुत मददगार साबित होगी, इसकी उम्मीद कम है.

सुभाष कपूर ने जटिल काम चुना. पहले तो कहानी गढ़ने के लिए असल जिंदगी से किरदार लिया. दलित राजनीति की सबसे बड़ी लीडर मायावती. फिर कहानी में यह बताने में जुट गए कि जो तारा (ऋचा चड्ढा) वह दिखा रहे हैं, मायावती नहीं हैं. दरअसल दोनों मामलों में वह नाकाम साबित हुए. राजनीतिक और फिल्मी गलियारों में मायावती की बायोपिक पर बरसों से अटकलें लगती रही हैं. सुभाष कपूर बायोपिक ही बना देते तो ठीक रहता. बीते तीन दशक की भारतीय राजनीति का इतिहास बहनजी के बिना नहीं लिखा जा सकेगा. कभी प्रधानमंत्री पद की भी दावेदार मानी गईं मायावती पर सुभाष कपूर ने अपनी पारंपरिक फिल्मी कल्पनाशीलता से मैडम चीफ मिनिस्टर बना कर उनकी बायोपिक के मूल विषय को भी हाल-फिलहाल के लिए खत्म कर दिया.

बेहतर होगा कि फिल्म देखते हुए आप मायावती प्रसंग को भूल जाएं. हालांकि ऐसा करना कठिन है. मैडम चीफ मिनिस्टर यूपी की एक ऊर्जावान, जिद्दी दलित युवती की कहानी है, जो बाइक पर घूमती है. लड़कों की तरह कपड़े पहनती है. अपने बाल भी उसने लड़कों जैसे ही कटा रखे हैं. मगर सवर्ण प्रेमी इंद्रमणि त्रिपाठी (अक्षय ओबेराय) से प्रेम और प्रेग्नेंसी में मिले धोखे उसकी जीवनधारा बदल देते हैं. उसके कोई राजनीतिक ख्वाब नहीं होते लेकिन सीनियर लीडर मास्टर सूरजभान (सौरभ शुक्ला) की एंट्री उसकी जिंदगी को राजनीति की राह पर ले जाती है.

Madam Chief Minister Review: माया मिली न राम, फिल्म देखकर आपको होगा यही महसूस

बैठकों में चाय बांटती तारा पार्टी में सबसे काबिल साबित होने लगती है और राज्य की राजनीति में पार्टी के वरिष्ठजनों और विरोधियों को चित करती हुई मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच जाती है. राजनीति में उससे हाथ मिला कर चुनाव जीतने वाले जल्द ही उसके खिलाफ हो जाते हैं और गोलियां-बंदूकें चल जाती है. यहां फिर तारा की जिंदगी मोड़ लेती है और ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) दानिश रहमान खान (मानव कौल) से वह विवाह कर लेती है. लेकिन राजनीति धोखे और षड्यंत्रों का दूसरा नाम है. तारा के आस-पास चीजें तेजी के बदलती हैं. उसकी कुर्सी और जिंदगी दोनों खतरे में हैं. मगर वह अपनी चतुराई से चुनौतियों से निपटती है.

