दीपिका पादुकोण ने याद किए डिप्रेशन वाले दिन, बोलीं- मानसिक स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा जागरूकता की जरूरत
बॉलीवुड स्टार दीपिका पादुकोण का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य को अब उतना लांछन माना जाता है जितना चार साल पहले माना जाता था. हालांकि इसे लेकर अभी और जागरुकता की जरूरत है.

बॉलीवुड स्टार दीपिका पादुकोण का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा जागरूकता की जरूरत है. बकौल दीपिका जब वह अपनी कॅरियर की बुलंदियों पर थी उस समय उन्हें अवसाद से जूझना पड़ा था, इसलिए आज मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चर्चा होने से वह खुश हैं, लेकिन अभी भी इस संबंध में अधिक जागरूकता पैदा करने की जरूरत है.
दीपिका पादुकोण 'लिव, लव, लाफ' के पहले वर्कशॉप इवेंट के सिलसिले में दिल्ली में थीं. उन्होंने इस मौके पर अपने उस दौर के बारे में बताया जब वह 2015 में अवसाद से गुजर रही थीं.
सफेद रंग के लिबास और चमकीले झुमके के साथ लाइट मेककप में यहां पहुंची दीपिका ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "मेरा मानना है कि बातचीत (मानसिक स्वास्थ्य पर) शुरू हो गई है. मुझे नहीं लगता है अब इसे उतना लांछन माना जाता है जितना चार साल पहले माना जाता था. लेकिन हमें इस संबंध में अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए निश्चित रूप से अभी बहुत कुछ करना होगा. मेरा मानना है कि चर्चा जारी रखनी होगी."
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भारत में सबसे महंगी अभिनेत्रियों में शुमार दीपिका ने अपने कॅरियर की शुरुआत एक दशक पहले फिल्म 'ओम शांति ओम' से की थी.
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए उन्होंने 2015 में "द लिव लव लाफ फाउंडेशन" की स्थापना की. यह फाउंडेशन तनाव, चिंता और अवसाद के बारे में जागरूकता पैदा करने के कार्य में जुटा हुआ है.
दीपिका ने कहा, "मुझे लगता है कि मीडिया ने कई तरह से चर्चा को शुरू करने में काफी भूमिका निभाई है, चाहे वह साक्षात्कार हो या समीक्षा व आलेख, लेकिन हमें निश्चित तौर पर अभी बहुत कुछ करना है, इसलिए हमने आज व्याख्यानमाला शुरू की है."
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पहला व्याख्यान पुलित्जर प्राइज विजेता लेखक पद्मश्री अलंकरण से सम्मानित सिद्धार्थ मुखर्जी ने दिया. इस मौके पर दीपिका के माता-पिता प्रकाश पादुकोण और उज्ज्वला, बहन अनिशा पादुकोण और अभिनेत्री शर्मिला टैगोर समेत विभिन्न क्षेत्रों के कई अन्य लोग मौजूद थे.
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Source: IOCL






















