Birthday Special: भारी आवाज बन गई सबसे बड़ी ताकत, फिर इस तरह नाइट क्लब की सिंगर से सुपरस्टार बनीं ऊषा उत्थुप
Happy Birthday Usha Uthup: भारी के वजह से उन्हें कभी ऊषा उत्थुप को जिल्लत भी झेलनी पड़ी. फिर इसी अंदाज को अपनी ताकत बनाकर उन्होंने लोगों का दिल जीत लिया. जन्मदिन के मौके पर जानें उनके सक्सेस की कहानी.

बॉलीवुड म्युजिक की दुनिया में जब भी दमदार आवाज और स्टाइल की बात होती है, तो सबसे पहले नाम ऊषा उत्थुप का आता है. उनके गाने लोगों को झूमने पर मजबूर कर देते हैं. ऊषा अपनी दमदार आवाज के साथ कांजीवरम साड़ी, बड़ी गोल बिंदी और बालों में फूलों के गजरे से जानी जाती हैं. जन्मदिन के मौके पर जानें लीजेंडरी सिंगर के जिंदगी से जुड़ी खास बातें.
बहुत ही कम उम्र में हो गया था संगीत से लगाव
ऊषा उत्थुप का जन्म 8 नवंबर 1947 को मुंबई के एक तमिल परिवार में हुआ था. उनके पिता, वैधनाथ सोमेश्वर सामी, पुलिस विभाग में कार्यरत थे, जिसकी वजह से उनका परिवार काफी अनुशासित था. उनका लगाव बचपन से ही संगीत के प्रति रहा.
घर में रेडियो पर बड़े गुलाम अली खान जैसे कलाकारों के गीत सुनना उनकी आदत में शामिल था. उनकी संगीत में रुचि इतनी गहरी थी कि केवल नौ साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला स्टेज शो परफॉर्म किया.
भारी आवाज ही बनी करियर की सबसे बड़ी ताकत
ऊषा ने कभी भी संगीत की ट्रेनिंग नहीं ली. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि बचपन में म्यूजिक टीचर ने उनकी भारी आवाज के कारण उन्हें क्लास से निकाल दिया था, लेकिन यही आवाज उनके करियर की सबसे बड़ी ताकत बन गई.
कांजीवरम साड़ी, बड़ी गोल बिंदी और बालों में फूलों का गजरा पहनने वालीं ऊषा का करियर शानदार रहा है, लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि उन्होंने सफलता के लिए कितना संघर्ष किया था. 20 साल की उम्र में उन्होंने नाइट क्लबों में गाना शुरू किया.
शुरुआती दिनों में उन्हें केवल 750 रुपए मिले. बाद में यह बढ़कर 1500 रुपए महीने हो गए, उस दौर में इतनी रकम सैलरी के तौर पर मिलना किसी फीमेल सिंगर के लिए बेहतर माना जाता था.
गायकी के साथ स्टाइल के भी दीवाने हैं लोग
उनकी मेहनत और अनोखी शैली ने उन्हें जल्दी ही इंडस्ट्री में पहचान दिलाई. देव आनंद ने उन्हें 'बॉम्बे टॉकीज' में गाने का मौका दिया, जहां उन्होंने शंकर-जयकिशन के साथ इंग्लिश गाना गाया. इसके बाद उन्हें लगातार फिल्मों में गाने के ऑफर मिलने लगे.
ऊषा उत्थुप ने आरडी बर्मन, बप्पी लहरी और एआर रहमान जैसे दिग्गज संगीतकारों के साथ काम किया और 'दम मारो दम', 'वन टू चा चा चा', 'हरे राम हरे कृष्ण', 'महबूबा' जैसे गानों में अपनी आवाज दी.
उनके गाने आज भी लोगों के जुबान पर हैं और कई बार रेडियो और पार्टियों में सुनाई देते हैं.ऊषा उत्थुप सिर्फ एक गायक ही नहीं, बल्कि एक स्टाइल आइकॉन भी रही हैं. उनकी पॉप सिंगिंग, इंडियन क्लासिकल का मिश्रण, और शानदार व्यक्तित्व ने उन्हें भारत की पॉप सिंगिंग क्वीन बना दिया. उन्होंने 'भारत की शान: सिंगिंग स्टार सीजन 2' जैसे रियलिटी शो में जज के रूप में भी काम किया.
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