Madam Chief Minister Review: माया मिली न राम, फिल्म देखकर आपको होगा यही महसूस

कुछेक दृश्यों को छोड़ कर सुभाष कपूर दलित मुद्दे, दलित सशक्तिकरण, जातिवाद, वोटबैंक की राजनीति, भ्रूणहत्या और स्त्री विमर्श को भूलकर सीधी-सपाट फिल्मी जमीन पर खड़े रहते हैं. वह भूल जाते हैं कि उनकी नायिका दलित है, उसके संघर्षों के सामाजिक सरोकार भी हैं. सुभाष कपूर यूपी के 1990 के दशक के किरदारों, घटनाओं और गठबंधन राजनीति को अपने हिसाब से पेश करते हैं. तारा का राजनीतिक रुझान या शुरुआती संघर्ष कहीं नहीं दिखता और नई-नवेली नेता बनी इस युवती के लिए राजनीति गर्म रोटी पर मक्खन जैसी पिघलने लगती है. तारा द्वारा लड़कियों को साइकिल वितरण, लैपटॉप वितरण जैसे कार्यक्रमों के बीच फिल्म राजनीतिक खींचतान के साथ षड्यंत्रकारी और खूनी होने लगती है. यहां मैडम चीफ मिनिस्टर एक साधारण बदले की कहानी में बदल जाती है. ऐसे में निर्देशक ने तारा को दलित नहीं दिखाया होता तब भी कहानी पर कोई फर्क नहीं पड़ता. गीत-संगीत भी नारेबाजी और शोर-शराबे में तब्दील हो जाता है. यह फिल्म फंस गए रे ओबामा और जॉली एलएलबी बनाने वाले सुभाष कपूर की नहीं लगती. फिल्म राजनीति को बहुत लाउड दिखाने के बावजूद थ्रिलर में नहीं बदल पाती.

Madam Chief Minister Review: माया मिली न राम, फिल्म देखकर आपको होगा यही महसूस

सुभाष कपूर ने यह कोशिश जरूर की कि पटकथा में छोटी-छोटी घटनाएं समय-समय पर उभरती रहें, जिससे रोमांच बना रहे. मगर वे घटनाएं मुख्य कथ्य में कुछ विशेष नहीं जोड़तीं. ऋचा चड्ढा को केंद्र में रख कर उन्हें ‘हीरो’ वाला अंदाज दिया गया है लेकिन वह देर तक ठहर नहीं पाता. तारा के व्यक्तित्व की मजबूती पर कहानी का बनावटीपन हावी हो जाता है. तारा की यात्रा कहानी बढ़ने के साथ-साथ फिल्मी हो जाती है. मानव कौल का किरदार जरूर कहानी में कुछ रोमांच पैदा करता है और मास्टर सूरजभान के रूप में सौरभ शुक्ला अपनी चमक छोड़ते हैं. तारा और मास्टरजी के संबंधों की भावुकता भी कहीं-कहीं आकर्षक है. अक्षय ओबेराय बढ़िया अभिनेता हैं और वह अक्सर अपनी भूमिकाओं से न्याय करते हैं. यहां भी वह नकारात्मक राजनीति करते सवर्ण नेता और तारा के प्रेमी के रूप में जमे हैं. फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है, जिसे गंभीरता से लेकर विवाद खड़ा किया जाए. लेकिन अगर सुभाष कपूर ने ऐसी और फिल्में बनाई तो उनकी गंभीरता पर जरूर सवाल खड़े हो जाएंगे.

ENT LIVE

ABP Shorts

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

लंदन से लॉ पढ़ाई, ब्रिटेन में ही प्रैक्टिस, 30 साल की हैं खालिदा जिया की पोती जायमा रहमान, देखें 10 तस्वीरें
लंदन से लॉ पढ़ाई, ब्रिटेन में ही प्रैक्टिस, 30 साल की हैं खालिदा जिया की पोती जायमा, 10 Photos
महाराष्ट्र नगर निगम चुनाव: कांग्रेस-उद्धव गुट को लेकर बड़ी खबर, इस पार्टी के लिए भी बढ़ाए 'हाथ'
महाराष्ट्र नगर निगम चुनाव: कांग्रेस-उद्धव गुट को लेकर बड़ी खबर, इस पार्टी के लिए भी बढ़ाए 'हाथ'
PAK आर्मी के हाथ में होगी पूरे देश की लगाम, PIA पर भी किया कब्जा; आसिम मुनीर का मुंह ताकेंगे शहबाज!
PAK आर्मी के हाथ में होगी पूरे देश की लगाम, PIA पर भी किया कब्जा; मुनीर का मुंह ताकेंगे शहबाज
Year Ender 2025: इस साल इंटरनेशनल क्रिकेट में इन बल्लेबाजों ने मचाया धमाल, शुभमन गिल नंबर-1; टॉप-10 में एक पाकिस्तानी
इस साल इंटरनेशनल क्रिकेट में इन बल्लेबाजों ने मचाया धमाल, गिल नंबर-1; टॉप-10 में एक पाकिस्तानी

वीडियोज

Sandeep Chaudhary: अब क्रिसमस पर घमासान...ये है 'नया हिंदुस्तान'! | Christmas Protest | Assam
Aadhaar की तरह अब घर का भी ID, UP का Unique Property Code System | Paisa Live
Dhurandhar पर Dhruv Rathee की टिप्पणी, ट्रोलिंग और बैकलैश के बाद कमेंट्स हटाए
Bollywood News: स्टाइल से लेकर स्माइल तक, बॉलीवुड का क्रिसमस बना सुपर स्पेशल (25.12.2025)
ABP Report: तारिक रहमान...ढाका में इंतकाम! | Bangladesh Violence News | Yunus | Sheikh Hasina

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
लंदन से लॉ पढ़ाई, ब्रिटेन में ही प्रैक्टिस, 30 साल की हैं खालिदा जिया की पोती जायमा रहमान, देखें 10 तस्वीरें
लंदन से लॉ पढ़ाई, ब्रिटेन में ही प्रैक्टिस, 30 साल की हैं खालिदा जिया की पोती जायमा, 10 Photos
महाराष्ट्र नगर निगम चुनाव: कांग्रेस-उद्धव गुट को लेकर बड़ी खबर, इस पार्टी के लिए भी बढ़ाए 'हाथ'
महाराष्ट्र नगर निगम चुनाव: कांग्रेस-उद्धव गुट को लेकर बड़ी खबर, इस पार्टी के लिए भी बढ़ाए 'हाथ'
PAK आर्मी के हाथ में होगी पूरे देश की लगाम, PIA पर भी किया कब्जा; आसिम मुनीर का मुंह ताकेंगे शहबाज!
PAK आर्मी के हाथ में होगी पूरे देश की लगाम, PIA पर भी किया कब्जा; मुनीर का मुंह ताकेंगे शहबाज
Year Ender 2025: इस साल इंटरनेशनल क्रिकेट में इन बल्लेबाजों ने मचाया धमाल, शुभमन गिल नंबर-1; टॉप-10 में एक पाकिस्तानी
इस साल इंटरनेशनल क्रिकेट में इन बल्लेबाजों ने मचाया धमाल, गिल नंबर-1; टॉप-10 में एक पाकिस्तानी
ओटीटी पर हैं फ्यूचर बताने वाली ये 5 फिल्में, इनमें से एक तो 100 साल से भी ज्यादा पुरानी
ओटीटी पर हैं फ्यूचर बताने वाली ये 5 फिल्में, इनमें से एक तो 100 साल से भी ज्यादा पुरानी
'ये बुलडोजर एक्शन धार्मिक नहीं', कंबोडिया में भगवान विष्णु की प्रतिमा गिराने पर भारत ने जताई थी चिंता, अब थाईलैंड ने दी सफाई
'बुलडोजर एक्शन धार्मिक नहीं', भगवान विष्णु की प्रतिमा गिराने पर भारत ने जताई चिंता, थाईलैंड की सफाई
भीगे या कच्चे चिया बीज? जानिए सेहत के लिए कौन सा है ज्यादा फायदेमंद
भीगे या कच्चे चिया बीज? जानिए सेहत के लिए कौन सा है ज्यादा फायदेमंद
चलने-बोलने की मुश्किलें भी नहीं रोक सकीं सपना, मानवेंद्र ने पास किया UPSC एग्जाम
चलने-बोलने की मुश्किलें भी नहीं रोक सकीं सपना, मानवेंद्र ने पास किया UPSC एग्जाम
Embed widget